अमरावतीमहाराष्ट्र

प्रचार के लिए मिलेगा केवल 18 दिनों का समय

चुनावी नतीजे के लिए करनी होगी सवा माह प्रतिक्षा

अमरावती/दि.18– विगत शनिवार को केंद्रीय निर्वाचन आयोग द्वारा आगामी लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया गया. 7 चरणों में कराये जाने वाले इस चुनाव के दूसरे चरण में अमरावती सहित पश्चिम विदर्भ के संसदीय क्षेत्रों में मतदान कराया जाएगा. जिसके चलते अमरावती सहित अकोला, यवतमाल-वाशिम व बुलढाणा के साथ ही वर्धा तथा मराठवाडा के हिंगोली, नांदेड व परभणी संसदीय सीटों पर 26 अप्रैल को मतदान कराया जाएगा. जिसके लिए सभी संसदीय सीटों पर उम्मीदवारों को अपना प्रचार करने हेतु मात्र 18 दिनों का समय मिलेगा और 26 अप्रैल को मतदान निपटने के बाद सवा माह तक चुनावी नतीजा आने की प्रतिक्षा करनी पडेगी, क्योंकि सातों चरणों के तहत देशभर में मतदान की प्रक्रिया निपटने के उपरान्त 4 जून को देश के सभी संसदीय क्षेत्रों की मतगणना के साथ-साथ अमरावती संसदीय क्षेत्र में पडे वोटों की गिनती की जाएगी और 6 जून से पहले मतगणना का काम खत्म करते हुए चुनावी नतीजे घोषित कर दिये जाएंगे.

केंद्रीय निर्वाचन आयोग द्वारा जारी चुनावी कार्यक्रम के मुताबिक अमरावती संसदीय क्षेत्र सहित बुलढाणा, अकोला, वर्धा, यवतमाल-वाशिम तथा मराठवाडा के हिंगोली, नांदेड व परभणी संसदीय सीटों हेतु 28 मार्च को नोटीफिकेशन जारी होगा. जिसके बाद 4 अप्रैल तक नामांकन दाखिल किये जाएंगे और 5 अप्रैल को नामांकनों की पडताल की जाएगी. साथ ही 8 अप्रैल तक नामांकन वापसी की मुदत रहेगी. जिसके बाद प्रत्याशियों की अंतिम सूची घोषित करते हुए चुनाव चिन्हों का आवंटन किया जाएगा और 26 अप्रैल को इन सभी सीटों पर मतदान कराया जाएगा.

यद्यपि अमरावती सहित पश्चिम विदर्भ की सभी संसदीय सीटों पर होने वाले चुनाव में अभी करीब 45 दिनों का समय बाकी है. परंतु अब तक अकोला से भाजपा प्रत्याशी अनूप धोत्रे के अलावा अन्य किसी भी संसदीय क्षेत्र से भाजपा सहित अन्य किसी भी राजनीतिक दल द्वारा अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा नहीं की गई है. साथ ही ज्यादातर सीटों को लेकर बंटवारे की स्थिति भी सत्ताधारी एवं विपक्षी दलों से वास्ता रखने वाले गठबंधनों में तय नहीं हो पायी है. ऐसे में अलग-अलग राजनीतिक दलों से चुनाव लडने के इच्छूकों द्वारा यद्यपि अपने स्तर पर अपना जनसंपर्क चलाया जा रहा है. परंतु चुनाव प्रचार ने अब तक अपेक्षित गति नहीं पकडी है. क्योंकि किस राजनीतिक दल से कौन प्रत्याशी होगा, यही अभी तय नहीं है.

