दादावाडी में मनी श्री गुरुदेव जीनकुशलसुरीजी की पुण्यतिथि
भावपूर्ण वातावरण के बीच हुआ आयोजन

* श्वेतांबर जैन समाज बंधुओं ने याद किया दादागुरु को
अमरावती/दि.23 – स्थानीय बडनेरा रोड स्थित जैन श्वेतांबर दादावाडी संस्थान में दादा श्री गुरुदेव श्री जीनकुशलसुरीजी की 690 वीं पुण्यतिथि पूरे धार्मिक विधिविधान के साथ मनाई गई. इस अवसर पर जैन समाज के प्रतिष्ठित देवराज, गोकुलचंद व सुगनचंद बोथरा परिवार द्बारा सभी धार्मिक विधान पूर्ण करते हुए दादा गुरुदेव की पूजा अर्चना की गई और दादा श्री गुरुदेव श्री जीनकुशलसुरीजी महाराज के स्मृतियों का स्मरण भी किया गया.
इस अवसर पर सतीश श्रीवास व उनकी टीम द्बारा संगीतमय भजनों का कार्यक्रम प्रस्तूत किया गया. जिसके उपरान्त सभी उपस्थितों को गौतम प्रसादी का वितरण किया गया. जिसका सभी समाज बंधुओं ने बडे श्रद्धाभाव के साथ लाभ लिया. इस पुण्यतिथि कार्यक्रम में कोमल बोथरा, प्रमोद बोथरा, विजय बोथरा, सिद्धार्थ बोथरा, श्रेणिक बोथरा, लता बोथरा, उज्वला बोथरा, मंजू बोथरा, गरीमा बोथरा, रुची बोथरा, डॉ. रविंद्र चोरडिया, भरत खजांची, राजेंद्र बच्छा, विजय खजांची, रजनीश कोठारी, राजू सौंदर्या, रमेश साबद्रा, धीरेंद्र अग्रवाल, राजेश चोरडिया, शीतल लुनावत, राजेश बोकाडिया, प्रेम बोकाडिया, नवीन चोरडिया, सुरेश मुणोत, अशोक बबोरिया, इंदर सुराणा, रश्मि लूनिया, ललिता संघवी, रवि चोरडिया, अनीता चोरडिया, ममता करनावत, ममता चोरडिया, अरुणा लोड़ा, नीतू गोलछा, राजरानी कोठारी, रूपा भंसाली, शीला खजांची, सरला लोड़ा, निकिता बच्चा, संगीता बच्चा, अनीता जैन, सरोज गोलछा, राजेश्री कोचर, उषा कोचर, ममता करनावत, चंदा जैन, धनलक्ष्मी नागडा, कल्पना मेहता, सरला गोलछा, लता बाफना, भावना दोषी, सोनल चोपड़ा, संगीता बच्चा, महावीर चोपड़ा, रजनीश कोठारी, जवाहर गांग, यश चोरडिया, गौरव लुणावत, संगीता सावला, विजय सामरा, कीर्ति बाफना, विनय बोथरा, पप्पू बोथरा, सोनाली बोथरा, मांगीलाल गोलछा, नरेश सारडा, अजय बच्चा, महावीर सामरा, सुरेश साबद्रा, नेहा कोठारी, राशि कोचर, विनीता कात्रेला, शुभा चोरडिया, प्रकाश भंडारी, पलक मुनोत, विजू बाला, शमा कोचर, किरण सुराणा, शकुनबाई जैन, सुनीता लुणावत, कवरिलालजी ओसतवाल, प्रवीण कोचर, रितेश कोचर, संगीता चोरडिया, रतन भंसाली, आरती भंडारी, राजेंद्र भंसाली, मुगल मोहता सहित अनेकों समाजबंधु उपस्थित थे.
* पाकिस्तान के देराउर में स्थित है दादागुरु का स्थान
– प्रत्येक पूर्णिमा पर भारतीय श्रद्धालूओं द्बारा किया जाता है पूजन
बता दें कि, जैन जगत के तृतीय दादा श्री जीनकुशलसूरी गुरुदेव जी की पुण्य तिथि फागुन बदी अमावस को होती है. इसी तिथि पर आज से 690 साल पहले गुरुदेव ने देराउर (अब पाकिस्तान) में अपना देह त्यागा था. मान्यता है कि, उनकी आत्मा आज भी चौथे देवलोक में लौकांतिक देवगति में विराजमान है और भक्तो के लिए सदैव प्रत्यक्ष है तथा अगर आज भी कोई सच्चे दिल और पूरी श्रद्धा भक्ति के साथ निः स्वार्थ भाव से जो भी गुरुदेव को याद करता है, वह उनका दर्शन पा जाता है. पूरे भारत वर्ष में दादा गुरुदेव की सबसे अधिक बाडियां व प्रत्यक्ष दर्शन स्थल है तथा भारत में दादा गुरुदेव के प्रति श्रद्धा रखने वाले भाविकों की संख्या भी काफी अधिक है. जिनके द्बारा आज ही प्रत्येक महिने की पुर्णिमा पर पाकिस्तान के देराउर स्थित दादा गुरुदेव के स्थान पर पूजा अर्चना कराई जाती है. 5 माह पूर्व अमरावती निवासी देवराज बोथरा परिवार की ओर से देराउर स्थित दादा गुरुदेव के स्थान पर पूजा अर्चना करवाई गई थी. यह विशेष उल्लेखनीय है.





