बेरोजगारों को सताने लगी फिक्सड डिपॉजिट की चिंता
अनाज खरीदी केंद्र पर जमा करने पडेगें १० लाख रुपए
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पणन महासंघ का निर्णय
गोंदिया प्रतिनिधि/दि.२९ – बेरोजगारों की संस्थाओं को धान खरीदी केेंद्र मंजूरी कराने के लिए सरकार ने ५० हजार रुपए डिपॉजिट रखने की योजना तय की है.लेकिन इस बार यह रकम २० लाख रुपए कर दी गई है. इसके विरोध में आवाज उठानेे के बाद यह आंकडा १० लाख किया गया है. बावजूद इसके इतनी बडी रकम अधिकांश संस्थाओं को देना कठिन होगा. जिससे बडे व्यापारियों के पास यह केंद्र जाने की संभावना बढ गई है. नए कृषि विधेयक के माध्यम से केवल पेन कार्ड द्वारा कृषि माल खरीदी किए जाने की तस्वीर तैयार की जा रही है. यह बात सामने आने पर रोष भी जताया जा रहा है.
यहंा बता दें कि पढे लिखे बेरोजगारों को रोजगार देने की दृष्टि से कांग्रेस राष्ट्रवादी आघाडी सरकार रहने पर पढे लिखे बेरोजगारों की संख्या पंजीबद्ध की गई. इन संस्थाओं को सरकार के अलग-अलग विभागों के माध्यम से दिए जाने वाले काम दिए गए. जिससे पढे लिखे बेरोजगारों के रोजगार की समस्या कुछ हद तक दूर हो गई. अनेक बेरोजगारों ने एकत्रित आकर संस्थाएं स्थापित की. इन संस्थाओं को अनाज खरीदी केंद्र शुरु करने की अनुमति दी गई. लेकिन पणन महासंघ के नए निर्णय से पढे लिखे बेरोजगारों की संस्था के सामने परेशानिया बढ गई है. अनाज खरीदी केंद्र स्थापित करते समय संस्थानों को लगभग ५० हजार रुपयों का डिपॉजिट रखना पडता है. बीते वर्ष तक यह निर्णय चलाया जा रहा था. लेकिन इस बार निर्णय में बदलाव कर फिक्सड डिपॉजिट की रकम २० लाख रुपए कर दी गई. दो दिनों पहले पणन महासंघ ने निर्णय में बदलाव करते हुए १० लाख रुपए तक समित किए गए. संस्थानो को यह रकम सरकार के पास जमा करनी पडेगी. पुरानी संस्थाओं की रकम पहले सरकार के पास जमा रहने से उन पर यह निर्णय लागू नहीं रहेगा. लेकिन नए से खरीदी केंद्र स्थापित करने के लिए आवेदन करने वालों को यह रकम फिक्स डिपाजिट के तौर पर जमा करनी पडेगी. अनाज खरीदी के लिए स्थापित की गई संस्था बेरोजगार होगी तो उनके पास से १० लाख रुपए की रकम रहना संभव नहीं है. यह रकम रहने वाले बेरोजगार कैसे हो सकते है इसका भी विचार करना आवश्यक है. विधायक विजय राहगंडाले ने आरोप लगाया है कि १० लाख रुपए का फिक्सड डिपॉजिट की शर्त रखना पूरी तरह से बेरोजगारों की खिल्लीयां उडाना है.