आपने उनकी पार्टी व चिन्ह छीने, तो सामंजस्य की अपेक्षा क्यों?
अजित पवार ने की उद्धव ठाकरे की ओर से ‘बैटींग’
मुंबई/दि.9 – राज्य में शिंदे-फडणवीस सरकार की स्थापना होकर 7 महिने पूरे हो चुके है. इस दौरान राज्य के उपमुख्यंत्री देवेंद्र फडणवीस और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बीच राजनीतिक संघर्ष लगातार तेज होता रहा. वहीं दो दिन पहले एक कार्यक्रम में डेप्यूटी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे के लिए कहा कि, हम आपस में दुश्मन नहीं है. बल्कि हमारी वैचारिक लडाई है. अत: सामांजस्य पूर्ण भूूमिका अपनानी चाहिए. जिस पर राज्य के नेता प्रतिपक्ष व राकांपा नेता अजित पवार ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, भाजपा व फडणवीस ने उद्धव ठाकरे की पार्टी को दो टूकडे कर दिया. साथ ही उनसे उनकी पार्टी का नाम व चुनाव चिन्ह भी छीन लिया गया और अब उनसे यह अपेक्षा भी की जा रही है कि, वे सामांजस्य पूर्ण भूमिका अपनाएं, यह कैसे संभव हो सकता है.
एक मराठी न्यूज चैनल के साथ बातचीत में उपरोक्त प्रतिक्रिया देने के साथ ही राकांपा नेता अजित पवार ने कहा कि, राजनीति में कभी भी कुछ भी होना संभव है. 7 महिने पहले किसी ने शायद ही सोचा होगा कि, शिवसेना में इतने बडे पैमाने पर बगावत होगी और एकनाथ शिंदे राज्य के मुख्यमंत्री बनेगे. साथ ही इससे पहले मुख्यमंत्री रह चुके देवेंद्र फडणवीस शिंदे की सरकार में उपमुख्यमंत्री होंगे. लेकिन यह सब प्रत्यक्ष में घटित हुआ है.
* पूरक मांगों में भाजपा को झुकता माप
इसके साथ ही राज्य सरकार के बजट को लेकर अपने विचार व्यक्त करते हुए राकांपा नेता अजित पवार ने कहा कि, पूरक मांगों में भाजपा को 83 फीसद व शिंदे गुट को केवल 17 फीसद निधि दी गई है. यानि एक तरह से भाजपा के मंत्रियों व विधायकों हेतु झुकता माप दिया गया है. ऐसे में भाजपा के साथ जाने वाले शिंदे गुट के विधायकों के हाथ इस बार के बजट में कोई खास उपलब्धि नहीं आयी है. इसे बेहतर तो पिछले बजट के समय तत्कालीन मुख्यंमत्री उद्धव ठाकरे ने अपने सभी विधायकों द्बारा सुझाए गए कामों को मंजूर किया था.