पुणे/दि.20 – केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा के सामने नशीले पदार्थों, हथियारों की तस्करी, जाली नोट और घुसपैठ जैसी चुनोैतियां हैं, मगर बहुत से कदम उठाए जा सकते हैं. अपराध के मामलों में सजा की दर को फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोग शालाओं (एफएसएल) की मदद से बढाया जा सकता है. देश में फॉरेंसिक विज्ञान के लिए क्षमता का विस्तार करने की जरुरत है ताकि अपराध के मामले में दोष सिध्दि दर बढाई जा सके.
शाह ने रविवार को पुणे जिले के तालेगांव में स्थित केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला का दौरा किया. वहां उन्होंने केंद्र के एक नए परिसर का उद्घाटन किया. उन्होंने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की एक इकाई का भी दौरा किया. वहां उन्होंने एनडीआरएफ कर्मियों के साथ बातचीत की और बल के जवानों के साथ दोपहर का भोजन किया. तालेगांव में एनडीआरएफ में एक संयुक्त कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शाह ने बाढ, चक्रवात या इमारत ढहने जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान बल के काम की सराहना की.
शाह ने कहा कि हर राज्य को फॉरेंसिक विज्ञान के लिए एक समर्पित कॉलेज स्थापित करना चाहिए. ऐसे संस्थान को इस विश्वविद्यालय से संबंध रखना चाहिए. भारत में अपराध के मामलों में सजा की दर दुनिया में कहीं और की तुलना में काफी कम है. हमारा उद्देश्य इस दर को बढाना होना चाहिए. अगर हम अपराध को नियंत्रित करना चाहते हैं तो यह तब तक संभव नहीं है. जब तक हम अपराधियों को सजा नहीं देते. अपराधियों को सजा देने का काम तब होगा जब हमारे पास जांच की प्रक्रिया में वैज्ञानिक साक्ष्य के लिए जगह होगी. फॉरेंसिक साक्ष्य के लिए जगह होगी. फॉरेंसिक विज्ञान के और कॉलेजों के साथ प्रशिक्षित जनशक्ति होगी.