विधायक संजय खोडके ने सदन में रख दिए भयावह आंकडे
अमरावती संभाग सभी बातों में पीछे ही पीछे

* राज्य का सबसे पिछडा क्षेत्र, औसत आय में भी फिसड्डी
* मांगे नाना प्रकार के अनुदान और रियायत
अमरावती/ दि. 5-उच्च सदन के गत मार्च माह में ही सदस्य बनाए गये और उच्चाधिकारी से राजनेता बने राकांपा नेता संजय खोडके ने शुक्रवार को सदन में अमरावती विभाग अर्थात वर्हाड के प्रदेश में सबसे पीछे रह जाने का भयानक सत्य आंकडों सहित उजागर किया तो कई सदस्यों को भी अचरज हुुआ. विधायक खोडके ने सप्रमाण बताया कि प्रतिव्यक्ति आय हो या उद्योगों में निवेश अथवा उद्योगों से मिलनेवाले रोजगार सभी मामलों में अमरावती के पांचों जिले विकास की डगर से काफी पीछे छूट गये हैैं. उन्होंने सरकार के ही आर्थिक सर्वे के आंकडों को सदन में रखा और अमरावती संभाग के लिए नाना प्रकार की रियायतों एवं अनुदानों की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया. बल्कि उन्होंने राज्य शासन से सीधे-सीधे अमरावती डिविजन की तरक्की की. पुरजोर मांग कर डाली. अब शासन कितनी तत्परता इस गंभीर विषय में दिखलाता है, इस ओर निगाहें लगी है.
* खोला आंकडों का पिटारा
संजय खोडके मैनेजमेंट के मास्टर माने जाते हैं. उसी प्रकार कोई विषय अथवा डिमांड रखते समय भी वे संबंधित मुद्दे पर पूरी स्टडी करने के बाद ही बोलते हैं. उन्होंने राज्य शासन के आर्थिक सर्वे की रिपोर्ट के आंकडे सदन में प्रस्तुत कर अधिकांश सदस्यों को भी हतप्रभ कर दिया. खोडके ने बताया कि अमरावती अर्थात वर्हाड क्षेत्र की प्रतिव्यक्ति आय राज्य में सबसे कम मात्र 1 लाख 91 हजार रूपए (देखें चार्ट) हैं. जबकि राज्य की औसत प्रति व्यक्ति आय 278681 रूपए हैं. शासन के सर्वे में ही यह सिध्द होता है कि अमरावती कितना पीछे है.
उद्योगों में भी फिसड्डी
संजय खोडके ने सदन में अमरावती संभाग के और प्रदेश के अन्य भागों के उद्योग विकास के भी आंकडे सप्रमाण रखे. उन्होेंने बताया कि मुंबई, पुणे, नाशिक, औरंगाबाद यहां तक कि पूर्व विदर्भ अर्थात नागपुर में भी उद्योगों के लिए मूलभूत सुविधाओं का विकास किया गयाा है. केवल वर्हाड अर्थात अमरावती डिविजन को पीछे रखा गया है. यहां न एमआयडीसी प्रॉपर विकसित है न उद्योगों को आकर्षित करने के लिए सुविधाएं दी जा रही है. उन्होंने वर्हाड यानी विदर्भ नहीं तो पश्चिम विदर्भ के 5 जिले अमरावती, यवतमाल, वाशिम, अकोला और बुलढाणा शामिल रहने की बात जोर देकर कही.
उद्योगों से रोजगार अत्यल्प
औद्योगिक विकास से अछूते अमरावती डिविजन में सूक्ष्म उपक्रमों की संख्या 3 लाख 29 हजार हैं. जिससे 10 लाख 51 हजार को रोजगार प्राप्त है. वही पुणे मेें यह आंकडा करीब 9 लाख यूनिट के साथ 46 लाख से अधिक रोजगार का रहने की जानकारी विधायक खोडके ने सदन मे दी. उन्होने बताया कि लघु यूनिट में भी 5 जिले मिलाकर मुश्किल से 4 हजार यूनिट है. जिनमें 3 लाख लोगों को जॉब मिली है. पुणे में लगभग 18 हजार यूनिट कार्यरत है और सवा 5 लाख से अधिक लोग वहां इन यूनिट में हैं.
