गिरफ्तारी की आशंका के बीच मंत्री कोकाटे बीमार
लीलावती अस्पताल में हुए भर्ती, गिरफ्तारी वारंट जारी

मुंबई./दि.17- नाशिक के जिला न्यायालय द्वारा दो वर्ष की सजा सुनाए जाने के बाद मंत्री माणिकराव कोकाटे की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. कोर्ट के स्पष्ट आदेश के बाद कोकाटे के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया गया है. ऐसे समय में जब उनकी किसी भी क्षण गिरफ्तारी हो सकती है, उसी बीच उनके बीमार होने और लीलावती अस्पताल में भर्ती होने की जानकारी सामने आई है.
बता दें कि, जिला न्यायालय के फैसले के तुरंत बाद याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने अदालत में दौड़ लगाते हुए कोकाटे के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने की मांग की थी. अदालत ने यह मांग स्वीकार करते हुए स्पष्ट निर्देश दिए कि कोकाटे तत्काल पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करें या पुलिस उन्हें गिरफ्तार करे.
* हाईकोर्ट से राहत मिलने तक गिरफ्तारी की तलवार
कोकाटे को हाईकोर्ट से सजा पर स्थगन नहीं मिलने तक गिरफ्तारी की तलवार लटकती रहेगी. सस्ते दामों पर सदनिका (फ्लैट) खरीदने के मामले में दोष सिद्ध होने के बाद अदालत ने उन्हें दोषी ठहराया है. इस फैसले के चलते लोक प्रतिनिधित्व कानून के तहत उनकी विधायकी भी रद्द होने की पूरी संभावना जताई जा रही है. याचिकाकर्ताओं के वकील आशुतोष राठोड ने मीडिया को बताया कि कोर्ट ने स्पष्ट आदेश पारित करते हुए कहा है कि कोकाटे को पुलिस के समक्ष सरेंडर करना होगा, अन्यथा पुलिस द्वारा गिरफ्तारी की जाए.
* मंत्री पद से इस्तीफे की मांग
वकीलों ने यह भी कहा कि लोक प्रतिनिधित्व कानून के अनुसार यदि किसी जनप्रतिनिधि को दो वर्ष या उससे अधिक की सजा होती है, तो उसकी विधायकी स्वतः रद्द हो जाती है. ऐसे में नैतिकता के आधार पर माणिकराव कोकाटे का मंत्री पद से इस्तीफा देना अनिवार्य है. चूंकि मुख्यमंत्री के पास ही विधि एवं न्याय विभाग है, इसलिए अब सरकार को यह साबित करना चाहिए कि राज्य में कानून का राज है.
* चार दिन की मोहलत की मांग खारिज
कोकाटे के बीमार होने का हवाला देते हुए उन्हें सरेंडर के लिए चार दिन का समय देने की मांग अदालत में की गई थी, लेकिन कोर्ट ने यह अर्जी नामंजूर कर दी. हालांकि कोकाटे के वकील मनोज पिंगले ने कहा कि गिरफ्तारी वारंट को हाईकोर्ट में चुनौती दी जाएगी और सजा पर स्थगन पाने का प्रयास किया जाएगा.
* क्या है पूरा मामला?
बता दें कि मुख्यमंत्री स्वेच्छाधिकार योजना के 10 प्रतिशत कोटे के तहत चार सदनिका हासिल करने के घोटाले में क्रीड़ा मंत्री माणिकराव कोकाटे और उनके भाई विजय कोकाटे को दोषी ठहराया गया है. नाशिक जिला एवं सत्र न्यायालय ने अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा फरवरी में दिए गए फैसले को बरकरार रखते हुए दो वर्ष का कठोर कारावास और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा कायम रखी है. अदालत द्वारा सजा बरकरार रखे जाने के बाद कोकाटे की गिरफ्तारी और विधायकी रद्द होने की प्रक्रिया तेज हो गई है, जिससे राज्य की राजनीति में खलबली मच गई है.





