महाराष्ट्र

नतीजे के बाद मुख्यमंत्री को कितने दिनों में शपथ लेना अनिवार्य?

क्या कहता है नियम?

मुंबई /दि. 29– महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का नतीजा लगने के बाद महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री बाबत सस्पेंस कायम है. नए मुख्यमंत्री की शपथविधि दिसंबर के पहले सप्ताह में होना लगभग निश्चित हो गया है. लेकिन राज्य का मुख्यमंत्री कौन होगा? उसका नाम अब तक सामने नहीं आया है. चुनाव में जीत के बाद मुख्यमंत्री निश्चित करने के लिए महायुति के नेता लगातार बैठक ले रहे है.
गुरुवार 28 नवंबर की रात भी गृहमंत्री अमित शाह के दिल्ली के निवासस्थान पर हुई बैठक में महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री कौन होगा, इस बात का जवाब नहीं मिला. ऐसा दावा किया जा रहा है कि, मुख्यमंत्री के नाम पर अभी भी सस्पेंस कायम है. इस कारण अब चुनाव नतीजा घोषित होने के बाद कितने दिनों में शपथविधि होना अनिवार्य है, ऐसा प्रश्न उपस्थित हो रहा है. यदि ऐसा नहीं हुआ तो राज्यपाल क्या कार्रवाई करते है? इन सवालो के जवाब आप जान ले…
सवाल – नए मुख्यमंत्री शपथ कितने दिनों में लेना अनिवार्य है?
जवाब – सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता आशीष पांडे कहते है, चुनाव नतीजा घोषित होने के बाद कितने दिनों मुख्यमंत्री पद की शपथ लेना चाहिए इस बाबत भारतीय संविधान में कोई भी स्पष्ट नियम नहीं है. लेकिन राज्य के विधानसभा चुनाव के नतीजे लगने के बाद 1 से 7 दिनों में मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा की जाती है अथवा शपथ लेने की प्रक्रिया भी पूर्ण होती है.
सवाल – किसी भी दल ने सरकार स्थापना का दावा नहीं किया तब?
जवाब – यदि किसी भी दल ने सरकार स्थापना का दावा नहीं किया तब ऐसी परिस्थिति में राज्यपाल सर्वाधिक उम्मीदवार जीतनेवाली पार्टी को सरकार स्थापना का दावा करने आमंत्रित करती है. यदि सर्वाधिक सीटे जीतनेवाली राजनीतिक पार्टी राज्य में सरकार स्थापित नहीं कर पाई तो राज्यपाल दूसरे नंबर की पार्टी को सरकार स्थापित करने के लिए आमंत्रित कर सकती है. लेकिन राज्य में सरकार स्थापना को काफी देरी होती होगी तो राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश करने का अधिकार राज्यपाल को निश्चित है.
सवाल – भारतीय संविधान की धारा 356 क्या है?
जवाब – भारतीय संविधान की धारा 356 में कहा गया है कि, जब राष्ट्रपति, राज्यपाल की तरफ से रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद अथवा राज्य की सरकार संविधान के प्रावधान के मुताबिक चलाते नहीं आ सकी तो राष्ट्रपति शासन लागू किया जाता है. शुरुआत के चरण में राष्ट्रपति शासन 6 माह के लिए वैध रहता है. लेकिन आवश्यक रहा तो वह ज्यादा से ज्यादा तीन साल तक बढाया जा सकता है. महाराष्ट्र में ऐसी परिस्थिति दिखाई नहीं देती. आगामी दो-तीन दिनों में मुख्यमंत्री का नाम सामने आएगा, ऐसा दावा किया जा रहा है.

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