23 अगस्त से शुरु होगा नगरपालिका व नगरपंचायत क्षेत्रों में प्रारुप प्रभाग रचना का काम
दिसंबर-21 से फरवरी-22 तक कार्यकाल खत्म होने वाले निकायों के प्रभागों का कच्चा प्रारुप तैयार होगा
मुंबई/दि.20 – आगामी दिसंबर2021 से फरवरी 2022 की कालावधि के दौरान कार्यकाल खत्म होने वाली राज्य की सभी नगर परिषदों व नगरपंचायतों तथा नवनिर्मित नगर परिषदों व नगरपंचायतों में प्रभाग रचना का कच्चा प्रारुप तैयार करने का काम आगामी 23 अगस्त से शुरु किया जाएगा. इस संदर्भ में राज्य निर्वाचन आयोग व्दारा आज शुक्रवार 20 अगस्त को ही एक अधिसूचना जारी की गई.जिसमें मुंबई शहर व मुंबई उपनगर जिले को छोड़कर राज्य के सभी जिलों के जिलाधीशों को प्रारुप प्रभाग रचना का कच्चा प्रारुप तैयार करने के संदर्भ में निर्देश दिया गया है.
इस संदर्भ में जारी आदेश में राज्य निर्वाचन विभाग व्दारा कहा गया है कि राज्य सरकार व्दारा 12 मार्च 2020 को जारी किए गए महाराष्ट्र नगर परिषद/नगरपंचायत तथा औद्योगिक नगरी (सुधार) अधिनियम 2020 के तहत सभी नगर परिषदों में बहुसदस्यीय प्रभाग पद्धति की बजाय एक सदस्यीय प्रभाग पद्धति लागू की गई है. ऐसे में अब एक सदस्यीय प्रभाग रचना के लिए जनगणना कार्यालय व्दारा प्रकाशित सन 2011 की जनसंख्या को आधार बनाते हुए तय समय के भीतर प्रभाग रचना का काम पूर्ण करना बेहद जरुरी है.जिसके चलते प्रारुप प्रभाग रचना की कार्रवाई शुरु की जाये. जिसके तहत संबंधित स्थानीय निकाय की सदस्य संख्या निश्चित करते हुए उतने ही प्रभागों की रचना का कच्चा प्रारुप तैयार किया जाए. ऐसा करते समय निर्वाचन आयोग व्दारा समय-समय पर जारी निर्देश, सर्वोच्च न्यायालय व्दारा जारी आदेश एवं प्रभाग रचना नियमों के प्रावधानों का कड़ाई के साथ पालन करना अनिवार्य रहेगा.
साथ ही इस अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि नगर परिषद व नगर पंचायत के विगत आम चुनाव पश्चात जारी अधिसूचना के चलते तथा जीवित विकास कामों व योजनाओं की वजह से हुए भौगोलिक बदलाव पर भी विचार किया जाना चाहिए एवं नवनिर्मित नगर परिषदों व नगरपंचायतों व्दारा अधिसूचना के अनुसार अपना क्षेत्र निश्चित कर अपने नक्शे तैयार किए जाने चाहिए.
इस अधिसूचना में कहा गया है कि उपरोक्त तमाम स्थितियों को ध्यान में रखते हुए प्रभाग रचना आरक्षण एवं आरक्षण के ड्रॉ की कार्रवाई के लिए लगने वाली कालावधि को ध्यान में रखते हुए तथा कार्यकाल समाप्ति से पूर्व चुनाव करवाया जाना संभव हो सके, इस बात के मद्देनजर फिलहाल प्रभाग रचना का कच्चा प्रारुप तैयार किया जाये और इससे संबंधित कार्रवाई 23 अगस्त से शुरु की जाए. साथ ही कच्चा प्रारुप तैयार होते ही आयोग को तत्काल ई-मेल के जरिए सूचित किया जाए और पूरी जानकारी को बेहद गोपनीय रखा जाए. क्योंकि गोपनीयता भंग होने और नियमों का पालन नहीं होने की वजह से प्रारुप प्रभाग रचना के खिलाफ आक्षेपों और अंतिम प्रभाग रचना के खिलाफ जनहित याचिकाओं के दाखिल होने की संख्या बढ़ जाती है और बिना वजह दायर होने वाले न्यायालयीन मामलों की वजह से निर्वाचन प्रक्रिया संबंधी कामों में नाहक विलंब होता है.जिसे
टाला जाना बेहद जरुरी है.