फैन्सी नंबर प्लेट के साथ बीएच सीरिज वाली काली थार का दुरुपयोग
मोर्शी-वरुड में तेज हुई रेत की अवैध ढुलाई

* रेत तस्करी के व्यवसाय में बढी ‘भोपले’गीरी
* राजस्व सहित मोटर वाहन कानूनो का हो रहा उल्लंघन
अमरावती /दि.22– मोटर वाहन कानून के तहत आरटीओ में पंजीकृत रहनेवाले सभी वाहनों को सडकों पर चलाया जा सकता है, ऐसे सभी वाहनों पर आरटीओ के नियमानुसार तय मापदंड के तहत नंबर प्लेट रहना अनिवार्य होता है, परंतु विगत कुछ माह से मोर्शी-वरुड परिसर में फैन्सी नंबर प्लेट के साथ काले रंग के थार वाहन को नियमबाह्य तरीके से सडक पर फर्राटा भरते देखा जा सकता है. जिसे रोकने का साहस अब तक किसी भी महकमे द्वारा नहीं दिखाया गया, बल्कि पुलिस व आरटीओ की नजरों के सामने से होकर गुजरनेवाले इस वाहन की आवाजाही को सभी संबंधित महकमों द्वारा एक तरह से अपनी मूक सहमति दी जा रही है.
अमरावती आरटीओ में दर्ज जानकारी के मुताबिक बीएच सीरिज वाला थार वाहन क्रमांक 23-बीएच/4061-एफ यह स्थानीय नंदा मार्केट परिसर में रहनेवाले जितेश हरवानी नामक व्यक्ति के नाम पर पंजीकृत है. हकीकत में बीएच सीरिज के तहत किसी भी वाहन का आरटीओ में पंजीयन करते समय उसे एक राज्य से दूसरे राज्य में बिना दिक्कत आना-जाना करने की अनुमति दी जाती है. जिसका फायदा उठाते हुए इस थार वाहन का प्रयोग मध्य प्रदेश कन्हान घाट से अमरावती तक रेत तस्करी व रॉयल्टी वसूली के काम हेतु किया जा रहा है. साथ ही कन्हान नदी के रेत घाट पर इस थार वाहन के खडे रहने के छायाचित्र भी जमकर वायरल हुए है. ऐसे में रेत तस्करी के व्यवसाय में इस वाहन की भूमिका और दुरुपयोग को लेकर इस समय कई तरह की चर्चाएं चल रही है.
* जीरो रॉयल्टी पास बंद रहने के बावजूद पांच दिनों में 80 लाख की वसूली
अमरावती के जिलाधीश आशीष येरेकर ने रेत की अवैध ढुलाई को रोकने हेतु जीरो रॉयल्टी पास को बंद कर दिया है. इसके बावजूद मध्य प्रदेश से वरुड व मोर्शी होते हुए अमरावती की ओर की जानेवाली अवैध रेत ढुलाई के जरिए विगत पांच दिनों के दौरान 80 लाख रुपयों की वसूली की गई है, ऐसी जानकारी सामने आई है. इस तरह की नियमबाह्य वसूली करनेवालों पर अंकुश कौन लगाएगा, ऐसा सवाल भी उपस्थित हो रहा है. साथ ही रेत तस्करी के व्यवसाय में ‘भोपले’गीरी बढ जाने की भी चर्चा है. साथ ही नियमबाह्य रॉयल्टी वसूली में मोर्शी एवं वरुड के तहसीलदारों की भूमिका बेहद संदेहास्पद मानी जा रही है. जिसके चलते रेत तस्करी और अवैध वसूली के काम हेतु काले रंग वाले थार वाहन का प्रयोग कौन कर रहा है और उस वाहन का मालिक कौन है, इसकी जांच-पडताल करना बेहद जरुरी हो चला है.





