महाराष्ट्र

आप अधिकारी हो, डाकिये नहीं

उच्च न्यायालय ने लगाई फटकार

नागपुर/दि.13– खुद के हस्ताक्षर से हलफनामा प्रस्तुत करने के बाद उस हलफनामे की जानकारी पर उचित स्पष्टीकरण न दे पानेवाले अधिकारी को मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने बुरी फटकार लगाई है. आप ही के द्वारा की गई कार्रवाई बाबत आपको ही जानकारी नही रहना यानि आप अधिकारी हो या जानकारी का कागज लेकर आनेवाले पोस्टमेन हो ऐसे कडे शब्दो में उच्च न्यायालय ने अधिकारी को मौखिक फटकार लगाई. चाहिए वैसी जानकारी न दे पाने पर प्रशासन ऐसे जोकर व्यक्ति को क्यों उपस्थित करता है, ऐसा भी न्यायालय ने दर्ज किया.

शहर और परिसर के अवैध निर्माण को गंभीरता से लेते हुए उच्च न्यायालय ने खुद ही जनहित याचिका दायर की है. इस प्रकरण पर न्यायमूर्ति नितिन सांबरे और न्यायमूर्ति अभय मंत्री के समक्ष सुनवाई हुई. पिछली सुनवाई एनएमआरडीए के सहआयुक्त अविनाश कठाडे ने अवैध निर्माण हटानेबाबत हलफनामा दायर किया था. न्यायालयीन मित्र एड. अपूर्व डे ने निर्माण हटाने के लिए मनपा, नासुप्र और एनएमआरडीए द्वारा की गई कार्रवाई का केवल प्रारुप प्रस्तुत करने पर अपनी नाराजी व्यक्त की. न्यायालय ने उपस्थित किए इन मुद्दो को गंभीरता से लिया. अवैध निर्माण हटाने के लिए मनपा, नासुप्र और एनएमआरडीए ने न्यायालय में केवल आंकडेवारी प्रस्तुत की है. लेकिन इन संख्याओ की विविध स्तर पर जांच कैसे करना? ऐसा प्रश्न न्यायालय ने उपस्थित किया था. आगामी सुनवाई 3 जुलाई को निश्चित की. मनपा की तरफ से एड. जेमिनी कासट, एनएमआरडीए की तरफ से एड. संगीता जाचक ने और नासुप्र की तरफ से गिरीश कुंटे ने काम संभाला.

* 30 जून तक जानकारी दे
मनपा के अतिक्रमण विभाग के सहायक आयुक्त हरिश राऊत द्वारा प्रस्तुत की गई आंकडेवारी पर उच्च न्यायालय ने नाराजी व्यक्त की. यहा आंकडेवारी न्यायालय की दिशाभूल करनेवाली है, ऐसा भी न्यायालय ने दर्ज किया. इस कारण आप पर अवमानना कार्रवाई क्यों न की जाए, ऐसा प्रश्न उच्च न्यायालय ने उपस्थित किया. साथ ही अतिक्रमण विभाग के अतिरिक्त आयुक्त से कार्रवाई बाबत 10 अप्रैल से 30 जून तक जानकारी प्रस्तुत करने के आदेश दिए. साथ ही स्मार्ट सीटी प्रकल्प को प्रतिवादी करते हुए उनके क्षेत्र की कार्रवाई बाबत जानकारी प्रस्तुत करने के आदेश दिए.

Related Articles

Back to top button