फिनले मिल कामगारों के आंदोलन को सांसद वानखडे ने दिया समर्थन
कांग्रेस के ग्रामीण जिलाध्यक्ष बबलू देशमुख के साथ आंदोलन स्थल पर दी भेंट

* कामगारों से चर्चा कर उनकी समस्याएं सुनी
अचलपुर /दि. 18 – अपने अधिकारों और न्याय के लिए पिछले 16 दिनों से अचलपुर स्थित फिनले मिल में मज़दूरों द्वारा आहूत धरने को अब जनप्रतिनिधियों का समर्थन मिल रहा है. रविवार को अमरावती लोकसभा क्षेत्र के सांसद बलवंत वानखड़े और पूर्व ज़िला परिषद अध्यक्ष बबलू देशमुख ने दौरा कर कामगारों से चर्चा करते हुए उनकी समस्या सुनी और न्यूनतम मज़दूरी, बकाया बोनस और अन्य मानदेय के लिए चल रहे इस संघर्ष को अपना समर्थन दिया.
मज़दूरों के इस तीव्र विरोध प्रदर्शन के तहत, मज़दूर वैभव रमेश पांडे और विकेश नरेश उकड़े ने ’शोले’ स्टाइल में फिनले मिल की ऊंची चिमनी पर चढ़कर सरकार और प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की. अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए, फिनले मिल के मज़दूरों ने कहा कि उन्हें कई वर्षों से कम मज़दूरी पर काम करना पड़ रहा है. इस अल्प वेतन में परिवार का भरण-पोषण करना बहुत कठिन हो गया है. बढ़ती महंगाई के बावजूद, उनके वेतन में कोई वृद्धि नहीं हुई है. कंपनी कई वर्षों से बकाया बोनस और अन्य मानदेय का भुगतान कर रही है, जिससे श्रमिकों की आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो गई है. प्रशासन से बार-बार संपर्क करने के बावजूद उनकी मांगों की अनदेखी किए जाने के कारण उन्हें यह कदम उठाना पड़ा है. श्रमिकों ने अपना रोष व्यक्त करते हुए कहा कि प्रशासन की उदासीनता और कंपनी के मनमाने प्रबंधन के कारण उनका धैर्य जवाब दे गया है.
सांसद वानखड़े ने श्रमिकों से बातचीत की और उनकी समस्याओं को समझा. इस गंभीर मुद्दे पर ध्यान देते हुए, उन्होंने तुरंत वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों से फोन पर संपर्क किया. उन्होंने अधिकारियों को तुरंत मामले की जांच करने और श्रमिकों की मांगों को स्वीकार करने के निर्देश दिए. उन्होंने आश्वासन दिया कि श्रमिकों की मांगे जायज़ हैं और उन्हें जल्द से जल्द न्याय दिलाना सरकार का कर्तव्य है. वे व्यक्तिगत रूप से इस मामले को देखेंगे और श्रमिकों को न्याय दिलाने का प्रयास करेंगे. श्रमिकों ने सांसद के इस आक्रामक रुख और श्रमिक-समर्थक रुख का स्वागत किया. मज़दूरों ने अपनी मांगे पूरी होने और उचित न्याय मिलने तक इस आंदोलन को जारी रखने का संकल्प व्यक्त किया है. अब चूंकि मज़दूरों के आंदोलन को जनप्रतिनिधियों का समर्थन मिल गया है, इसलिए उम्मीद है कि यह मसला जल्द ही सुलझ जाएगा. इस अवसर पर मुख्य रूप से बबलू देशमुख, नामदेवराव तनपुरे, अमोल चिमोटे, अमोल बोरेकर, सच्चिदानंद बेलसरे, विशाल खानजोड़े और फिनले मिल के अन्य मज़दूर बड़ी संख्या में उपस्थित थे.





