महाराष्ट्र

CBI के साथ अब ED ने बढ़ाई महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की मुश्किलें

मनी लॉन्ड्रिंग केस में अटैच की 4.2 करोड़ की संपत्ति

मुंबई/दि. 16 – पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख द्वारा 100 करोड़ वसूली मामले की जांच जहां एक तरफ सीबीआई कर रही है तो वहीं प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी देशमुख परिवार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. ईडी ने पीएमएलए के तहत अनिल देशमुख और उनके परिवार की 4 करोड़ 20 लाख रुपये की संपत्ति को अटैच कर दिया है. ये संपत्ति अनिल देशमुख की पत्नी आरती देशमुख और उनकी कंपनी प्रीमियर पोर्ट लिंक्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर है.
ईडी द्वारा अटैच की गई संपत्ति में एक फ्लैट है, जिसकी कीमत 1 करोड़ 54 लाख रुपये है. ये फ्लैट वर्ली इलाके में है जहां अनिल देशमुख रहते हैं. इसके अलावा 25 लैंड पार्सल है जिसकी कीमत 2 करोड़ 67 लाख रुपये है जो कि महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के उरण में स्थित है. ईडी की जांच में पता चला है कि अनिल देशमुख ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री के तौर पर मुंबई पुलिस के तत्कालीन सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे के माध्यम से विभिन्न ऑर्केस्ट्रा बार मालिकों से लगभग करीब 4 करोड़ 70 लाख रुपये कैश रिश्वत के रूप में लिए थे. ताकि वो अपना व्यापार आसानी से कर सके. इन रुपयों को अनिल देशमुख ने अपने बेटे हृषिकेश के जरिये दिल्ली स्थित डमी कंपनियों की मदद से, 4 करोड़ 18 लाख रुपये को लॉन्ड्र किया और इसे श्री साईं शिक्षण संस्था में चेक की जरिए लिया. इस संस्था को देशमुख परिवार ही चलता है.

  • 2004 में फ्लैट खरीदा, 2020 में गृह मंत्री रहते किया रजिस्ट्रेशन

जांच में ये भी पता चला कि वर्ली स्थित जिस फ्लैट का रजिस्ट्रेशन अनिल देशमुख की पत्नी आरती देशमुख के नाम पर है उसका पूरा भुगतान 2004 में कैश के माध्यम से किया गया था. हालांकि, इसके रजिस्ट्रेशन का काम फरवरी 2020 में किया गया जब अनिल देशमुख महाराष्ट्र के गृह मंत्री थे. इसके अलावा देशमुख परिवार का मेसर्स प्रीमियर पोर्ट लिंक्स प्राइवेट लिमिटेड में 50 फीसदी मालिकाना हक है. इस कंपनी की संपत्ति लगभग 5 करोड़ 34 लाख है जिसके लिए देशमुख परिवार की तरफ से केवल 17 लाख 95 हज़ार लाख रुपये का भुगतान किया गया है.

  • ED ने CBI की एफआईआर को बनाया आधार

मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह द्वारा महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ वसूली के आरोप लगाने के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट होते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंचा. फिर बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस मामले में सीबीआई को प्राथमिक जांच का आदेश दिया था. सीबीआई ने प्राथमिक जांच में अनिल देशमुख पर भ्रष्टाचार के लगे आरोपों को सही पाया और एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की थी. उसी एफआईआर को आधार बनाकर ईडी ने पीएमएलए के तहत अनिल देशमुख के खिलाफ जांच शुरू की और अनिल देशमुख के दो सहयोगी कुंदन और संजीव पलांडे को गिरफ्तार कर लिया.

  • ED की पूछताछ में अबतक शामिल नहीं हुआ देशमुख परिवार

फिलहाल अनिल देशमुख उनकी पत्नी और बेटे को ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया है लेकिन अभी तक परिवार का कोई भी सदस्य ईडी के सामने पूछताछ में शामिल नहीं हुआ है. जबकि ईडी ने अनिल देशमुख के नागपुर और मुंबई स्थित आवास पर छापेमारी की है और तमाम डाक्यूमेंट्स सीज़ किये हैं. वहीं अनिल देशमुख सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं और वो चाहते हैं कि जब तक सुप्रीम कोर्ट इस मामले में उनकी दलील नहीं सुन लेता तब तक ईडी उन पर कोई ठोस कार्यवाही ना करें. हालांकि अभी तक सुप्रीम कोर्ट में अनिल देशमुख की याचिका पर सुनवाई के लिए तारीख तय नहीं की है.

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