राष्ट्रीय खाद्य तेल अभियान : प्लॉट, गोदामों के निर्माण के लिए 33 प्रतिशत सब्सिडी
अनुदान से तेलबीज प्रक्रिया यूनिट

अमरावती/दि.3-तिलहन उत्पादक किसानों के लिए सरकार ने एक नई पहल लागू करने का फैसला किया है. इसके तहत राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन के माध्यम से तिलहन प्रक्रिया इकाइयों और गोदामों के निर्माण और प्लांट निर्माण की लागत के लिए 33 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी. इस योजना से तेल आधारित स्थानीय उद्योगों को नई ताकत मिलेगी, जिससे युवाओं को रोजगार मिलेगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढावा मिलेगा. इस योजना के तहत न केवल प्रक्रिया यूनिट बल्कि तिलहन भंडारण और तेल भंडारण के लिए गोदामों के निर्माण पर भी सब्सिडी दी जा रही है. इससे व्यापारी, उत्पादक और उद्यमी टिकाऊ और सुरक्षित भंडारण व्यवस्था स्थापित कर सकेंगे. जिले में मूंगफली, सोयाबीन, तिल, करडई, सरसों आदि तिलहन फसलें हर जगह उगाई जाती हैं. हालांकि, स्थानीय स्तर पर प्रक्रिया उद्योगों की कमी के कारण उत्पादक किसानों के लिए कोई गुंजाइश नहीं थी और उन्हें अपनी कृषि उपज का उचित मूल्य नहीं मिल रहा था. इसलिए, इस अभियान के तहत स्थापित प्रक्रिया उद्योग किसानों के लिए एक उपलब्धि होगी. खाद्य तेल अभियान के जरिए देश में निवेश बढेगा.
* ये दस्तावेज महत्वपूर्ण हैं
संस्था का पंजीकरण प्रमाण पत्र, परियोजना रिपोर्ट, बैंक से ऋण स्वीकृति प्रमाण पत्र, भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र या लीज एग्रीमेंट, आधार कार्ड, पिछले वर्ष की लेखा परीक्षक की वित्तीय रिपोर्ट, बैंक पासबुक, ग्राम पंचायत, नगर पालिका प्रमाण पत्र आदि दस्तावेज महत्वपूर्ण हैं.
* 33 फीसदी सब्सिडी
खाद्य तेल मिशन के तहत तिलहन प्रसंस्करण इकाइयों और गोदामों के निर्माण तथा भूखंडों के निर्माण के लिए 33 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाएगी. मिशन के तहत केंद्र सरकार द्वारा इसके लिए अधिकतम सीमा तय की गई है.
* यह योजना किसके लिए?
राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन किसान उत्पादक संगठनों, सहकारी समितियों, ग्रामीण विकास संगठनों, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों, व्यक्तिगत उद्यमियों के लिए है. आवेदक तिलहन फसल क्षेत्र में काम करने वाला होना चाहिए. इस योजना का लाभ जल्द ही मिलेगा. इसके अलावा यह योजना महिला स्वयं सहायता समूहों, युवा उद्यमियों और बेरोजगार युवाओं के लिए भी फायदेमंद है.
* तिलहन उद्योग का भविष्य उज्ज्वल
ैइस अभियान के तहत तिलहन प्रक्रिया इकाइयों को बढावा दिया जाएगा. साथ ही स्थानीय बाजार में गुणवत्तापूर्ण खाद्य तेल उपलब्ध होगा. कृषि उपज को अच्छे दाम मिलेंगे, साथ ही युवाओं को रोजगार भी मिलेगा.
* राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन, क्या है योजना?
इस अभियान का उद्देश्य तिलहन फसलों की गुणवत्ता में सुधार लाना और स्थानीय स्तर पर उनकी प्रक्रिया करके घरेलू खाद्य तेल उत्पादन को बढ़ाना है. देश अभी भी खाद्य तेल के लिए आयात पर बहुत अधिक निर्भर है. यह एक सच्चाई है. हालांकि, इस योजना के माध्यम से स्थानीय उद्योगों को बढावा मिलेगा. साथ ही, किसानों की आय बढेगी, स्थानीय उद्योग मजबूत होंगे और रोजगार के अवसर निर्माण होंगे.
* पात्रता मानदंड क्या हैं?
लाभार्थी की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए, व्यवसाय के लिए खुद की या किराए की जगह की आवश्यकता है. परियोजना तैयार करते समय, व्यवसाय योजना और लागत का विवरण प्रस्तुत करना होगा. लाभार्थियों के पास आवश्यक तकनीकी लाइसेंस और प्रमाण पत्र होना आवश्यक है. परियोजना के लिए बैंक वित्तीय सहायता की मंजूरी आवश्यक है. निर्धारित प्रारूप में आवेदन, ऑडिटर की रिपोर्ट और अन्य दस्तावेज आवश्यक हैं. प्रशासन ने कहा कि इन सभी दस्तावेजों, एनओसी प्रमाण पत्र के साथ, योजना के लिए निर्धारित प्रारूप में कृषि कार्यालय में आवेदन जमा करना होगा.





