बेटे के कारण जीवन नर्क हुए पिता को न्याय मिलेगा क्या?
निर्वाह न्यायाधिकरण के आदेश की अनदेखी
नागपुर/दि.31– शहर के एक बेटे ने उसके पिता का घर अवैध रुप से कब्जे में ले लिया है. उसके अत्याचार के कारण पिता का जीवन नर्क के जैसे हो गया है. निर्वाह न्यायाधिकारण ने पीडित पिता के हित में आदेश दिया था. लेकिन संबंधित बेटे ने इस आदेश की अनदेखी की है. परिणाम स्वरुप पीडित पिता ने न्याय की गुहार लगाई है.
पीडित पिता 91 वर्षीय वरिष्ठ नागरिक और सेवानिवृत्त पुलिस उपनिरीक्षक है. वे ओंकार नगर चौक के पास के शुक्ला नगर के रहने वाले है. उन्होंने अपनी मेहनत की कमाई से घर बनाया है. लेकिन उस घर के पहली मंजिल के 6 कमरे उसके एक बेटे ने अवैध रुप से कब्जे में लिये है. बेटे को शराब की लत है. बेटा शराब पीकर पिता से गालीगलौज और मारपीट करता है. घर की सामान की तोडफोड करता है. परिणाम स्वरुप पिता ने माता-पिता और वरिष्ठ नागरिक का निर्वाह व कल्याण अधिनियम के तहत निर्वाह न्यायाधिकारण में शिकायत दर्ज की थी.
1 नवंबर 2023 को न्यायाधिकारण में इस शिकायत का निपटारा करते हुए पिता को प्रतिमाह 8 हजार रुपए निर्वाह भत्ता अदा करने अथवा उसका घर खाली करने के आदेश बेटे को दिये थे. साथ ही पिता के जीवन में दुविधा निर्माण न करने की हिदायत दी थी. लेकिन बेटे ने पिता को अब तक निर्वाह भत्ता नहीं दिया है और घर भी खाली नहीं किया है. इस कारण पिता न्याय मिलने के लिए आगे की कानूनी कार्रवाई कर रहे है. पिता की तरफ से एड. भावना ठाकर काम संभाल रही है.
* आदेश अमल के लिए आवेदन
पिता ने निर्वाह न्यायाधिकारण में आवेदन दाखिर कर 1 नवंबर 2023 के आदेश पर अमल करने का अनुरोध किया है. न्यायाधिकारण ने उसे गंभीरता से लेकर अजनी पुलिस को इस संदर्भ में 30 जनवरी और 18 मार्च 2024 को निर्देश दिये है. लेकिन अजनी पुलिस ने अब तक समाधानकारक कार्रवाई नहीं की है. इस कारण पिता ने पुलिस आयुक्त को ज्ञापन देकर अजनी पुलिस को आवश्यक आदेश देने की मांग की है.