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भामकर और डेडिकेटेट अस्पताल में ‘नो रूम्स ‘

अचलपुर तहसील में कोरोना मरीजों को भटकना पड़ रहा

परतवाड़ा/अचलपुर दि.५ -: कोरोना संक्रमण का फैलाव तेजी से बढ़ने लगा है.इसके चलते अब शहर में जरूरतमंद मरीजों को अस्पताल में बेड के लिए भटकना पड़ रहा है.अमरावतीं शहर के बाद जिले का दूसरा कोविड डेडिकेटेट अस्पताल अचलपुर में शुरू किया गया था.यह अस्पताल आज भी अपनी योग्य सेवाओ के चलते मरीजों की पहली पसंद बना हुआ है.किन्तु यहां शयनिकाये उपलब्ध न होने से मरीजों को भारी तकलीफों का सामना करना पड़ रहा.
कोरोना मरीजों को योग्य उपचार सुविधा मुहैय्या कराने के उद्देश्य से इस वर्ष से भामकर अस्पताल में भी कोविड केअर केंद्र शुरू किया गया है.इन दोनों भी जगहों पर एक भी शयनिका खाली नहीं होने से पॉजिटिव मरीजों को इधर उधर भटकना पड़ रहा.जिले में रोजाना संक्रमितों की संख्या बढ़ ही रही.अच्छी खबर यह भी है कि अधिकांश लोग इलाज लेने के बाद ठीक व दुरुस्त भी हो रहे है.कल तक जिले में करीब 67 हजार संक्रमित बताये जा रहे है.
कोविड डेडिकेटेट में प्रारम्भ में सिर्फ 15 बेड की ही व्यवस्था की गई थी.मरीजों की बढ़ती संख्या को देख अब ट्रामा केअर यूनिट के साथ कुल बेड संख्या 64 कर दी गई है.आज की तारीख में भामकर और कॉटेज में एक भी बेड खाली नहीं है. भामकर अस्पताल में भी 65 बेड की सुविधा उपलब्ध है.कॉटेज के कोविड में डॉ जाकिर और भामकर अस्पताल में डॉ आशीष भंसाली और अन्य सभी मरीजों का उपचार कर रहे है. कोविड डेडिकेटेट में अभी तक 8 मरीजों की मृत्यु हो चुकी जबकि भामकर अस्पताल में भी इलाजरत 9 मरीजों ने अपने प्राण गवांए है.जुड़वाशहर में मरीजों के स्वास्थ्यप्रद  होने का आंकड़ा कई ज्यादा है.डॉ जाकिर कहते है कि समय पर उपचार लेने की वजह से अधिकांश मरीज ठीक हो रहे है.डॉ आशीष भंसाली के अनुसार चिखलदरा,धारणी के लोगो ने तत्काल अस्पताल की सेवाएं लेना चाहिए.कोई भी व्यक्ति कोरोना जांच व इलाज को टालने के प्रयत्न न करे.इलाज कराने पर ही एक व्यक्ति अपने परिवार को भी सुरक्षित रख सकता है.

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