सिंधुदुर्ग/दि.20- जिले के कुडाल के कृषि व बागायतदार चंद्रकांत काजरेकर के हापूस आम के पेड पर लगे पत्ते का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड व वर्ल्ड वाइल्ड बुक में विश्व के सबसे बडे पत्ते के रूप में रिकॉर्ड दर्ज हुआ है. प्रकृति की सुंदरता से हर कोई परिचित है. प्रकृति की विशेषता हटकर होती है. ऐसे ही सिंधुदुर्ग जिला मध्यवर्ति सहकारी बैंक के प्रधान कार्यालय में प्रथम प्रशासन अधिकारी और बाद में अकाउंट व्यवस्थापक के रूप में 32 साल तक सेवा देने के बाद सेवानिवृत्त होने वाले कारजेकर आम और काजू का बगीचा तैयार किया. उन्हें इसमें दिलचस्पी थी. उन्होंने अपने बगीचे में लाए हापूस आम के पेड पर लगा पत्ता काफी लंबा और चौडा दिखाई दिया. जिसके बाद उन्होंने पत्ते की चौडाई और लंबाई नापी. गुगल की सहायता से विश्व रिकार्ड जांचा. निरीक्षण के बाद उन्हें यह विश्व का रिकार्ड हो सकता है, ऐसा लगा. विश्व रिकार्ड के प्लॅटफॉर्म तक इसे ले जाने के लिए उन्होंने अपनी बेटी डॉ.नालंदा परब व डॉ.नुपूर अगरवाडकर और दामाद धीरज परब व डॉ.देवेन अगरवाडकर की मदद से गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्डस, वर्ल्ड वाइड बुक ऑफ रिकॉर्ड इन दो जगह पर रिपोर्ट भेजी. इसके बाद पुनर्जांच का रिकॉर्ड तैयार करते समय संत राउल महाराज महाविद्यालय के तत्कालीन प्राचार्य डॉ.विलास झोडगे के सहयोग से महाविद्यालय के वनस्पति शास्त्र विभाग के टीम की सहायता मिली. हापूस आम के पत्ते की लंबाई 55.6 सेंमी व चौडाई 15.6 सेंमी है. विश्व के सबसे बडे हापूस आम के पेड का पत्ते के रूप में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड व वर्ल्ड वाईल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड ऐसे दो विश्व रिकार्ड चंद्रकांत काजरेकर के नाम पर दर्ज हुए है.