विश्व में केवल सनातन धर्म में ही महिलाओं का सम्मान
दुर्गा बिसंदरे का प्रतिपादन, कर्तव्यनिष्ठ महिलाओं का किया सम्मान

धारणी /दि. 10– समूचे विश्व में सनातन हिूंद धर्म ही एकमात्र ऐसा धर्म है जो महिलाओं को समानता का दर्जा व समान अधिकार देता है. यह परंपरा हिंदू धर्म में हजारों वर्षों से चली आ रही है. परंतु इस बीच कुछ विदेशी ताकतों द्वारा हमारे देश पर उनके धर्म का प्रचार करने और यहां की संपत्ति लूटने हेतु आक्रमन किया गया. साथ ही सैकडों वर्षों तक विदेशी ताकतों ने इस देश पर राज करते हुए सनातनी हिंदू संस्कृति को नष्ट करने का प्रयास भी किया. जिसके चलते खुद सनातनी हिंदू धर्म से वास्ता रखनेवाले लोगों में अपने ही धर्म को लेकर एकतरह की नकारात्मकता पैदा हो गई. जिसे समाप्त किए जाने की सख्त जरुरत है, इस आशय का प्रतिपादन दुर्गाताई बिसंदरे द्वारा किया गया.
विश्व महिला दिवस के अवसर पर स्कील इंडिया द्वारा धारणी में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. जिसमें दुर्गाताई बिसंदरे मुख्य अतिथि के तौर पर अपने विचार व्यक्त कर रही थी. साथ ही इस समय स्कील इंडिया की महिला पदाधिकारी क्षमा चौकसे, मोनिका पांडे, अश्विनी पटेल, आनंदी भिलावेकर, जसोदा दहीकर, खुशी पाल व काजल पकडे आदि मंच पर विराजमान थे. इस कार्यक्रम में घरकाम करते हुए अपने परिवार की जरुरतों को पूरा करनेवाली तथा आर्थिक बचत करनेवाली रुक्मिणी बेलसरे, अनिता धुर्वे व दुर्गा पाल का शाल-श्रीफल व साडी देकर सत्कार किया गया. साथ ही बेहतरीन स्वास्थ सेवाएं उपलब्ध करानेवाली सीएचओ आशा मुंडे का पुष्पगुच्छ देकर सम्मान किया गया. इस अवसर पर अंगणवाडी सेविका सरस्वती जावरकर, नर्मदा गवई, अनिता भिलावेकर, रमा पाल, माया चिलाटे, मनीषा भिलावेकर, रुपाली तंतरपाले, माया गोरे व चंद्रकला गवई आदि महिलाएं उपस्थित थी.