सांसद वानखडे का निजी विधेयक सरकार द्बारा मंजूर
मानसिक स्वास्थ्य सेवा में होगा सुधार

* विद्यार्थियों की मानसिक स्वास्थ्य जांच बताई आवश्यक
अमरावती/ दि. 6- अमरावती के सांसद बलवंत वानखडे द्बारा शुक्रवार को लोकसभा में रखे गये निजी विधेयक को सरकार ने मंजूर किया है. यह विधेयक मानसिक स्वास्थ्य सेवा (सुधार) से संबंधित है. इसका उद्देश्य विद्यार्थियों की बढती आत्महत्या की घटनाएं रोकना है. इसके तहत शाला स्तर पर ही मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता अनिवार्य की जायेगी. उसी प्रकार संबंधित सत्र में विद्यार्थी के उपस्थित रहने को अनिवार्य करने का प्रावधान उक्त विधेयक में होने की जानकारी सांसद वानखडे ने अमरावती मंंडल से चर्चा दौरान दी.
उन्होंने बताया कि विधेयक में सभी शिक्षा संस्थाओं और कोचिंग सेंटर में नई धारा 31 अ के अनुसार नियमित रूप से मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करना बंधनकारक होगा. उसी प्रकार अध्यापकों को भी नियुक्ति पूर्व मानसिक स्वास्थ्य प्रशिक्षण लेना अनिवार्य होगा. प्रत्येक वर्ष रिफ्रेशर ट्रेनिंग भी अनिवार्य की जायेगी. विधेयक में तीसरा महत्वपूर्ण प्रावधान वार्षिक अहवाल केन्द्र और राज्य को प्रस्तुत करना भी बंधनकारक किया गया है. केन्द्रीय प्राधिकरण या राज्य विधानमंडल के सामने भी यह अहवाल दिया जा सकता है.
आत्महत्या से सभी व्यथित
संवेदनशील और सिंपल व्यक्तित्व बलवंत वानखडे ने कहा कि गत 10 वर्षो में विद्यार्थियों की आत्महत्या की घटनाएं दो गुनी होकर 13 हजार से अधिक हो गई है. ऐसे में विद्यार्थियों हेतु सहानुभूतिपूर्ण और प्रशिक्षित व्यक्ति का मार्गदर्शन एवं ऐसा वातावरण बनाना आवश्यक है जहां विद्यार्थी संपूर्ण तनाव रहित हो जाए. इसके लिए सरकारी नियम में संशोधन का बिल रखा गया है. शासन ने उसे स्वीकृति दे दी है. शिक्षा व्यवस्था में पहली बार मानसिक स्वास्थ्य को कानून के दायरे में लाने वाला विधेयक मंजूर होने से विद्यार्थियों के जीवन में बडा सकारात्मक बदलाव आने की आशा सांसद वानखडे ने व्यक्त की.





