राज्य की शालाओं में होगी मोबाइल बंदी
शिक्षक सुधीर केने का रिसर्च

* विधायक सुमित वानखेडे प्रस्तुत करेंगे ध्यानाकर्षण प्रस्ताव
अमरावती/ दि. 20– देश की भावी पीढी का भविष्य उज्जवल करना हो तो शालाओं में मोबाइल बंदी करना बहुत जरूरी है. महाराष्ट्र में सभी प्रकार की शालाओं में विद्यार्थियों के मोबाइल इस्तेमाल पर बंदी लगाई जाए. इसके लिए आर्वी के विधायक आगामी वर्षाकालीन अधिवेशन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव रखनेवाले है. विशेष यह कि विधायक वानखेडे ने सीएम देवेन्द्र फडणवीस से पत्रव्यवहार कर मोबाइल बंदी करने के बारे में विनती की है. अमरावती जिला के शिक्षक सुधीर केने के रिसर्च की दखल लेकर उन्होंने यह निर्णय लिया है.
जिले के चांदुर रेलवे तहसील में स्थित राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज विद्यालय के माध्यमिक शिक्षक सुधीर पंजाबराव केने ने मोबाइल बंदी के संदर्भ में शोध किया है. बीते 5 वर्षो से उन्होंने विद्यार्थियों के बर्ता, व्यवहार के बारे में जानकारी ली है. इस संदर्भ मे बालरोग विशेषज्ञ, मानसोपचा, नेत्रतज्ञ, मानसोपपचार तज्ञ, नेत्रतज्ञ, अस्थिरोग तज्ञ व दिमागी बीमारी के तज्ञों से मुलाकातें की है. विद्यार्थियों में मोबाइल की आदत से विद्यार्थियों को भविष्य में कैन्सर, गर्दन से दर्द, भूल जाने की बीमारी, चिडचिडापन, अंधापन, चक्कर आना ऐसी अनेक बीमारियां होने की शिकायत तेजी से हो रही है. ऐसी विशेषज्ञ डॉक्टरों की राय है. इन सभी की वजह से नई पीढी का भविष्य खतरे में आया है. मोबाइल पर गेम, सोशल मीडिया के अति इस्तेमाल से विद्यार्थी हिंसक बन गये है. विदेश की तरह अमरावती के विद्यार्थी की स्कूल बैग में पिस्तौल पाए जाने की घटना हाल ही में गूंजी है. ऑस्ट्रेलिया जैसे प्रगत देश ने विद्यार्थियों को सोशल मीडिया पर बंदी लगाकर संसद में कानून मंजूर किया है. बोहरा समाज ने भी बच्चों को मोबाइल का इस्तेमाल करने पर बंदी लगाई है. इसी तर्ज पर महाराष्ट्र राज्य की शालाओं मोबाइल बंदी होनी चाहिए. , इसके लिए जागृत शिाक सुधीर केने ने विधायक सुमित वानखेडे के साथ ही सीएम फडणवीस के साथ पत्र व्यवहार किया है. इस पत्र की दखल लेकर विधायक सुमित वानखेडे आगामी वर्षाकालीन अधिवेशन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव प्रस्तुत करेंगें.
* सरकार ने ली नये उपक्रम की दखल
जागृत शिक्षक सुधीर केने ने कक्षा 5वीं से कक्षा 12 वीं तक के विद्यार्थियों पर मोबाइल बंदी कर रिसर्च किया. उन्हें विद्यार्थियों में आलस्य कम होकर गुणवत्ता में बढोत्तरी होने का नजर आया है. इस नये उपक्रम की दखल लेकर राज्य शैक्षणिक रिसर्च व प्रशिक्षण परिषद, पुणे ने शिक्षक सुधीर केने को सम्मानित किया है.





