विधायकों को मुफ्त घर का निर्णय रद्द होगा?
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने दिए संकेत
मुंबई/दि.31– अर्थसंकल्पीय अधिवेशन में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने 300 विधायकों को निःशुल्क घर देने की घोषणा की थी, लेकिन इस निर्णय से सरकार पर चारों तरफ से टिप्पणी हुई. जिसके चलते यदि किसी निर्णय से विवाद निर्माण होता हो तो उसे रोका भी जा सकता है. यह घर मुफ्त नहीं दिए जाएंगे, ऐसा कहते हुए उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने निर्णय रद्द करने बाबत स्पष्ट संकेत दिए.
महाविकास आघाड़ी सरकार की आज मंत्रिमंडल में महत्वपूर्ण बैठक हुई. बैठक से पूर्व पत्रकारों से बातचीत में उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने निर्बंध हटाने व राज्य की राजनीतिक हलचल पर चर्चा की.
अजित पवार ने स्पष्ट किया कि विधायकों को निःशुल्क घर देने बाबत मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने घोषणा की, लेकिन गृहनिर्माण मंत्री की ओर से पूरी तरह खुलासा नहीं किया गया. इसलिए विधायकों को मुफ्त में घर मिलेंगे ऐसा समझा गया. किसी भी विधायक को निःशुल्क घर नहीं मिलेंग. उन्होंने कहा कि म्हाडा के घर देते समय सर्वसामान्य नागरिकों को लकी ड्रा निकालकर निर्णय दिया जाता था. मुख्यमंत्री को म्हाडा के घर देने बाबत अधिकार है, जिनमें पत्रकार, कलाकार, राजनीतिक लोक प्रतिनिधि का समावेश है.यह निर्णय कोर्ट में गया और वह बंद हो गया. लेकिन अब म्हाडा को कुछ अधिकार है, लेकिन एक निर्णय के विरोध में सोशल मीडिया में काफी चर्चा हुई.
मंत्री अजित पवार ने कहा कि मैंने उस समय कहा था कि 31 मार्च तक जो घटनाएं घटी है. एसटी कर्मचारियों की हड़ताल पीछे लेने के लिए आवाहन किया गया था,लेकिन एसटी कर्मचारियों ने अब तक हड़ताल पीछे नहीं ली, आज आखिरी दिन है. कल से कड़ी कार्रवाई की जाएगी. कल यदि समय मिला तो जिन कर्मचारियों को बाजू में किया गया है, उनकी जगह पर नई भर्ती की जाएगी. ऐसी चेतावनी अजित पवार ने एसटी के हड़ताली कर्मचारियों को दी.