एमपीएससी परीक्षा और चुनाव का नतीजा एक ही दिन रहेगा
जिलाधिकारी समेत राजस्व विभाग के कर्मचारियों पर अतिरिक्त भार

* विद्यार्थियों में संभ्रम
मुंबई/दि.3- महाराष्ट्र चुनाव 2025: राज्य में 264 नगर परिषदों और नगर पंचायतों के चुनाव के लिए कल 2 दिसंबर मतदान हुआ.राज्य में नगर परिषदों और नगर पंचायतों के 264 अध्यक्षों और 6,042 सदस्य पदों के लिए मतदाताओं के वोट मतपेटियों में कैद हो गए हैं. इस बीच, बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर और औरंगाबाद पीठ ने 21 दिसंबर को मतगणना कराने का आदेश दिया है. इसके चलते आज 3 दिसंबर होने वाली मतगणना स्थगित कर दी गई है. अब इन चुनावों के नतीजे 21 दिसंबर को मतगणना के बाद ही पता चलेंगे. दूसरी ओर, यह बताया गया है कि नगर परिषदों और नगर पंचायतों के लिए मतगणना में देरी का सीधा असर एमपीएससी परीक्षा 2025 पर पड़ेगा.
नगर परिषद और नगर पंचायत के लिए मतगणना में देरी के कारण, एमपीएससी परीक्षा और मतगणना एक ही दिन आ गई है. परिणामस्वरूप, राज्य भर में नगर परिषद और नगर पंचायत के लिए मतगणना 21 दिसंबर को होगी. वहीं, एमपीएससी परीक्षा भी उसी दिन होगी.जिला स्तर पर, परीक्षा की पूरी ज़िम्मेदारी जिलाधिकारी और राजस्व विभाग की होगी. हालांकि, मतगणना के दिन जिलाधिकारी के साथ राजस्व विभाग के कर्मचारी भी मतगणना के काम में व्यस्त रहनेवाले है. इस कारण अतिरिक्त तनाव एक साथ प्रशासन पर पडनेवाला है. इस कारण 21 दिसंबर को होनेवाली एमपीएससी संयुक्त पूर्व परीक्षा गट ब बाबत एमपीएससी क्या निर्णय लेता है, यह देखना अब महत्वपूर्ण रहनेवाला हैं. शुरूआत में यह परीक्षा 9 नवंबर को होनेवाली थी. लेकिन उस समय महाराष्ट्र के कुछ क्षेत्रों में परिस्थिति निर्माण होने से यह परीक्षा 21 दिसंबर को ली जानेवाली है. लेकिन अब नगर परिषद और नगर पंचायत की मतगणना की तिथि आगे बढने से यह मतगणना एमपीएससी परीक्षा के दिन होनेवाली हैं. इस कारण इसका अतिरिक्त परिणाम जिला प्रशासन पर रहनेवाला हैं. यह चुनाव करीबन 280 स्थानों पर होते रहने से और प्रत्येक की मतगणना स्वतंत्र स्थलों पर अलग-अलग शहरों में रहने से करीबन 280 से अधिक मतगणना केंद्र और स्ट्राँग रूम 21 दिसंबर तक आरक्षित रखने पडेंगे. इसके अलावा सभी स्ट्राँग रूम में उतने दिन ईवीएम सुरक्षित रखने के लिए पुलिस का बंदोबस्त रखना पडेगा. स्ट्राँग रूम में ईवीएम रहते चुनाव निर्णय अधिकारी तथा चुनाव प्रक्रिया के कर्मचारियों को हर दिन स्ट्राँग रूम में जाकर जायजा करना और हस्ताक्षर करना अनिवार्य रहता है. यह प्रक्रिया 21 दिसंबर तक पूरी करनी पडेगी. विधानसभा में 288 स्थानों पर मतगणना रहती हैं. करीबन उतने ही मतगणना स्थल नगर परिषद चुनाव में हैं. लेकिन नजर रखने जैसी बात यानी विधानसभा की मतगणना वोटिंग के बाद तत्काल एक अथवा दो दिन में होती हैं.





