अगला विधानसभा व लोकसभा चुनाव साथ मिलकर लडेंगे
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महाविकास आघाडी के भविष्य को लेकर शरद पवार का बडा बयान
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राकांपा के 22 वें स्थापना दिवस पर किया प्रतिपादन
मुंंबई/दि.10 – विगत विधानसभा चुनाव के बाद अलग-अलग विचारधारा रखनेवाली शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस व कांग्रेस ने एकसाथ आकर राज्य में सत्ता स्थापित की. किंतु इसके बाद कहा जाने लगा कि, महाविकास आघाडी की यह सरकार टिकेगी नहीं और बहुत जल्द तीनों दल आपसी मनमुटाव के चलते अलग हो जायेंगे. किंतु महाविकास आघाडी की सरकार बेहद सफलतापूर्वक चल रही है और अपने कार्यकाल का दूसरा वर्ष पूरा करने की ओर अग्रेसर भी है. यह सरकार अपने पांच वर्ष का कार्यकाल भी पूरा करेगी और आगामी लोकसभा व विधानसभा के चुनाव भी महाविकास आघाडी में शामिल तीनों दलों द्वारा साथ मिलकर लडे जायेंगे. इस आशय का प्रतिपादन महाविकास आघाडी के शिल्पकार तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुखिया सांसद शरद पवार ने किया है. अपने इस वक्तव्य के जरिये शरद पवार ने विपक्षी दलों सहित आघाडी में शामिल दलों के असंतुष्ट नेताओं को स्पष्ट रूप से संकेत दिया है कि, महाविकास आघाडी की सरकार पूरी तरह से स्थिर है और भविष्य में भी यह आघाडी कायम रहेगी.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के 22 वें स्थापना दिवस के अवसर पर मुंबई में आयोजीत एक कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त करते हुए राकांपा प्रमुख शरद पवार ने एक ही तीर से कई निशाने साधे. जिसके तहत उन्होंने कहा कि, इससे पहले शिवसेना के साथ लंबे समय तक गठबंधन में रहनेवाले लोगोें द्वारा आज शिवसेना को विश्वास के योग्य नहीं बताया जा रहा है, जबकि उनकी (पवार) की नजर में शिवसेना बेहद विश्वसनीय पार्टी है और खुद अपने सहयोगी दल की धोखाधडी का शिकार हुई है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, शुरूआती दौर में कहा जा रहा था कि, शिवसेना और राकांपा साथ मिलकर काम नहीं किया जा सकता, किंतु आज शिवसेना व राकांपा सहित एकसाथ मिलकर बेहतरीन ढंग से काम किया जा रहा है और राज्य की जनता ने भी इस पर्याय को स्वीकार किया है. इसी सफलता को ध्यान में रखते हुए आगामी लोेकसभा व विधानसभा चुनाव में भी तीनों दल एकसाथ रहते हुए महाविकास आघाडी के बैनरतले ही चुनाव लडा जायेगा और देश व राज्य की जनता का उचित प्रतिनिधित्व किया जायेगा.
ज्ञात रहेें कि, दो दिन पूर्व सीएम उध्दव ठाकरे के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने देश की राजधानी नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भेंट की थी. उस समय पीएम मोदी व सीएम उध्दव ठाकरे के बीच थोडी देर एकांत में चर्चा भी हुई. जिसे लेकर कई तरह के राजनीतिक कयास लगाने शुरू कर दिये गये. ऐसी स्थिति में राकांपा प्रमुख शरद पवार द्वारा शिवसेना को लेकर जताये गये विश्वास को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. शिवसेना को लेकर पवार ने कहा कि, जिस समय देश में जनता पार्टी की सरकार आयी थी और उस दौर में कांग्रेस को हर ओर पराजय का सामना करना पड रहा था, तब शिवसेना ही कांग्रेस का साथ देने हेतु आगे आयी थी और शिवसेना ने इंदिरा गांधी को मदद करने हेतु विधानसभा चुनाव में अपना एक भी उम्मीदवार नहीं उतारने का निर्णय लिया था. ऐसे में शिवसेना को एक भरोसेमंद साथी कहा जा सकता है. इसके साथ ही पवार के वक्तव्य को लेकर यह भी माना जा रहा है कि, उन्होंने मोदी और ठाकरे के बीच हुई बैठक को बेहद गंभीरता से लेने के साथ ही इसे लेकर हो रही चर्चाओं पर पूर्णविराम लगाया है और शिवसेना को भाजपा की ओर से हुई धोखाधडी की याद भी दिलाई है. साथ ही साथ महाविकास आघाडी को लेकर आये दिन अलग-अलग बयान जारी करनेवाले कांग्रेस नेताओं को भी अपने इस वक्तव्य के जरिये घेर लिया है और आगामी लोकसभा व विधानसभा चुनाव में तीनोंं दलों के एकत्रित रहने का संकेत देते हुए शिवसेना सहित कांग्रेस को चुनाव में गठबंधन करने का अभी से ऑफर भी दे दिया है. ऐसे में राकांपा प्रमुख शरद पवार के वक्तव्य को बेहद गूढ अर्थ व दुरगामी सोच के साथ दिया गया बयान माना जा रहा है.