आवारा श्वानों व जानवरों पर नियंत्रण रखने मनपा की बैठक
पशुओं की टैगिंग, श्वान ‘एबीसी’ उपक्रम शुरू करें

* मनपा आयुक्त सौम्या शर्मा ने दिए निर्देश
अमरावती/ दि. 6 – शहर में इन दिनों आवारा श्वानोें की संख्या बढ रही है और उनके द्बारा काटे जाने की घटनाएं लगातार हो रही है. मनपा को लगातार शिकायतें भी मिल रही है. जिसमें मनपा आयुक्त सौम्या शर्मा ने मनपा में आयोजित एक बैठक में अधिकारियों को पशुओं की टैगिंग व श्वानों के लिए एबीसी कार्यक्रम शुरू करने के निर्देश दिए.
निगमायुक्त सौम्या शर्मा चांडक की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में शहर में आवारा श्वानों और पशुओं की बढती जनसंख्या और उनसे उत्पन्न समस्याओं के समाधान हेतु प्रजनन नियंत्रण पहल 2001 व पशु प्रजनन नियंत्रण 2023 के साथ- साथ शहरी क्षेत्रों में मवेशी प्रजनन अधिनियम के तहत महत्वपूर्ण निर्णय लिए गये. श्वानों की नस्ल नियंत्रण के लिए एबीसी पहलो के कार्यान्वयन में तेजी लाने व इसके लिए निविदा प्रक्रिया पूरी करने और हिंसक तथा पागल श्वानों पर नियंत्रण रखने की कार्रवाई करने के निर्देश दिए गये.
बैठक में इसके साथ आवारा श्वानों का टिकाकरण के लिए अभियान चलाने, पशु प्रजनन नियंत्रण नियम 2023 के तहत नये कानून लागू करने, वही शहरी क्षेत्रों में मवेशी प्रजनन और आवारा पशुओं को नियंत्रित करने के लिए उपाय योजना भी तय की गई. साथ ही डेयरी व्यवसाय के लायसेंस जारी करते समय अधिक कठोर प्रक्रिया लागू करने के लिए कहा गया है. आवारा पशुओं के खिलाफ कार्रवाई करते समय पुलिस सुरक्षा और कार्रवाई के दौरान यातायात अवरोधों के लिए यातायात पुलिस की सहायता लेने के निर्देश दिए गये.
* जन जागृति के लिए विशेष अभियान चलाए
निगमायुक्त सौम्या शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में आवारा श्वानों के लिए टीकाकरण शिविरों की योजना बनाकर उन्हें अभियान के रूप में लागू किया जाना चाहिए. खासकर स्कूलों, पार्को और बस्तियों में इस पर ध्यान दिया जाए. हर दिन श्वानों के काटने की शिकायतों का विश्लेषण करने के बाद विभागीय जिम्मेदारी निर्धारित की जानी चाहिए और संबंधित अधिकारियों से पूछताछ की जानी चाहिए. पशु जनसंख्या नियंत्रण नियम 2023 के तहत नये प्रावधानों को प्रभावी ढंग से लागू कर जनजागृति के लिए विशेष अभियान चलाया जाना चाहिए, ऐसे निर्देश निगमायुक्त शर्मा ने बैठक के दौरान दिए.
* मवेशी पालने के लिए लायसेंस अनिवार्य
मनपा की बैठक में निर्देश दिए गये कि मवेशी पालने के लिए लायसेंस अनिवार्य होना चाहिए. बिना लायसेंस के कोई मवेशी रखता है तो उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए. आवारा पशुओं के खिलाफ कार्रवाई करते समय खासकर भीडभाड वाले और यातायात वाले क्षेत्र में पुलिस सुरक्षा की योजना चलाई जानी चाहिए. घरेलू और आवारा पशुओं की टैगिंग अनिवार्य करने के लिए एक अलग से अभियान चलाया जाना चाहिए.
बैठक में उपायुक्त डॉ. मेघना वासनकर, पशुशल्य चिकित्सक डॉ. सचिन बोंद्रे, पशु कल्याण निवारण समिति के प्रतिनिधि, सदस्य डॉ. संजय कावरे, उपायुक्त (पशुपालन) पुरूषोत्तम सोलंके, डॉ. राधेश्याम बहादुर, विजय शर्मा, शुभम सावके, सागर मैदानकर और जिला डेयरी विकास अधिकारी उपस्थित थे.





