* अमरावती मंडल से विशेष बातचीत
* निष्ठा और समर्पण के कारण उध्दव जी ने दी जिम्मेदारी
अमरावती/ दि. 12-शिवसेना उबाठा के नवनियुक्त उपनेता सुधीर सूर्यवंशी ने कहा कि पार्टी को नई चुनौतियों से पार कर गत वैभव दिलाने के लिए वे जिले और राज्य में प्रयत्न करेंगे. शीघ्र ही वे जिले के एकमात्र पार्टी विधायक गजानन लवटे को लेकर गांव- गांव का सघन दौरा कर जहां गांव, वहां शिवसेना की शाखा का गत दिनों समान समीकरण करेंगे. अमरावती मंडल से विशेष बातचीत में सूर्यवंशी ने कहा कि अमरावती पार्टी का अभेद्य दुर्ग रहा है. वह गत वैभव कठोर परिश्रम कर एक- एक शिवसैनिक को जोडकर पुन: प्राप्त करने का लक्ष्य रहेगा. उल्लेखनीय है कि पक्ष प्रमुख उध्दव ठाकरे ने दो रोज पहले अमरावती के इस खांटी शिवसैनिक को उपनेता पद की बडी जिम्मेदारी सौंपी. इस सौंपे गये दायित्व को भी निष्ठावान सेना पदाधिकारी ने अपना सम्मान इस बातचीत में बताया. उन्होंने कहा कि दो बार के विधायक नितिन देशमुख के संग उनकी समान पद पर नियुक्ति निश्चित ही पार्टी में उनके निष्ठा और समर्पण का सम्मान कहा जा सकता है.
* सातेगांव के निवासी
अंजनगांव सुर्जी तहसील के सातेगांव के मूल निवासी सुधीर सूर्यवंशी ने गत 38 वर्षो से पार्टी की संपूर्ण समर्पण के साथ सेवा की है. सातेगांव शाखा प्रमुख से 1986 से प्रारंभ कर सूर्यवंशी आज उपनेता पद के मुकाम तक पहुंचे हैं. सदैव बालासाहेब ठाकरे के विचारों का सम्मान करने और उनके प्रति संपूर्ण समर्पण भाव रखनेवाले आक्रमक लीडर सूर्यवंशी ने जहां पार्टी की 80 प्रतिशत समाज कारण के समीकरण को अपनाया वहीं ज्वलंत मुद्दों पर कठोर रवैया लेकर अत्यंत तीखे आंदोलन भी किए. जिसके कारण जेल जाने की परवाह उन्होंने कभी नहीं की. उपजिला प्रमुख, जिला प्रमुख, सह संपर्क प्रमुख, संपर्क प्रमुख जैसी पार्टी की महती जिम्मेदारियों का निर्वहन कर और अनेक अवसरों पर सहयोगी नेताओं के प्रलोभन को ठुकराकर पार्टी के प्रति अटूट निष्ठा का परिचय भी सुधीर सूर्यवंशी ने दिया है.
* बदली परिस्थिति, चुनौतियां कडी
सुधीर सूर्यवंशी ने बातचीत में मान्य किया कि पहले की तुलना में पार्टी के लिए आज हालात बदल गये हैं. उसे पुन: गत वैभव दिलाने के लिए कर्तव्य कठोर परिश्रम की आवश्यकता हैं. वे इस परिश्रम और चुनौती के लिए तैयार हैं. चुनौतियों से शिवसेना ने कब हार मानी है. सूर्यवंशी ने आगे का प्लान भी बताया.
* विधायक के साथ सघन जिला दौरा
शिवसेना के निष्ठावान लीडर ने कहा कि अमरावती पार्टी का दुर्ग है. सभी नये पुराने शिवसैनिकों को साथ लेकर काम करना है. इसके लिए वे कल मुंबई से लौटने के बाद पार्टी के विधायक गजानन लवटे को साथ लेकर जिले के प्रत्येक ग्राम, कस्बे का सघन दौरा करेंगे. जहां पार्टी की शाखाएं सक्रिय नहीं है. वहां शाखा स्थापित कर नये युवा कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारियां देंगे.