यहां यह बात ध्यान देने वाली है कि, विगत कुछ चुनावों से एक यह परिपाठी बन गई है कि, बगावत व भीतराघात को टालने हेतु सभी राजनीतिक दलों द्वारा ऐन नामांकन प्रक्रिया से पहले अपने अधिकृत प्रत्याशियों के नाम घोषित किये जाते है. यदि इस बार भी ऐसा ही होता है, तो अप्रैल माह के प्रारंभ में सभी राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों के नाम घोषित होंगे. वहीं पश्चिम विदर्भ में 4 अप्रैल से शुरु होने वाली नामांकन प्रक्रिया के पश्चात 8 अप्रैल तक नामांकन पीछे लेने की अवधि खत्म होने के बाद चुनावी मैदान की स्थिति स्पष्ट हो पाएंगी. जिसके बाद ही चुनाव प्रचार सही मायनों में गति पकडेगा और उस समय चुनावी मैदान में रहने वाले सभी प्रत्याशियों को अपने प्रचार में ताकत झोंक देने हेतु केवल 18 दिनों का समय मिलेगा. वहीं निर्दलिय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लडने के इच्छूकों द्वारा अभी से ही अपना प्रचार शुरु किया जा सकता है. परंतु उन्हें भी 8 अप्रैल के बाद ही चुनाव चिन्ह आवंटीत होगा. जिसे लेकर उन्हें दोबारा मतदाताओं के बीच जाने की जद्दोजहद करनी पडेगी, ताकि चुनाव चिन्ह को प्रत्येक मतदाता तक पहुंचाया जा सके.

* प. विदर्भ में ऐसी रहेगी निर्वाचन प्रक्रिया
28 मार्च – नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया होगी शुरु
4 अप्रैल – नामांकन दाखिल करने की रहेगी अंतिम तिथि
5 अप्रैल – नामांकनों की होगी जांच पडताल
8 अप्रैल – नामांकन वापसी की अंतिम तिथि
9 अप्रैल – सभी प्रत्याशियों को चुनाव चिन्हों का वितरण
24 अप्रैल – शाम 5.30 बजे प्रचार का दौर होगा खत्म
26 अप्रैल – दिनभर चलेगी मतदान प्रक्रिया
4 जून – मतगणना और मतगणना पश्चात चुनावी नतीजों की घोषणा

* अकोला से भाजपा ने किया प्रत्याशी घोषित
यद्यपि केंद्रीय निर्वाचन आयोग द्वारा 7 चरणों में होने वाले चुनाव की घोषणा कर दी है. जिसके तहत महाराष्ट्र में 5 तथा विदर्भ में 2 चरणों के तहत मतदान कराया जाएगा. परंतु अब तक विदर्भ विशेषकर पश्चिम विदर्भ से कौनसी सीट पर किस राजनीतिक दल की ओर से कौन प्रत्याशी होगा, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है. विगत दिनों भाजपा ने अपने प्रत्याशियों के नामों की दूसरी सूची घोषित की थी. जिसमें महाराष्ट्र की 20 सीटों का भी समावेश था. इस सूची के तहत पश्चिम विदर्भ की अकोला इस एकमात्र संसदीय सीट का नाम शामिल था. जहां से भाजपा ने मौजूदा सांसद संजय धोत्रे के बेटे अनूप धोत्रे को अपना प्रत्याशी घोषित किया. वहीं पूर्वी विदर्भ के नागपुर से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी व चंद्रपुर से राज्य के वनमंत्री सुधीर मुनगंटीवार को प्रत्याशी बनाने की घोषणा की गई है. इसके अलावा अन्य 11 सीटों को लेकर भाजपा सहित उसके साथ महायुति में शामिल दलों की ओर से अभी अपने उम्मीदवारों के नाम घोषित नहीं किये गये है.

