मविआ व मनसे नेताओं ने की निर्वाचन आयोग से भेंट

मतदाता सूची में रहनेवाली त्रुटियों की ओर आयोग का दिलाया ध्यान

* आयोग के कामकाज को लेकर भी दर्ज कराई कई गंभीर शिकायते
मुंबई/दि.15 – राज्य में स्थानीय स्वायत्त निकायों के चुनाव को ध्यान में रखते हुए आज महाविकास आघाडी व मनसे सहित अन्य विपक्षी दलों के प्रतिनिधि मंडल ने एक बार फिर राज्य निर्वाचन आयुक्त एवं राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के साथ बैठक की. जिसमें विपक्षी नेताओं ने निर्वाचन आयोग को मतदाता सूचियों में मतदाताओं के नाम व पतो में रहनेवाली गडबडियों व त्रुटियों के बारे में बताने के साथ ही पारदर्शक तरीके से चुनाव कराने हेतु आवश्यक उपाय करने के लिए भी कहा गया.
इस बैठक में शिवसेना उबाठा के पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे व मनसे प्रमुख राज ठाकरे सहित कांग्रेस व शरद पवार गुट वाली राकांपा की ओर से जयंत पाटिल, जितेंद्र आव्हाड, बालासाहेब थोरात, विजय वडेट्टीवार, रईस शेख, अनिल परब, अनिल देसाई व अजीत नवले आदि नेताओं का समावेश था. इन नेताओं ने बैठक के दौरान कहा कि, मतदाता सूची में रहनेवाली गलतियों, प्रक्रिया में होनेवाले विलंब अथवा प्रशासन के गलत फैसलों की वजह से निर्वाचन प्रक्रिया पर लोगों का विश्वास कम होने का खतरा रहता है. अत: निर्वाचन आयोग ने मतदाताओं की सटिक जानकारी दर्ज करने के साथ ही निर्वाचन प्रक्रिया को पारदर्शक रखने हेतु आवश्यक उपाय करने चाहिए. इस बैठक के बाद इन सभी नेताओं की एक बार फिर एक बैठक हुई. जिसके बाद विपक्षी नेताओं की ओर से एक पत्रवार्ता भी बुलाई गई. जिसमें विपक्षी नेताओं ने पत्रकारों को बैठक में हुई बातचीत के बारे में विस्तार के साथ जानकारी दी.

* हमने आयोग के कामों का किया भंडाफोड
पत्रकार परिषद को संबोधित करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बालासाहेब थोरात ने केंद्रीय एवं राज्य निर्वाचन आयोग के कामकाज को लेकर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि, हमने यानि कांग्रेस पार्टी ने निर्वाचन आयोग के कामकाज की पोलखोल करते हुए मतदाता सूची में रहनेवाली गडबडियों को पूरी तरह से उजागर किया है और निर्वाचन आयोग के साथ हुई बैठक में इससे संबंधित तमाम सबूत भी पेश किए गए. थोरात ने यह भी कहा कि, इस बैठक के जरिए विपक्षी नेताओं का समाधान नहीं हुआ है और अब भी निर्वाचन आयोग ने हमारे द्वारा उपस्थित किए गए मुद्दों पर स्पष्ट रुप से कोई जवाब नहीं दिया है.
* हमने उन्हें उनकी गलतियां बताई
इस समय शरद पवार गुट वाली राकांपा से वास्ता रखनेवाले नेता जयंत पाटिल ने कहा कि, गत रोज निर्वाचन आयोग के साथ हुई बैठक में हमने निर्वाचन आयोग को उनकी कई गलतियां बताई. जिसके बाद निर्वाचन आयोग ने हमें आश्वस्त किया कि, मतदाता सूचियों में रहनेवाली गलतियों को तुरंत दुरुस्त किया जाएगा. इस समय पाटिल ने अपने पास रहनेवाली मतदाता सूची में मतदाताओं के नाम पर पते को लेकर गलत तरीके से दर्ज रहनेवाली कई जानकारियों का भी हवाला दिया और कहा कि, ऐसी गलतियों की वजह से ही कई निर्वाचन क्षेत्रों में चुनावी नतीजे प्रभावित हुए है.

* और 6 महिने चुनाव मत लो, क्या फर्क पडता है
वहीं इस बैठक के दौरान मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने कहा कि, पिछले 3-4 वर्षों से राज्य में स्थानीय स्वायत्त निकायों के चुनाव प्रलंबित ही पडे हुए है. ऐसे में यदि और 6 महिने तक चुनाव नहीं कराए जाते है, तो इससे कोई विशेष फर्क नहीं पडेगा. ऐसे में पहले मतदाता सूची में रहनेवाली गडबडियों को दूर किया जाना चाहिए और उसके बाद ही चुनाव कराने के बारे में विचार किया जाना चाहिए. इस समय राज ठाकरे ने भी अपने पास रहनेवाली मतदाता सूची में दर्ज कई गडबडियों का हवाला दिया और कहा कि, जब तक मतदाता सूचियां त्रुटी रहित नहीं होती तब तक मतदान कराए जाने का कोई औचित्य व अर्थ भी नहीं है. साथ ही राज ठाकरे ने यह भी कहा कि, मतदाता सूचियों को संशोधित करने हेतु यदि अगले 6 माह तक चुनाव नहीं होते है, तो इससे कोई विशेष फर्क नहीं पडनेवाला.

* इलेक्शन की बजाए सिलेक्शन ही कर डालो
वहीं मतदाता सूचियों में रहनेवाली गडबडियों और इसकी वजह से चुनावी नतीजे प्रभावित होने को लेकर अपनी नाराजगी जताते हुए शिवसेना उबाठा के पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि, उन्होंने निर्वाचन अधिकारियों से स्पष्ट तौर पर कहा कि, यदि आयोग निष्पक्ष एवं पारदर्शक तरीके से चुनाव लेने की तैयारी करता है, तो ही चुनाव करवाए जाने चाहिए अन्यथा इलेक्शन की बजाए सीधे-सीधे सत्ताधारियों का सिलेक्शन ही करते हुए अपनी जिम्मेदारियों से मुक्त हो जाना बेहतर रहेगा.

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