* निकाय चुनाव पर नजरें
सूर्यवंशी ने प्रश्न के उत्तर में मान्य किया कि बेशक शीघ्र संभावित जिला परिषद, ग्राम पंचायत, पालिका, महापालिका के चुनाव की दृष्टि से पार्टी की तैयारी करनी है. संगठन को मजबूत बनाना है. अमरावती जिला परिषद के दो टर्म सदस्य रहे और आक्रमक कामकाज से प्रभावित करनेवाले सूर्यवंशी ने कहा कि मिनी मंत्रालय पर कब्जे की शिवसेना उबाठा की निश्चित ही कोशिश रहेगी. अमरावती जिला परिषद पर शिवसेना सत्ता में रही है. दो बार उसके कार्यकर्ता बालासाहब भागवत और विठ्ठल चव्हाण उपाध्यक्ष रहे हैं. साथ ही सूर्यवंशी ने कहा कि उपनेता के रूप में पार्टी अन्य जिलों और राज्य के अन्य भागों के लिए भी उन्हेें जिम्मेदारी देने की संभावना हैं. उसके लिए भी वे पूरी तरह तैयार हैं.
* शिवसेना रही है मजबूत
अमरावती के शिवसेना के गढ का बारंबार उल्लेख कर सुधीर सूर्यवंशी ने कहा कि ग्राम पंचायत से लेकर सांसद तक शिवसेना के यहां विजयी हुए हैं. सांसद पद 6 बार शिवसेना के पास रहा है. कभी जिले में तीन- तीन विधायक रहे हैं. अभी भी मविआ में शिवसेना उबाठा ने ही दर्यापुर में आघाडी का झंडा उंचा रखा. ऐसी जगह शिवसेना को सुदृढ करना उनका लक्ष्य हैं.
* कपास आंदोलन, 15 दिन जेल
सूर्यवंशी ने कपास को एमपी ले जाकर बेचने में किसानों का फायदा देख उसके लिए भी आंदोलन किया. आखिर वे तगडे आंदोलन पश्चात किसानों को अपना माल मध्यप्रदेश या अन्य जगह पर ले जाकर बेचने की अनुमति दिला कर रहे. इस आंदोलन के कारण भी 15 दिन जेल में बिताने पडे.
* सीएस की धुनाई, दो बार जेल
धुरंधर लीडर सूर्यवंशी ने शिवसेना स्टाइल के तगडे आंदोलन ज्वलंत विषयों पर किए. जिसके कारण उन्हें दो बार जेल जाना पडा. उससे कतई न घबराते हुए सूर्यवंशी ने आम लोगों के लिए आवाज बुलंद करना नहीं छोडा. एक बार तो उन्हें डेढ माह का समय जेल में काटना पडा. जब उन्होंने इर्विन अस्पताल में जिला शल्य चिकित्सक की धुनाई कर दी थी. क्योंकि अस्पताल में घायल का उपचार करने से पहले पुलिस रपट का इंतजार किया जा रहा था. सूर्यवंशी ने स्वयं बताया कि पाटिल नाम की महिला झुलस गई थी. तडप रही थी. इर्विन अस्पताल में लाने पर डॉक्टर्स पुलिस बयान का इंतजार कर रहे थे. इलाज शुरू नहीं किया था. जिससे शिवसैनिक सूर्यवंशी तमतमा गये. उन्होंने तत्कालीन सीएस डॉ. खोतकर को पीट डाला. जिससे उन्हें डेढ माह जेल में रहना पडा. वे अपनी बहन शुभांगिनी के विवाह में भी उपस्थित न रह सके थे.
* लीडर हुए अलग, हर बार प्रलोभन
सूर्यवंशी लगभग 4 दशकों से बालासाहब ठाकरे की शिवसेना से जुडे हैं. अपितु उन्होंने पार्टी के लिए अपने आप को झोंक रखा है. सूर्यवंशी ने बताया कि छगन भुजबल से लेकर गणेश नाइक, नारायण राणे, राज ठाकरे के शिवसेना से अलग होने पर सभी ने सूर्यवंशी को भी साथ आने के लिए कहा. उन्हें विविध प्रलोभन दिए गये. किंतु बालासाहब का यह शिवसैनिक तनिक भी नहीं डिगा. सूर्यवंशी बताते हैं कि हाल के एकनाथ शिंदे के विद्रोह के समय भी उन्हें पदों और अन्य प्रलोभन ऑफर हुए थे. किंतु निष्ठावान सूर्यवंशी डटे रहे.
* बेटी कंपनी में, पुत्र बन रहा चिकित्सक
सूर्यवंशी की पत्नी मनीषा जी पेशे से चिकित्सक हैं. मां गीता देवी सूर्यवंशी गृहिणी है. दो बहनें विलासिनी कुदरे और शुभांगिनी भुजाडे हैं. उनकी पुत्री सिमरन मैनेजमेंट की पढाई कर निजी कंपनी में बडे ओहदे पर कार्यरत हैं. वहीं पुत्र साहिल ने मेरिट में स्थान बनाकर मुंबई की शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय में प्रवेश लिया है. एमबीबीएस चिकित्सक बनने जा रहे हैं. दो भाई मिलिंद और अविनाश सूर्यवंशी हैं.