महाराष्ट्र

महाराष्ट्र की राजनीति में फिर भूकंप आएगा?

शिंदे गुट के नेता संजय शिरसाट के वक्तव्य से खलबली

मुंबई/दि.15– महाराष्ट्र की राजनीति में फिर से बडी उथल-पुथल होने के संकेत विधायक संजय शिरसाट ने दिए है. साथ ही शिवसेना शिंदे गुट के लोकसभा उम्मीदवारो की सूची सोमवार तक घोषित होने की जानकारी भी उन्होंने दी है. इस कारण राजनीतिक क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चा शुरू हो गई है.

लोकसभा चुनाव की आचारसंहिता जल्द लागू होने की संभावना है. इस पृष्ठभूमि पर भाजपा, कांग्रेस ने उम्मीदवारो की सूची घोषित की है. इसमें भाजपा ने महाराष्ट्र के 20 उम्मीदवारो की सूची घोषित की. लेकिन महाविकास आघाडी की सीटो का मामला अब तक सुलझा नहीं है. वहीं दूसरी तरफ महागठबंधन के एनसीपी अजीत पवार गुट और शिवसेना शिंदे गुट की उम्मीदवारो की सूची घोषित होना बाकी है. शिंदे गुट की सूची रविवार अथवा सोमवार को घोषित होने की संभावना है. इस पृष्ठभूमि पर शिवसेना प्रवक्ता संजय शिरसाट ने बडा वक्तव्य किया है. उन्होंने महाराष्ट्र की राजनीति में फिर एक बार उथल-पुथल होने के संकेत दिए है. वें पत्रकार परिषद में बोल रहे थे. शिरसाट ने कहा कि लोकसभा चुनाव में रासप के नेता महादेव जानकर को एक सीट देने का आश्वासन शरद पवार ने दिया रहने की जानकारी महादेव जानकर ने ही दी थी. इस पर संजय शिरसाट ने कहा कि शरद पवार की मुलाकात को अनेक लोग जा रहे है. जानकर भी जाएगे. लेकिन आगामी दो दिनों में हमारी तरफ आनेवालो की संख्या देखी तो आश्चर्य हुए बिना नहीं रहेंगा. शिरसाट ने कहा कि एमआयएम महाराष्ट्र में लोकसभा की 6 सीटो पर लडने की संभावना है. इस बाबत छत्रपति संभाजीनगर के सांसद इम्तीयाज जलील ने संकेत भी दिए है. साथ ही सांसद इम्तीयाज जलील ने अपना प्रचार भी शुरू कर दिया है. 2024 का लोकसभा चुनाव जीतेंगे, ऐसा दावा भी वें कर रहे है. इस पर शिवसेना प्रवक्ता संजय शिरसाट ने कहा कि प्रत्येक उम्मीदवार अपनी शैली में प्रचार करते रहते है. लेकिन इस बार छत्रपति संभाजीनगर में एमआयएम नाम तक नहीं रहेंगा, यह निश्चित है.

* वंचित और महाविकास आघाडी में गठबंधन नहीं होगा
लोकसभा चुनाव निमित्त वंचित बहुजन आघाडी और महाविकास आघाडी के बीच गठबंधन होने की चर्चा शुरू है. इस संदर्भ में वंचित बहुजन आघाडी और महाविकास आघाडी के नेताओं में बैठको के दौर भी चल रहे है. इस बैठक में एड. प्रकाश आंबेडकर को नहीं बुलाया गया, यानी महाविकास आघाडी को वंचित के साथ गठबंधन नहीं करना है, यह बात स्पष्ट है. इस आघाडी की शुरूआत ही गडबडी की है, ऐसा भी शिरसाट ने कहा.

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