महाराष्ट्र

शिक्षा का बाजार लगाने वाले 40 रिश्वतखोरों को सबक सिखाएं

शिक्षण आयुक्त का एसीबी को पत्र

* अधिकारियों पर करें कार्रवाई
पुणे दि.7- गत कुछ वर्षों में शालेय शिक्षा विभाग के विविध कार्यालयों के करीबन 40 अधिकारी किसी न किसी प्रकरण में रिश्वत लेते एसीबी के जाल में अटके हैं. इन सभी की खुली जांचकरने संबंधी शिक्षा आयुक्त ने एसीबी को पत्र दिया है.
सरकारी कार्यालय, पुलिस विभाग की तरह ही शिक्षा क्षेत्र में भी भ्रष्टाचार होने लगा है. अनेक शिक्षक, शिक्षणाधिकारियों को रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा गया है. मात्र, उनकी जांच करते समय एसीबी को दिक्कतें आती है. जांच के अभाव में वे कुछ भी न होने समान वे फिर से ड्यूटी पर उपस्थित होकर भ्रष्टाचार शुरु रखते है. उन पर कार्रवाई नहीं की जाती. जिसके चलते शिक्षा आयुक्त सूरज मांढरे ने रिश्वत प्रतिबंधक विभाग को उन सभी की खुली जांच की जाए, ऐसा पत्र दिया है.
शिक्षणाधिकारियों केलिए शिक्षकों की बदली का समय सुलभ होता है. शिक्षक बदली की फाइल पर आर्थिक वजन रखने के बाद शिक्षकों की सुविधानुसार जिले में बदली होने की अनेक प्रकरण सामने आये हैं. इस वर्ष 5 व 6 महीने में नंदुरबार, नाशिक, चंद्रपुर, उस्मानाबाद इन जिलों में शिक्षा विभाग के रिश्वतखोरी के प्रकरण सामने आये हैं.
* 12 लोग रिश्वत लेते धरे गए
शिक्षकों की बदली से लेकर स्कूल छोड़ने के दाखले पर मां का नाम दुरुस्त कर देना, जबर्दस्ती करने वाले मुख्याध्यापक को फिर से ड्युटी पर उपस्थित करने हेतु संस्था को पत्र देना, आदि विविध कारणों के लिए राज्य के आठ विभागों में से 6 विभाग में शिक्षा क्षेत्र के 12 लोगों को रिश्वत लेते एसीबी ने पकड़ा है. जिनमें शिक्षणाधिकारी, मुख्याध्यापक, शिक्षक, लेखाधिकारी व शिक्षणाधिकारी का समावेश है. नाशिक 3, पुणे 2, नागपुर 2, औरंगाबाद 2, ठाणे 1 एवं नांदेड़ 2 ऐसे 6 परिक्षेत्र में रिश्वतखोरी के मामले दर्ज किए गए हैं.
राज्य के शिक्षा आयुक्त मांढरे द्वारा करीबन राज्य के सभी परिक्षेत्र के रिश्वत प्रतिबंधक विभाग के पुलिस अधीक्षक को पत्र पहुंचे हैं. जिसके चलते भ्रष्टाचारी अधिकारियों में खलबली मची है.
बॉक्स

जिन अधिकारियों का चरित्र संशयास्पद लहता है. ऐसे 40 अधिकारियों की खुली जांच करने बाबत संबंधित विभागीय पुलिस अधीक्षक रिश्वत प्रतिबंधक विभाग को पत्र दिया गया है. कुछ प्रकरणों में ट्रैप में पाये जाने के बाद भ उन्हें निर्दोष बरी कर अधिकारी फिल से मूल पद पर उपस्थित होते हैं. इस बात पर रोक लगाना व इन गलतियों बाबत योग्य सजा हो, इस उद्देश्य से यह पत्र दिया गया है.
– सूरज मांढरे, राज्य के शिक्षा आयुक्त

 

Related Articles

Back to top button