मोक्षदा एकादशी यथा नाम, तथा गुण
माहेश्वरी देवी का प्रतिपादन

* राधाकृष्ण सेवा समिति का एकादशी उत्सव भव्य
अमरावती/ दि. 1 – रंगाारी गली स्थित श्री राधाकृष्ण मंदिर में राधाकृष्ण सेवा समिति द्बारा आयोजित एकादशी उत्सव भव्य रहा. सैकडों स्त्री- पुरूष श्रध्दालुआेंं ने श्रध्दापूर्वक एकादशी महात्म्य श्रवण, कीर्तन और जय जगदीश हरे आरती में सहभाग किया. सुश्री माहेश्वरी देवी ने मोक्षदा एकादशी का महात्म्य विषद किया. इसकी कथा का वर्णन करते हुए कहा कि नाम के अनुरूप मोक्षदा एकादशी जीव को मोक्ष प्रदान करती है. उन्होंने समिति के नित्य आयोजन की भी सराहना की.्
देवी जी ने पितामह भीष्म का उदाहरण देकर सभी को दत्त चित्त कर दिया. उन्होंने कहा कि कर्म आपका जन्म- जन्मों तक पीछा नहीं छोडते. अत: कर्म करते समय सावधानी बरतने की सलाह आपने दी. उन्होंने बताया कि पितामह भीष्म को 124 जन्मों उपरांत शरसैया सहनी पडी. अत: कोई भी कर्म करते समय सावधानी रखनी चाहिए. उन्होंने कहा कि मानव जीव खाली हाथ आने की बात गलत है. दर असल व्यक्ति अपने कर्म की गठरी लेकर आता है. कर्म अथवा पुण्य लेकर जाता है. संपत्ति यहीं छूट जाती है. आपने भृगु ऋषि का उदाहरण देकर सत्संग, कथा श्रवण के लिए अपने परिचितों को आने, सम्मिलित होेने प्रेरित करने का आवाहन किया. इससे भी कथा श्रवण जितना ही पुण्य प्राप्त होने का दावा किया.
सुश्री माहेश्वरी देवी का समिति की ओर से शारदा देवी चांडक, मंगला लढ्ढा, किरण मूंधडा, पत्रकार लक्ष्मीकांत खंडेलवाल ने स्वागत कर आशीर्वाद ग्रहण किए. आज के ध्वजा यजमान मनमोहन रामेश्वर गग्गड और प्रसादी यजमान नवलकिशोर कुंजीलाल जाजू, संध्यादेवी संजय लढ्ढा, रमणकुमार कमलकिशोर झंवर, गायल माता परिवार, हेमवंती देवी चंपालाल हेडा, रतनलाल कन्हैयालाल राठी, हेमंतकुमार राठी, गोपालदास राठी सायत रहे.





