मेलघाट बाघों के लिए सर्वश्रेष्ठ प्राकृतिक आवास
व्याघ्र प्र्रकल्प में है 77 बाघ, 100 बाघों की है क्षमता

*आज अतंराष्ट्रीय बाघ दिवस
धारणी/दि.29 – मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प की महाराष्ट्र राज्य में पहले बाघ अभयारण्य और बाघो के संरक्षण व संर्वधन के रूप में देश मेे पहचान है. आज मंगलवार 29 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर मेलघाट परियोजना का उल्लेख वैश्विक मंच पर किया जाता है. यह परियोजना का देश के टॉप 10 बाघ परियोजना में शुमार है. यह सबसे बडी बाघ परियोजना मानी जाती है. इसका कुल क्षेत्रफल करीब 2, 700 वर्ग किलोमीटर है. जिसमें 361. 28 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र गुगामल राष्ट्रीय व्याघ्र प्रकल्प अंतर्गत आता है.
मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प में 100 से अधिक बाघों के संरक्षण की क्षमता है. सामान्यत: एक बाघ को लगभग 25 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र की आवश्यकता पडती है. फिलहाल व्याघ्र प्रकल्प में 50 बाघ है. जिनमें 22 मादाए हैं और 29 नर के अलावा 24 शावक है. यानी कुल मिलाकर मेलघाट में 77 बाघ वर्तमान में निवास कर रहे है. मेलघाट में व्याघ्र प्रकल्प अंतर्गत वाइल्ड लाइफ क्राइम सायबर सेल की स्थापना साल 2013 में की गई थी. जो देश का पहला सायबर सेल था. अब तक इस सेल ने 300 से अधिक शिकारी और वन्यजीव अपराधियों को पकडवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. राज्यों की मांग पर यह सायबर सेल उन्हें अपनी सेवाएं भी दे रहा है. मेलघाट के इस कदम ने शिकारियों में एक खौफ पैदा किया है. बाघ संरक्षण की दिशा में मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प की भूमिका हमेशा ही सराहनीय और प्रेरणादायी रही है.





