मनपा की तीन शालाओं में हो सकती है राजस्थान वाली घटना की पुनरावृत्ति

तीनों शालाएं पहुंच चुकी जर्जर अवस्था में

* जनप्रतिनिधियों सहित मनपा प्रशासन की अनदेखी
* ग्रामीण इलाकों में भी कई जिप शालाएं बिकट हाल में
अमरावती /दि.29 – हाल ही में राजस्थान के झालावाड जिले में स्कूल की छत गिरने से 7 मासूम बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई थी और उस हादसे में 27 बच्चे गंभीर रूप से घायल हुए थे. ऐसी किसी घटना की अमरावती शहर में भी पुनरावृत्ति होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. क्योंकि अमरावती मनपा क्षेत्र में कई शालाएं जर्जर हाल में पहुंच चुकी है. जिनकी ओर सरकार एवं प्रशासन द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा ऐसे में कभी भी कोई बडी दुर्घटना घटित होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.
बता दें कि, राजस्थान में हुई घटना की गंभीरता को देखते हुए विगत रविवार को ही केंद्र सरकार ने सभी राज्यों के नाम गाईडलाइन जारी करते हुए तुरंत ही सभी स्कूलों की इमारतों और वहां पर उपलब्ध जनसुविधाओं को लेकर तुरंत ही सुरक्षा ऑडिट करने के निर्देश जारी किए थे. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से सभी राज्यों के सचिवों के नाम जारी पत्र में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि, सभी शालाओं की मौजूदा स्थिति को जांचा जाए. शालाओं की इमारतों और वहां पर उपलब्ध मौजूद सुविधाओं की समीक्षा की गई. शालाओं में आग से बचाव के इंतजाम सुनिश्चित किए जाए. सभी शालाओं में प्राथमिक उपचार की सुविधा अनिवार्य तौर पर उपलब्ध कराई जाए. सभी कक्षाओं के कमरों की स्थिति को ध्यान से देखा जाए. ताकि शाला की इमारत से किसी भी कक्षा का कमरा जर्जर स्थिति में न हो. इन सभी दिशा- निर्देशों के मद्यनजर जिला प्रशासन ने जिले की तमाम सरकारी शालाओं के मुख्याध्यापकों सहित शिक्षा विभाग के अधिकारी के नाम पत्र जारी करते हुए. शाला के मौजूदा स्थिति की रिपोर्ट मंगाई है. ताकि हालात का आकलन किया जा सके.
पता चला है कि, अमरावती जिले की 307 शालाओं में 410 वर्ग कक्षाएं जर्जर स्थिति में है. जिसमें से केवल 49 की मरम्मत हुई है और बाकी का निर्माण कार्य अधर में लटका हुआ है. यही स्थिति मनपा अंतर्गत आनेवाली शालाओं की भी है. महानगरपालिका अंतर्गत 63 शालाएं है. जिनमें लगभग 11965 विद्यार्थी पढ रहे है. साथ ही मनपा पूर्व प्राथमिक शालाओं में 2 हजार 730 विद्यार्थी की पढाई होती है. इन शालाओं में से नमूना स्थित मनपा प्राथमिक शाला, बुधवारा स्थित मनपा प्राथमिक शाला, विलास नगर स्थित मनपा हिंदी शाला क्रमांक 7 की स्थिति बेहद खराब है. इसमें से बुधवारा स्थित मनपा शाला में कक्षाएं लगभग जर्जर स्थिति में पहुंच चुकी है और वहां पर बारीश के मौसम में कभी भी बडा हादसा घटित हो सकता है. इन तीनोें शालाओं की खस्ता हालत कक्षाओं में पढनेवाले बच्चे कमजोर हो चुकी छतों के निचे बैठकर पढाई कर रहे है और इन कमजोर हो चुकी छतों का कभी भी ढहकर गिर जाने का खतरा है. जिसके चलते इन शालाओं में पढनेवाले बच्चों की सुरक्षा को लोकर सवालिया निशान पैदा हो रहे है. साथ ही भविष्य में किसी अनहोनी के घटित होने की पूरी आशंका है.
* सीएम के आदेश की भी अनदेखी
केंद्र सरकार द्बारा सभी राज्यों को कडे निर्देश जारी करने के बाद सीएम देवेंद्र फडनवीस ने विगत शनिवार को ही वीडियो कान्फ्रेसिंग के जरिए जिला प्रशासन को सभी शालाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे. जिसके बाद जिला प्रशासन द्बारा जिला परिषद व मनापा प्रशासन को यही निर्देश ‘फॉरवर्ड’ कर दिया गया. लेकिन दो दिन का समय बीत जाने के बावजूद इस मामले को लेकर जिला प्रशासन व मनपा प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए. इसका सिधा मतलब है कि, जिला प्रशासन व मनपा प्रशासन ने राजस्थान की घटना को लेकर कोई सबक नहीेें लिया है.

* डीपीसी से मांगी गई है निधी
इस बारे में जानकारी व प्रतिक्रिया हेतु संपर्क किए जाने पर मनपा के शिक्षाधिकारी प्रकाश मेश्राम ने बताया कि, मनपा की कुल 7 नई शालाओं की इमारत हेतु निधि मिलने के लिए जिला नियोजन समिति को प्रस्ताव भेजा गया है. वहीं 13 शालाओं में कक्षाओं की कमी रहने के चलते अतिरिक्त निधी मिलने के लिए भी प्रस्ताव भेजा गया है. साथ ही साथ कुछ शालाओं के लिए कंपाउंड वॉल व शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराने तथा जर्जर हो चुकि इमारतों व कक्षाओं की दुरूस्ती करने के लिए भी डीबीसी के जरिए सरकार से निधी मांगी गई है. साथ ही शिक्षाधिकारी मेश्राम ने बताया कि, समग्र शिक्षा अभियान अंतर्गत अलीम नगर स्थित मनपा की शाला के लिए 2 करोड रुपयों की निधी प्राप्त हो चुकी है. वही अन्य शालाओं के लिए निधी मिलने का इंतजार किया जा रहा है.

* करोडो के खर्च के बावजूद शालाएं खस्ता हाल
अमरावती मनपा अंतर्गत 63 शालाओं के लिए मनपा के बजट में लाखों करोडो रुपयों की निधी का प्रावधान किया जाता है. लेकिन इसके बावजूद मनपा की शालाएं बदतर हालात में नजर आती है. इसे देखते हुए मनपा के अधिकारियों के कामकाज पर संदेह व्यक्त किया जा सकता है. मनपा तथा सरकार की ओर से शिक्षा पर सालाना 38 करोड 13 लाख 31 हजार रुपए का खर्च किया जाता है. इस निधी के जरिए जिन शालाओं की दिवारे जर्जर हो चुकी है उनके निर्माण, दुरूस्ती व देखभाल के लिए 1 करोड रुपयों से अधिक का प्रावधान किया गया है. साथ ही जर्जर इमारतों को दुरूस्त करने के लिए मनपा की ओर से प्रस्ताव भेजा गया है. लेकिन करोडो रुपए खर्च करने के बावजूद मनपा की शालाओं के हालात नहीं सुधर रहे. ऐसे में सवाल उठाया जा सकता है कि आखिर सरकार एवं मनपा प्रशासन की ओर से आवंटीत की जानेवाली करोडो रूपयों की निधी कहां खर्च हो रही है.

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