* कहां से किसकी दावेदारी?
बता दें कि, पश्चिम विदर्भ क्षेत्र में अमरावती संसदीय सीट पर इस समय नवनीत राणा सांसद है. जिन्होंने पिछली बार कांग्रेस व राकांपा के समर्थन से निर्दलिय प्रत्याशी के तौर पर जीत हासिल की थी, जो इस समय भाजपा व एनडीए के पाले में है. साथ ही चुनाव लडने की भी इच्छूक है. जिनके भाजपा में प्रवेश करने को लेकर कयास जताये जा रहे है. वहीं दूसरी ओर अमरावती संसदीय सीट से शिंदे गुट वाली शिवसेना के नेता व पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल भी इस सीट को शिवसेना का मजबूत गढ बताते हुए अपना दांवा ठोक रहे है. ज्ञात रहे कि, वर्ष 2014 एवं वर्ष 2019 के चुनाव में राणा और अडसूल एक-दूसरे के प्रतिस्पर्धी रह चुके है और उनके बीच प्रतिद्वंदिता अब भी जारी है. वहीं अमरावती संसदीय सीट पर महाविकास आघाडी में कांग्रेस व शिवसेना उबाठा द्वारा भी दावा किया जा रहा है. हालांकि दोनों में से किसी ने भी अब तक इस संसदीय सीट से अपने प्रत्याशी के नाम घोषित नहीं किया है. जबकि कांग्रेस की ओर से विगत लंबे समय से दर्यापुर के विधायक बलवंत वानखडे का नाम जरुर उछाला जा रहा है. किंतु इस नाम पर अब तक मविआ में आम सहमति नहीं बन पायी है.

उधर यवतमाल-वाशिम संसदीय सीट से लगातार छठवी बार चुनाव लडते हुए जीत का सिक्सर लगाने की तैयारी सांसद भावना गवली द्वारा की जा रही है और उन्होंने ‘मैं अपनी झांसी नहीं दूंगी’ वाले अंदाज में अपनी संसदीय सीट महायुति में शामिल किसी भी घटक दल या प्रत्याशी के लिए नहीं छोडने का ऐलान कर दिया है. जबकि यवतमाल-वाशिम संसदीय सीट से राज्य के मंत्री व शिंदे गुट के ही नेता संजय राठोड की ओर से दावेदारी जताई जा रही है. इसके साथ ही इस सीट पर मविआ की ओर से कांग्रेस द्वारा अपना दावा जताया जा रहा है और कांग्रेस में चुनाव लडने के इच्छूकों की लंबी फेहरिस्त है. जिसमें से अब तक किसी भी एक नाम पर अंतिम मुहर नहीं लग पायी है.

इसके अलावा बुलढाणा संसदीय सीट इस समय सांसद प्रतापराव जाधव के तौर पर शिंदे गुट वाली शिवसेना के कब्जे में है और इसे अपनी परंपरागत सीट बताते हुए शिंदे गुट वाली शिवसेना एवं प्रतापराव जाधव द्वारा इस सीट पर अपना दावा किया जा रहा है. उम्मीद जतायी जा रही है कि, भाजपा द्वारा यह सीट शिवसेना शिंदे गुट के हिस्से में छोड दी जाएगी. वहीं दूसरी ओर मविआ में शिवसेना उबाठा की ओर से इस सीट पर अपना दावा किया जा रहा है. साथ ही कांग्रेस व राष्ट्रवादी कांग्रेस में भी इस सीट से चुनाव लडने के इच्छूकों की अच्छी खासी संख्या है.

* जिले में मतदाताओं की संख्या
पुरुष 9 लाख 40 हजार 850
महिला 8 लाख 88 हजार 34
तृतीयपंथी 86
कुल 18 लाख 28 हजार 970

* जिले में मतदान केंद्रों की संख्या – 2 हजार 682

* अमरावती संसदीय क्षेत्र में शामिल विधानसभा क्षेत्र
अमरावती, तिवसा, दर्यापुर, मेलघाट व अचलपुर ऐसे 6 विधानसभा क्षेत्रों का अमरावती संसदीय क्षेत्र में समावेश किया गया है. वहीं अमरावती जिले का हिस्सा रहने वाले मोर्शी-वरुड एवं धामणगांव रेल्वे विधानसभा क्षेत्र का समावेश वर्धा संसदीय क्षेत्र में है.

* मतदान केंद्रों पर रहेगी सभी सुविधाएं
आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए तैयार किये जाने वाले मतदान केंद्रों में हर तरह की मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. जिसके तहत पीने के पानी, दिव्यांगों हेतु रैम्प, विद्युत सुविधा, सहायता कक्ष, प्रसाधन गृह, फर्निचर, दिशादर्शक फलक तथा छांव हेतु शेड व मंडप आदि सुविधाओं का समावेश रहेगा.

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