शेंदूरजना घाट की मां बालासुंदरी
छठवें शक्तिपीठ की मानता

* 700 वर्षों का इतिहास
शेंदूरजना घाट/दि.1 – मध्यप्रदेश की सीमा से सटे अमरावती जिले के शेंदूरजना घाट शहर में तीन दुर्गा मंदिर, दो महादेव कैलाश मंदिर, भवानी माता सहित हनुमानजी के तीन मंदिर है. इनमें मां बालासुंदरी का मंदिर 700 वर्ष पूर्व का है. इससे देश की छठवीं शक्तिपीठ की मान्यता है. शारदीय नवरात्रि उत्सव यहां जोरदार शुरू है. दोनों ही प्रांतो से भाविक बडी संख्या में नित्य दर्शन के लिए उमड रहे है. सबेरे से लेकर शाम तक विभिन्न अनुष्ठान, अभिषेक, आरती, सप्तशति पाठ और अन्य कार्यक्रम नित्यनियम से हो रहे हैं.
मंदिर के करीब गायमुख हैं. इस गायमुुख के पास पुरातन शिलालेख पाया गया है. जिस पर इसवीसन 1600 दौरान सुंदरजना ऐसा उल्लेख मिलता है. मा बालासुंदरी का मंदिर जीस क्षेत्र में है उसे सुंरदना और शहर के बालापेठ में मां बालासुंदरी के नाम से ही बालापेठ नाम प्रचलित होने का दावा किया जाता है. उसी प्रकार सिंदुरजना को आगे चलकर शेंदुरजना उल्लेख किया जाने लगा, इस प्रकार की जानकारी है. वर्षभर मां बालासुंदरी के हेतु श्रध्दालु आते है. शारदीय नवरात्री जैसी चैत्र नवरात्रि भी यहां उत्साह से मनाई जाता है और मेला लगता है.
यह है देश के 6 शक्तिपीठ
पहली शक्तिपीठ देवबन जिला सहारनपुर , दूसरी शक्तिपीठ नमलोकपुर, जिला सिरमोर, हरियाणा, तिसरी शक्तिपीठ मुला तालुका बारा जिला अंबाला, चौथी शक्तिपीठ पवडी दडवा, जम्मू कश्मिर, पांचवी शक्तिपीठ परोले जिला कहुवा, और छटवी शक्तिपीठ शेंदूरजना घाट मानी जाती है.





