मराठा आंदोलन से मुंबई की पूरी लाईफ लाईन ठप, मनोज जरांगे की भूख हडताल दूसरे दिन भी जारी

13 माह से समय दिया, अब एक मिनट भी नहीं देंगे, कल सुबह तक प्रमाणपत्र मिलने चाहिए

* सरकार के प्रतिनिधि मंडल को मनोज जरांगे का दो टूक जवाब
* सरकार ने पूर्व न्या. संदीप शिंदे के नेतृत्व में भेजा था प्रतिनिधि मंडल
* प्रतिनिधि मंडल के साथ मनोज जरांगे की वार्ता रही विफल
* आजाद मैदान पर दूसरे दिन भी जमे रहे हजारों मराठा कार्यकर्ता
* मराठा समाज को कुणबी घोषित करने की मांग
मुंबई /दि.30- मराठा समाज को कुणबी घोषित करते हुए ओबीसी संवर्ग के अंतर्गत मराठा समाज को आरक्षण दिए जाने की मांग को लेकर अपने हजारों समर्थकों के साथ गत रोज मुंबई पहुंचकर आजाद मैदान में आंदोलन शुरु करनेवाले मराठा आंदोलक मनोज जरांगे ने आजाद मैदान पर अपने कई समर्थकों सहित आमरण अनशन करना शुरु कर दिया है. यद्यपि मनोज जरांगे को आजाद मैदान पर केवल एक ही दिन आंदोलन करने की अनुमति मिलेगी, परंतु जरांगे अपने समर्थकों के साथ आजाद मैदान पर कल शाम 6 बजे के बाद भी डंटे रहे और उन्होंने आज दूसरे दिन भी आजाद मैदान पर अपना डेरा जमाए रखा. जिसके चलते अब सरकार पर मराठा आरक्षण की मांग को लेकर अच्छा-खासा दबाव बढ रहा है. वहीं दूसरी ओर गणेशोत्सव की धामधूम के बीच मुंबई के आजाद मैदान पर मनोज जरांगे द्वारा किए जा रहे आंदोलन और मुंबई में समूचे राज्य से पहुंच रहे मराठा समाजबंधुओं की सडकों पर बढ रही भीड के चलते मुंबई की लाईफ लाईन भी पूरी तरह से ठप हो गई है.
इस बीच राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के पूर्व न्यायमूर्ति संदीप शिंदे के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल को मनोज जरांगे से बातचीत करने हेतु भेजा. जिसके साथ मनोज जरांगे की वार्ता लगभग विफल रही. पता चला है कि, मनोज जरांगे ने इस प्रतिनिधि मंडल को दो टूक जवाब देते हुए कहा कि, उन्होंने मराठा आरक्षण एवं कुणबी प्रमाणपत्र के लिए सरकार को 13 माह का समय पहले ही दे दिया है और अब वे इसके लिए सरकार को एक मिनट का भी समय नहीं देनेवाले. ऐसे में यदि सरकार चाहती है कि, आजाद मैदान पर मराठाओं द्वारा किया जा रहा आंदोलन व अनशन जल्द खत्म हो जाए, तो सरकार को चाहिए कि, वह कल सुबह तक मराठा समाज को आरक्षण सहित कुणबी प्रमाणपत्र देने का निर्णय ले. इस समय न्या. संदीप शिंदे ने मनोज जरांगे को यह कहते हुए समझाने का प्रयास किया कि, मराठा समाज को कुणबी प्रमाणपत्र देने हेतु एक प्रक्रिया का अवलंब करना होगा और उस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए थोडे समय की जरुरत होगी. परंतु मनोज जरांगे इस प्रतिनिधि मंडल की एक भी बात सुनने के लिए तैयार नहीं थे, बल्कि मनोज जरांगे का कहना रहा कि, पहले मराठाओं को कुणबी प्रमाणपत्र देने के संबंधित जीआर निकाला जाए और सातारा व हैदराबाद गैजेटियर के अनुसार जाति प्रमाणपत्र देने की प्रक्रिया को पूरा किया जाए. इस समय मनोज जरांगे ने सरकार को 6 दिनों का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि, यदि इस बारे में तुरंत ही निर्णय नहीं लिया गया, तो अगले शनिवार व रविवार को एक भी मराठा अपने घर पर नहीं रहेगा. बल्कि पूरा मराठा समाज सडक पर उतरकर आंदोलन करेगा.
जहां एक ओर मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मुंबई की सडकों पर हंगामा मचा हुआ है, वहीं दूसरी ओर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस मामले को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सहित उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ चर्चा की और पूरे मामले का सघन जायजा लिया. इसके साथ ही राज्य सरकार द्वारा मराठा समाज के मसलो को हल करने हेतु नियुक्त उपसमिति की बैठक आज ही बुलाई गई और समिति अध्यक्ष राधाकृष्ण विखे पाटिल की अध्यक्षता के तहत संपन्न हुई बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए और सरकार ने अपने प्रतिनिधि मंडल को मनोज जरांगे के साथ चर्चा करने के लिए भेजा. जिसके चलते मराठा आरक्षण के मुद्दे पर जल्द ही कोई ठोस निर्णय निकलने की संभावना भी जताई जा रही है. हालांकि राज्य सरकार के साथ मराठा आंदोलक मनोज जरांगे की पहले दौर वाली चर्चा विफल साबित होने की जानकारी है. इसके साथ ही अब राज्य के ओबीसी नेताओं ने जरांगे द्वारा किए जा रहे आंदोलन के खिलाफ ओबीसी समाज के सडक पर उतरने की चेतावनी दी है. जिसके चलते अब राज्य में मराठा व ओबीसी समाज के बीच संघर्ष तीव्र होने के आसार भी देखे जा रहे है.

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