मुंबई/दि.10– फिलहाल चुनाव का समय शुरू है. जिसके कारण अनेक राजनीतिक पार्टी के नेता, कार्यकर्ता, आम लोग बडे प्रमाण पर सोशल मीडिया पर चुनाव के विषय में जानकारी ले रहे है. ऐसे समय में यू- ट्यूब जैसी प्रमुख मीडिया पर से लोगों तक गलत जानकारी, झूठी तथा बदनामीकारक जानकारी का प्रसारण न हो. इसलिए यु ट्यूब ने विशेष रूप से ध्यान रखकर अपनी नीति और कठोर बनाई. इस पृष्ठभूमि पर विगत वर्ष के अक्तूबर से दिसंबर इस तीन माह में प्रस्तुत हुए 22 लाख 50 हजार प्रक्षोभक वीडियो यू- ट्यूब ने हटाए है.
यू-ट्यूब के भारत के संचालक ईशान चॅटर्जी ने पत्रकार परिषद में ये जानकारी दी. उन्होंने कहा कि एखाद वीडियो प्रक्षोभक, विवादग्रस्त है कि नहीं. ये पहचानने के लिए सॉफ्टवेअर तथा आर्टिफिशियल तकनीकी ज्ञान की कंपनी का बडे प्रमाण पर उपयोग हो रहा है.
जिसके कारण जो साढे बावीस लाख वीडियो हटाया गया. उसमें से 16 प्रतिशत वीडियो ये प्रक्षोभक अथवा कंपनी ने निश्चित की गई नीति के अनुसार न होने का तंत्रज्ञान द्बारा उजागर हुआ है.
* समाज में तनाव निर्माण न हो
अभिव्यक्ति स्वतंत्रता का महत्व हम समझते हैं. किंतु समाज में किसी भी प्रकार का तनाव निर्माण न हो. इस प्रकार का वीडियो हमारी ओर से प्रसारित नहीं किया जायेगा. इसके लिए हम तंत्रज्ञान की सहायता लेते है, ऐसा भी ईशान चॅटर्जी ने पत्रकार परिषद में जानकारी देते हुए स्पष्ट किया.