महाराष्ट्र

बालगृह के बच्चों की उच्च शिक्षा हेतु प्रयास करेंगी

महिला व बालविकास मंत्री यशोमती ठाकूर का आश्वासन

मुंबई/दि.२७ – बचपन में अत्याचारों का सामना कर अपनी मानसिकता खोने वाली बालिका ने इन सभी यातनाओं को नजरअंदाज करते हुए बाल सुधार गृह में रहकर एक नई उड़ान भरने का काम किया है. हाल ही में कक्षा दसवीं की परीक्षा में बालिका ने 97 फीसदी अंक प्राप्त किये. जिसके चलते इन बच्चों का महिला व बालविकास मंत्री एड. यशोमती ठाकूर ने अभिनंदन किया. एड. यशोमती ठाकूर ने कहा कि यह बात किसी एक बालिका की नहीं, बल्कि बालगृह के अन्य छात्रों का भी है, जिन्होंने दसवीं की परीक्षा में सफलता हासिल की है. इन छात्रों की अगली पढ़ाई के लिये भी वे आवश्यक मदद करेंगी.
सरकार के बालगृह व अनुरक्षण गृह में रहने वाले 574 लड़के-लड़कियों ने कक्षा दसवीं की परीक्षा में सफलता हासिल की है. उनकी इस सफलता का एक महत्वपूर्ण चरण होकर महिला व बालविकास विभाग व्दारा आगे भी इन विद्यार्थियों की उच्च शिक्षा व कौशल्य विकास के लिये प्रयास किया जाएगा. शिक्षा के माध्यम से बालकों के पंखों को बल देने का काम शासन व्दारा निश्चित ही किया जाएगा, ऐसा आश्वासन महिला व बालविकास मंत्री एड. यशोमती ठाकूर ने दिया.
राज्य के विविध कारणों से आधार की आवश्यकता रहने वाले बच्चे बालगृह में तो विधि संघर्ष ग्रस्त बालक (चाईल्ड इन कॉन्फ्लिक्ट विथ लॉ) पुनर्वसन की दृष्टि से अनुरक्षण गृह में दाखल किये जाते हैं. इन बच्चों के पालन पोषण सहित शिक्षा तथा सर्वांगीण विकास हेतु सभी सुविधाएं शासन व्दारा की जाती है. अत्याचार पीड़ित या अन्य कारणों से बालगृह मेंं आने वाले वहीं राह भटकने के कारण अनुरक्षण गृह में आने वाले बच्चों के भविष्य की दृष्टि से शिक्षा की जिम्मेदारी विभाग व्दारा ली जाती है. इसके लिए इन बच्चों को शालेय के साथ ही उच्च शिक्षा के लिये मार्गदर्शन व मदद की जाती है.
दसवीं की परीक्षा में राज्य के विविध बालगृह एवं अनुरक्षण गृह के करीबन 600 विद्यार्थी बैठे थे. इनमें से 574 विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए. जिसमें 284 लकियां व 290 लड़कों का समावेश है. ज्ञात रहें कि इनमें से करीबन 60 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थियों ने प्रथम श्रेणी अथवा विशेष श्रेणी में सफलता हासिल की है. इस परीक्षा में सफलता प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों का गौरव कर उन्हें मंत्री एड. यशोमती ठाकूर ने शुभकामनाएं दी है.

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