* वर्हाड अंतिम पायदान पर
मध्यम उपक्रमों में केवल 907 यूनिट इन पांच जिलों में कार्यरत है. जहां 1 लाख लोग बमुश्किल काम कर रहे हैं. पुणे में मध्यम यूनिट की संख्या 7 हजार के पार है. वहां 4 लाख से अधिक लोग रोजगारक्षम बने हैं. उन्होंने आद्योगिक विकास के गत दिसंबर 2024 के आंकडे रखते हुए बताया कि केवल 8 हजार करोड का निवेश यहां हुआ है और 27 हजार जॉब मुश्किल से उपलब्ध हैं. पुणे में यही आंकडा 14550 यूनिट के साथ 92 हजार होने की जानकारी भी खोडके ने सदन मे दी. उन्होंने बताया कि नागपुर में 80 हजार करोड का निवेश हुआ है. 1.69 लाख लोगों को रोजगार मिला है. साफ है कि अमरावती और नागपुर में ही काफी विषमता उजागर हुई है.
* अमरावती को इन सुविधाओं की तत्काल दरकार
अध्ययनशील विधायक संजय खोडके केवल अमरावती के औद्योगिक और अन्य बातों से पीछे रहने के आंकडे देकर नहीं बैठे तो उन्होंने संभाग के लिए अनेक रियायते तथा अनुदान की मांग सदन में उपस्थित कर दी. विधायक खोडके ने निवेश अनुदान देने की मांग उठाई. स्थायी निवेश पर 20 से 25 प्रतिशत अनुदान आवश्यक रहने की बात उन्होंने प्रदेश सरकार की नीति के अनुरूप रहने की जानकारी सदन को दी. उन्होंने विदर्भ जैसे पिछडा क्षेत्र के लिए विशेष अनुदान बढाकर देने की भी मांग रखी. बिजली शुल्क माफ करने और स्टैम्प ड्यूटी में भी रियायत देने के साथ 10 से 15 वर्षो तक जीएसटी से 100 प्रतिशत रिफंड देने की महत्वपूूर्ण मांग उपस्थित की. उसी प्रकार विधायक खोडके ने रियायती दरों पर जमीन देने, ब्याज पर अनुदान देने, यातायात और लॉजिस्टिक सुविधाएं देने और डिफेन्स उत्पादन को विशेष प्रोत्साहन अमरावती संभाग में दिए जाने की मांग पुरजोर रूप से रखी. उन्होंने टेंबो डिफेन्स जैसे यूनिट के लिए अमरावती में डिफेन्स पार्क स्थापित करने की आवश्यकता पर जोर दिया.
एमएसएमई यूनिट के लिए भी मांगी सुविधाएं
विधायक खोडके ने अमरावती क्षेत्र में मध्यम और लघु यूनिट अर्थात एमएसएमई के लिए भी अनेक रियायतें सरकार से चाही है. जिसके अनुसार इन्फ्रास्ट्रक्चर निवेश पर 20 से 35 प्रतिशत अनुदान मांगा. पहले 3 से 5 वर्षो तक बिजली दरों में रियायत देने, टर्म लोन पर 3 से 5 प्रतिशत तक ब्याज अनुदान देने, मार्केटिंग और ब्रॉडिंग में प्रदर्शनी और एक्सपो के माध्यम से रिफंड उपलब्ध कराने, कुशल मानव संसाधन विकास के लिए प्रशिक्षण खर्च शासन द्बारा वहन करने, तकनीकी सुधार अनुदान देने की मांग सदन में रखी. उसके साथ ही विधायक खोडके ने डीआयसी और एमएसएमई से प्रक्रिया सरल करने और मार्गदर्शन की अपेक्षा भी व्यक्त की. उल्लेखनीय है कि विधायक खोडके ने ठीक सप्ताह भर पहले सीए भवन में एमएसएमई दिवस के उत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में सहभाग किया था. उन्होंने अमरावती क्षेत्र में रियायते, सुविधाएं, अनुदान दिलाने का आश्वासन दिया था. पावस सत्र में ही उन्होंने आवाज बुलंद कर दी.
जिला प्रति व्यक्ति आय (रू.)
अमरावती 191401
अकोला 197333
यवतमाल 160088
वाशिम 134754
बुलढाणा 137235
मुंबई शहर 455767
पुणे 374257
नागपुर 322927
कोकण 402769 सूक्ष्म यूनिट
विभाग यूनिट रोजगार
अमरावती 329781 10.51 लाख
नागपुर 693959 29.95 लाख
पुणे 899986 45.89 लाख
मुंबई 690613 19.19 लाख
नाशिक 599927 13.45 लाख लघु यूनिट
विभाग यूनिट रोजगार
अमरावती 3989 3.01 लाख
नागपुर 8892 2.02 लाख
पुणे 17,987 5.25 लाख
मुंबई 59996 1.71 लाख
नाशिक 13790 1.48 लाख मध्यम यूनिट
विभाग यूनिट रोजगार
अमरावती 907 1 लाख
नागपुर 1,599 1.91 लाख
पुणे 6,996 4.11 लाख
मुंबई 4,978 3.53 लाख
नाशिक 1,098 1.51 लाख





