मुंबई दि. 31– राज्य में आये दिन वाहनों के सडक हादसों का शिकार होने और ऐसे हादसों में लोगों की मौत होने की संख्या काफी अधिक है. लेकिन किसी भी वाहन का प्रयोग न करते हुए रास्ते से पैदल चलनेवाले लोगों को भी कभी-कभी सतर्कता नहीं बरतने के चलते अथवा दूसरे वाहन चालकों द्बारा लापरवाही बरते जाने की वजह से हादसों का शिकार होकर जान से हाथ धोना पडता है. विगत 4 वर्ष के दौरान राज्य में इसी तरह से 10 ,634 पैदल राहगीरों की जान गई है.
बता दे किे राज्य में छोटे-बडे रास्तों से लेकर महामार्ग तक करीब 3 लाख 24 हजार किमी लंबाई वाले रास्ते है. इन रास्तों पर प्रतिवर्ष 30 से 33 हजार सडक हादसे घटित होते है. जिनमें औसतन 12 से 14 हजार नागरिकों की मौत होती है. इन मृतकों में 2 हजार से अधिक ऐसे लोगों का समावेश होता है. जो हादसे के वक्त किसी भी वाहन में सवार नहीं थे. बल्कि रास्ते पर पैदल चल रहे थे. सन 2019 से 2022 तक 4 वर्षो के आंकडों को देखने पर पता चलता है कि 10,634 पैदल यात्रियों की सडक हादसों में मौत हुर्ह है. वहीं 25 हजार 362 सडक हादसों में 12 हजार 637 राहगीर गंभीर रूप से घायल हुए. साथ ही 3 हजार 592 राहगीरों को इन हादसों में हल्की फुल्की चोटे आयी.
इस संदर्भ में जानकारी देने के साथ ही महामार्ग पुलिस द्बारा आवाहन किया गया है कि सडक हादसों से बचने के लिए राहगीरों ने सडक के किनारे से पैदल चलना चाहिए. साथ ही रास्ता पार करते समय दूसरी ओर से आ रहे वाहनोें की ओर ध्यान देना चाहिए और यातायात नियमों का भी अपनी सुरक्षा के लिए कडाई से पालन करना चाहिए.
* राज्य में घटित होनेवाले सडक हादसों में जख्मी अथवा मृत होनेवाले राहगीरो की संख्या को चिंता बढानेवाली कहा जा सकता है. इस संख्या को कम करने के लिए हम प्राथमिक स्तर पर काम करते हुए प्रयास कर रहे है. साथ ही इसके लिए बेहद जरूरी है कि वाहन चालको के साथ- साथ सडक पर चलनेवाले पैदल राहगीरों द्बारा भी विशेष सतर्कता बरती जाए.
डॉ. रविंद्रकुमार सिंगल,
अतिरिक्त पुलिस महासंचालक
महामार्ग पुलिस
* अतिक्रमण भी एक बडी वजह
सडक के किनारे राहगीरों को पैदल चलने हेतु फुटपाथ उपलब्ध कराना यह प्रशासन की जिम्मेदारी होती है. लेकिन अधिकांश शहरों में फुटपाथों पर फेरीवालों व बेघरों द्बारा अतिक्रमण कर लिया जाता है. ऐसे में पैदल राहगीरों को मजबूरी में सडक पर पैदल चलना पडता है. वही कई बार सडके सक्रिय होती है और सडको के किनारे वाहन पार्क होते है. ऐसे में इसके अलावा सडको से गुजरनेवाले वाहनों की संख्या भी अच्छी खासी होती है, ऐसी स्थिति में पैदल चलने के लिए राह निकालनेवाले राहगीर वाहनों की चपेट में आकर हादसों का शिकार होते है. छोटे रास्तों पर पैदल राहगीरों के साथ होनेवाले हादसों को रोकने के लिए उन्हें फुटपाथ उपलब्ध करवा कर देना मौजूदा समय की सबसे बडी जरूरत है.
* सतर्कता जरूरी
– जहां पर जगह उपलब्ध हो, वहां क्रॉस वॉक व पादचारी क्रॉसिंग का प्रयोग करे.
– ट्रॉफिक सिग्नल को देखकर योग्य सिग्नल होने की प्रतीक्षा करें और उसके बाद सुरक्षित तरीके से रास्ता पार करें.
-मोबाइल फोन व हेड फोन जैसे ध्यान विचलित करनेवाले साधनों का प्रयोग करना न टाले
– जहां तक संभव हो फुटपाथ पर ही चले और ऐसा करना संभव नहीं रहने पर बायी ओर की बजाय दाहिनी ओर से पैदल चले ताकि सामने से आ रहे वाहन दिखाई दे सके.
– भारी आवाजाही रास्तों व महामार्ग पर पैदल चलना टाले
– बच्चों को सडक सुरक्षा के बारे में आवश्यक शिक्षा देते हुए जागरूक करे.
* वाहन चालकोें के लिए निर्देश
सडकों पर वाहनों के साथ ही पैदल राहगीर व मवेशी एवं जानवर भी आते है, इस बात का ध्यान रखें.
– स्पीड ब्रेकर व झेब्रा क्रॉसिंग पर वाहन की रफ्तार कम करें.
– सिग्नल के नियम का कडाई से पालन करें.
– रात के समय वाहन का हेडलाइट सुस्थिति में है अथवा नहीं इसकी पडताल करें
– कोई भी व्यक्ति अथवा मवेशी रास्ता पार करके दिखाई देने पर वाहन की रफ्तार को नियंत्रित करें.
वर्ष हादसे मौते गंभीर घायल घायल नुकसान नहीं
2019 7294 2894 3300 1247 01
2020 5156 2214 2312 631 36
2021 6148 2677 2684 794 19
2022 6764 2894 2952 920 59