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सचिन को स्टेडियम बनाने का काम दिया तो होगा क्या?

शरद पवार ने बताया आशीष शेलार को समर्थन करने का कारण

खेल में राजनीति नहीं लानी है
मुंबई दि.23 – बीते 3 वर्षों से महाराष्ट्र की राजनीति में भाजपा विरुद्ध महाविकास आघाडी के बीच खींचतान चल रही है. आज शिंदे-फडणवीस सरकार आने के बाद भी आरोप-प्रत्यारोप शुरु है. शिंदे गट और भाजपा पर विरोधी लगातार हमले करते है. ऐसे में राकांपा के सर्वेसर्वा शरद पवार द्बारा मुंबई क्रिकेट एसो. के चुनाव में भाजपा विधायक और मुंबई अध्यक्ष आशीष शेलार को समर्थन देने से लोगों को अचरज हुआ था. भाजपा और राकांपा के बीच नये समीकरण बनने की चर्चा शुरु हो गई थी. जिस पर शरद पवार से आज सुबह आयोजित पत्रकार परिषद में खुलासा किया.
* शेलार को बनवाया कोषाध्यक्ष
बीजेपी नेता शेलार को हाल ही में क्रिकेट बोर्ड का कोषाध्यक्ष बनाया गया है. उन्होंने पहले मुंबई क्रिकेट एसो. के अध्यक्ष पद हेतु नामांकन किया था. इस चुनाव में शेलार के पैनल में शरद पवार भी थे. पवार ने शेलार को समर्थन घोषित किया. राज्य में अन्य जगहों पर राजकीय समीकरण में भाजपा के खिलाफ ठोस भूमिका लेने वाले पवार द्बारा शेलार का समर्थन लोगों के लिए हैरानी वाला रहा. राजनीतिक हलकों में इस बारे में सवाल उठने लगे.
* क्रिकेट में नहीं लाते राजनीति
शरद पवार ने पत्रकार परिषद में स्पष्टीकरण दिया. आशीष शेलार पहले भी मुंबई क्रिकेट एसो. के अध्यक्ष रहे है. कुछ क्षेत्र ऐसे होते है, जहां राजनीति नहीं की जाती. क्रिकेट में अनेक वर्षों से हमने राजनीति नहीं की. पवार-शेलार के पैनल के अमोल काले मुंबई क्रिकेट एसो. के चुनाव में पूर्व क्रिकेटर और कोच संदीप पाटील को हरा कर अध्यक्ष चुने गये.
* तब चर्चा क्यों नहीं हुई
पवार ने कहा कि, वे क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष थे. तब गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी एक प्रतिनिधि के रुप में उनकी बैठक में उपस्थित हुए थे. उसी समय अरुण जेटली दिल्ली और अनुराग ठाकुर हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसो. के अध्यक्ष थे. उस समय बोर्ड अध्यक्ष के रुप में मैंने और प्रदेश अध्यक्ष के रुप में इन लोगों ने एकत्र काम किया. तब लोगों के ध्यान में यह बात क्या नहीं आयी. उस समय चर्चा भी नहीं हुई. आज चर्चा हो रही है. कहने का अर्थ यहीं है कि, क्रिकेट में राजनीति नहीं लानी है.
* क्या सचिन स्टेडियम बना लेंगे?
खिलाडियों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए. उन्हें आवश्यक सुविधाएं देने का काम हमारा है. उनके खेल में हम कभी नहीं पडते. सचिन तेंदूलकर, सुनील गावस्कर, दिलीप वैंगसरकर ने अपना जीवन क्रिकेट को दे दिया. इन लोगों के ज्ञान का उपयोग खिलाडी चयन और नये खिलाडी तैयार करने में होना चाहिए. यह उनका काम है. सचिन तेंदूलकर को कल स्टेडियम बनाने कहेंगे, तो उन्हें यह नहीं जमेगा. कौन से खिलाडी टीम में होने चाहिए, यह उनका काम हैं.

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