
मुंबई/दि.२७ – राज्य परिवहन निगम में कोरोना से मृत 250 से अधिक कर्मचारियों का परिवार आर्थिक मदद और नौकरी की प्रतीक्षा में है. कड़ी पाबंदियों के दौर में काम मिलना कठिन हो जाने से दिन ब दिन चिंताएं बढ़ी है. लेकिन अब रापनि के स्थापना दिन के मुहूर्त पर अर्थात 1 जून को कर्मचारियों को राहत मिलने के संकेत है.
यहां बता दें कि कोरोना से मृत हो चुके कर्मचारियों के परिजनों की विभाग निहाय जानकारी मंगायी जा रही है. कर्मचारियों के वारिसों को महामंडल में नौकरी देने के लिये प्राथमिक चर्चा की गई. महाविकास आघाड़ी के तीनों पक्षों व्दारा इसे लेकर सकारात्मक प्रतिसाद दिया जा रहा है. जल्द ही उचित निर्णय लिया जाएगा. हाल की घड़ी में मुंबई सहित राज्य में कोरोना संक्रमितों की संंख्या में तेजी से कमी आयी है. इसलिए बस सेवा शुरु करने के लिए रापनि को भी कर्मचारियों की आवश्यकता है.
रापनि में कुल 8,200 कर्मचारियों को कोरोना का संक्रमण हुआ है. इनमें से 261 कर्मचारियों की मृत्यु हुई है. जबकि 7215 कर्मचारी कोरोना से ठीक हो चुके हैं. वहीं 723 कर्मचारियों पर उपचार जारी है. कोरोना काल में अपने जान की परवाह किये बगैर मुंबई में बेस्ट मार्गों पर राज्य के हजारों चालक व कंडक्टरों ने सेवा दी. कोरोना से मरने वालों में चालक व कंडक्टरों की संख्या अधिक है. मुंंबर्ई में रहने से लेकर खाने-पीने जैसी बातों को संभालते हुए रापनि कर्मचारियों ने ईमानदारी से सेवा दी. इन कर्मचारियों की मदद के लिए रापनि हो या फिर सरकार ने कोई भी नीति घोषित नहीं की. जिससे राज्यभर में तीव्र रोष बना हुआ है.
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रापनि में कोरोना की स्थिति
कुल बाधित- 8200
मृत्यु- 261
ठीक हो चुके- 7,215
एक्टीव मरीज – 723
टीकाकरण करने वाले कर्मचारी-36183
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50 लाख का फार्स
कोरोना से मरने वाले रापनि कर्मचारियों को 50 लाख रुपए देने की घोषणा परिवहन मंत्री अनिल परब ने की थी. लेकिन यह मदद नियमों के जाल में अटकाकर केवल ग्यारह लोगों को पात्र ठहराये जाने की जानकारी है. इस मुद्दे पर महामंडल के 21 कामगार संगठनाएं भी अपनी सुविधाजनक भूमिका ले रही है. इसलिए 50 लाख की मदद का फार्स अब भी दिखाई दे रहा है.