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पुणे में अखबार बेचने वाले की बेटियों की यशोगाथा

पुणे./दि.16 – यहां बाणेर क्षेत्र में 1977 से समाचार पत्र विक्री करने वाले राजेंद्र पिंगले ने न सिर्फ अपनी गृहस्थी ठीक की. अपितु अपनी दोनों बेटियों स्नेहल तथा निकिता को पढा-लिखाकर अपने पैरों पर खडा किया है. आज उनकी बडी बेटी स्नेहल सनदी लेखापाल अर्थात चार्टड अकाउंटंट के रुप में अंतर्राष्ट्रीय सीए फर्म में संचालक है, तो छूटकी निकिता ने कंपनी सेक्रेटरी के रुप में ब्रिटेन की कंपनी के सहायक उपाध्यक्ष के रुप में पद प्राप्त किया है. अपनी दोनों बेटियों की सफलता से प्रसन्न राजेंद्र पिंगले को उन पर बडा अभिमान है.
* लडकियों की पढाई पर ध्यान
राजेंद्र पिंगले ने बताया कि, आज समाचार पत्र विक्री के व्यवसाय को तुलना में ठीक-ठाक माना जाता है. उनके दौर में ऐसी स्थिति न थी. कोई जोड धंधा भी न था. ऐसे में समाचार पत्र बेचकर उन्होंने परिवार चलाया. परिस्थिति से संघर्ष किया. किंतु लडकियों की शिक्षा पर कभी दुर्लक्ष नहीं किया. वे स्वयं वाणिज्य शाखा के विद्यार्थी रहे है. लडकपन से ही उन्होंने बेटियों को पढाई का महत्व बता दिया था.
* बेटियों पर गर्व
राजेंद्र पिंगले बताते हैं कि, बेटा चाहिए, इस बात के लिए अनेक अभिभावकों को समाज में ताने सुनने पडते हैं. उन्होंने भी इस प्रकार की कुछ बातों को सहन किया. आज 45 वर्षों से वे समाचार पत्र का व्यवसाय कर रहे हैं. आज भी 300 घरों मेें अखबार पहुंचाते है. उनकी मेहनत को बेटियों ने सफल कर दिया. वे आत्मनिर्भर बन गई है. पिंगले कहते है कि, बेटियों की सफलता उनके लिए गौरव की बात है. स्नेहल अंतर्राष्ट्रीय सीए फर्म डिलाईट में संचालक के रुप मेें कार्यरत है. निकिता सहायक उपाध्यक्ष के रुप में सालाना 70 लाख रुपए का पैकेज प्राप्त कर रही है. पिंगले कहते है कि, उनके सफर में जीवन संगीनी प्रीति का साथ और सहयोग महत्वपूर्ण रहा.

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