जिले में लगभग 21 हजार ‘लाडली बहनें’ फंसी संकट में

आर्थिक लाभ वाली योजना हेतु साबित हुई अपात्र

* पात्रता सूची की जांच जारी, लाभार्थी महिलाओं में रोष
अमरावती /दि.21 – मुख्यमंत्री ‘माझी लाडकी बहीण योजना’ का लाभ लेनेवाली जिले की 21 हजार 106 लाडली बहनें अब अपात्रता के संकट फंस गई है. क्योंकि उन्हें इस योजना हेतु अपात्र बताते हुए उन्हें प्रति माह दिए जाने वाले डेढ हजार रुपए का आर्थिक लाभ देना बंद कर दिया गया है. जिला व बालविकास विभाग को इससे संबंधित सूची प्राप्त हो चुकी है, जिसकी अब जांच-पडताल की जा रही है.
बता दें कि, विधानसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार द्वारा शुरु की गई लाडली बहन योजना अच्छी-खासी चर्चित हुई थी. महिलाओं को आर्थिक आजादी देने के साथ ही उनके स्वास्थ्य व पोषण में सुधार करने तथा परिवार में उनकी निर्णायक भूमिका को मजबूत करने के लिए यह योजना शुरु की गई थी. मध्य प्रदेश में पूरी तरह से सफल रहनेवाली इस योजना को महाराष्ट्र में भी चलाने का निर्णय तत्कालिन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा लिया गया था और इसी योजना के भरोसे विधानसभा चुनाव में महायुति को स्पष्ट बहुमत भी मिला था. जिसके बाद महायुति के कई नेताओं ने अपने साथ लाडली बहनों का आशीर्वाद रहने की प्रतिक्रिया दी थी. परंतु विधानसभा चुनाव के निपटते ही इस योजना के पात्र व अपात्र लाभार्थियों का सर्वेक्षण शुरु हुआ और पात्र व अपात्र लाभार्थियों की पडताल करनी शुरु की गई. इसके जरिए अब तक 21 हजार 106 लाडली बहने अपात्र रहने की जानकारी सामने आई है. वहीं शेष लाभार्थियों के आवेदनों की पडताल की जा रही है. जिन महिलाओं के पास कार रहने के बावजूद उनके नाम इस सूची में शामिल है, उनके नामों को इस योजना से हटा दिया गया है. इसके अलावा जिले में इस योजना में शामिल 5 हजार 50 महिलाओं का अब तक कहीं कोई पता नहीं चल पाया है. जिसके चलते ऐसी महिलाओं को दिया जानेवाला आर्थिक लाभ भी बंद कर दिया गया है, यह जानकारी देने के साथ ही महिला व बाल कल्याण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि, अब लाभार्थी महिलाओं के लिए ई-केवाईसी करने की मुदत को 31 दिसंबर तक बढा दिया गया है.

* इस वजह से ठहराया गया अपात्र
ढाई लाख रुपए की सालाना पारिवारिक आय रहनेवाली 18 से 65 वर्ष आयु गुट की महिलाओं को इस योजना का लाभ देने का सर्वसामान्य मानक तय किया गया था. जिसमें अब थोडा संशोधन किया गया है. इसके तहत बैंक खाते के साथ आधार कार्ड व पैन कार्ड के लिंक रहने, प्राप्ती कर व्यवहार की जांच करने का काम शुरु किया गया है. वहीं केवल महिलाओं के लिए शुरु की गई इस योजना का लाभ कई पुरुषों द्वारा भी लिए जाने की बात सामने आई है और सरकारी महिला कर्मचारियों व निराधार योजना की लाभार्थी महिलाओं सहित 65 वर्ष से अधिक आयु वाली महिलाओं द्वारा भी इस योजना का लाभ लिए जाने की जानकारी सामने आई है. जिसके चलते अब ऐसे अपात्र लाभार्थियों को इस योजना के दायरे से बाहर किया जा रहा है.

कुल लाभार्थी – 7,03,108
पात्र लाभार्थी – 6,96,436
जांच में लापता लाभार्थी – 5,050
अपात्र लाभार्थी – 21,106
फिलहाल पात्र लाभार्थी – 6,75,330

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