सांसद प्रणिती शिंदे का ‘तमाशा’ वाला बयान शर्मनाक

भाजयुमो के प्रदेश महामंत्री बादल कुलकर्णी ने किया निषेध

अमरावती /दि.30- विगत 28 जुलाई को देश की राजधानी दिल्ली स्थित संसद भवन में ऑपरेशन सिंदूर के विषय पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद प्रणिती शिंदे ने इसे मीडिया द्वारा खडा किया गया तमाशा संबोधित किया. सांसद प्रणिती शिंदे के इस बयान को बेहद शर्मनाक बताते हुए भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश महामंत्री बादल कुलकर्णी ने ऑपरेशन सिंदूर को तमाशा बताए जाने वाले बयान की कडी निंदा भी की है. साथ ही उन्होंने इसे लेकर सांसद प्रणिती शिंदे के नाम एक पत्र भी जारी किया है.
अपने इस पत्र में भाजयुमो के प्रदेश महामंत्री बादल कुलकर्णी ने कहा कि, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बेकसूर पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के बाद पूरे देश में तीव्र रोष व संताप की लहर पैदा हुई थी और हर कोई पाकिस्तान को मुहतोड जवाब देना चाहता था. इस जनभावना को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर चलाते हुए पाकिस्तान को करारा जवाब दिया. साथ ही ऑपरेशन सिंदूर के बारे में देश को हर छोटी-बडी जानकारी भी दी. इसके साथ ही भारतीय सेना ने ऑपरेशन महादेव चलाते हुए पहलगाम में आतंक फैलानेवाले कई आतंकियों को मार गिराया. इन दोनों कार्रवाईयों के लिए हमें अपनी सेना पर अभिमान होना चाहिए, परंतु कांग्रेस के नेताओं द्वारा सेना के पराक्रम और कार्रवाई पर संदेह उपस्थित करने के साथ ही सेना का मनोबल तोडने का प्रयास किया जा रहा है.
इसके साथ ही भाजयुमो के प्रदेश महामंत्री बादल कुलकर्णी ने यह भी कहा कि, आज देश में मजबूत व ताकतवर सरकार है, जो आतंकियों को उनकी ही भाषा में जवाब देती है. इससे उलट कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के कार्यकाल दौरान कश्मीर घाटी में सेना पर पत्थरबाजी हुआ करती थी. लेकिन सेना को आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई के अधिकार नहीं थे. वहीं तत्कालिन प्रधानमंत्री द्वारा अपने कार्यालय में अलगाववादी नेताओं की अगुवानी करते हुए उनसे चर्चा की जाती थी. साथ ही भगवा आतंकवाद का शब्दप्रयोग करनेवाले सांसद प्रणिती शिंदे के पिता व पूर्व गृहमंत्री सुशीलकुमार शिंदे के कार्यकाल दौरान ही हैदराबाद सहित बोधगया में बम विस्फोट हुए थे. जिसमें दर्जनों लोगों की मौत होने के साथ ही सैकडों लोग घायल हुए थे. ऐसे में सांसद प्रणिती शिंदे ने इस बात का जवाब देना चाहिए कि, उनके पिता व तत्कालिन गृहमंत्री सुशीलकुमार शिंदे सहित तत्कालिन कांग्रेस सरकार ने उस वक्त आतंकवाद के खिलाफ कौनसे कदम उठाए थे. साथ ही ऑपरेशन सिंदूर व ऑपरेशन महादेव पर सवालिया निशान उठाने से पहले सांसद प्रणिती शिंदे सहित कांग्रेस के नेताओं ने खुद अपने गिरेबान में झांककर देखना चाहिए. क्योंकि उन्हें भी जनता ने बडे विश्वास के साथ चुनकर दिया है, परंतु वे अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए और वोट बैंक को संभालने के लिए बेसिर-पैर के बयान देकर कहीं न कहीं दुश्मन देश की सहायता कर रहे है और उनके ऐसे बयानों से वैश्विक स्तर पर भारत की प्रतिमा मलिन होने का भी खतरा है.

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