महिलांओं का ‘डिजीटल सशक्तिकरण’ वर्तमान की जरूरत

एड. यशोमति ठाकुर ने दी जानकारी

हिं.स./दि.२२
मुंबई -स्मार्टफोन, इंटरनेट आज हर तबके तक पहुंच गया है. इसका उपयोग बढने से कुछ असामाजिक तत्वों की ओर से इनका दुरूपयोग भी किया जा रहा है. असामाजिक तत्वों की ओर से महिलाओं को निशाना बनाया जा रहा है. इसीलिए युवतियों और महिलाओं को डिजीटली सक्षम बनाने की जरूरत आन पड़ी है. उक्ताशय के विचार महिला व बालविकास मंत्री एड. यशोमति ठाकुर ने व्यक्त किए. इसके अलावा विपदा में फंसी महिलाओं को शीघ्र न्याय दिलवाने के लिए राज्य महिला आयोग कार्यालय प्रत्येक विभागस्तर पर जल्दी क्रियान्वित करने की जानकारी भी उन्होंने दी. महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग और रिस्पांसिबल नेटीजम के संयुक्त तत्वावधान में डिजीटल महिला शक्ति उपक्रम का शुभारंभ एड. ठाकुर ने ऑनलाईन वेबीनार के जरिए किया. कार्यक्रम में राज्य महिला आयोग की सदस्य सचिव आस्था लुथरा, घनश्यामदास सराफ महाविद्यालय के अध्यक्ष अशोक सराफ, महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. जयंत आपटे, उपप्राचार्या लिपी मुखर्जी, रिस्पांसिबल नेटीजम की संस्थापिका सोनाली पाटणकर, सहसंस्थापक उन्मेष जोशी और सराफ महाविद्यालय के 350 छात्रों ने सहभाग लिया. राज्यमंत्री ठाकुर ने कहा कि हाल में एक अलग विश्व में हम जीवन गुजार रहे है. सबकुछ बंद है, मोबाईल की एकमात्र संवाद और संपर्क का जरिया बना हुआ है. लेकिन इसी दौर में ऑनलाईन अपराध भी बढ़ गए है. इसीलिए मोबाईल का सुरक्षित उपयोग करना जरूरी हो गया है. वहीं समाज के प्रत्येक नागरिक को जागरूक करना जरूरी है. डिजीटल महिला शक्ति उपक्रम के उद्देश्य से यह सफल किया जा सकता है. लॉकडाउन से अनलॉक के दौर में आयोग के पास लगभग ४०० शिकायतें प्राप्त हुई थीं. इन शिकायतों का निराकरण कर महिलाओं को न्याय दिलाने का काम किया गया है. डिजीटल महिला शक्ति उपक्रम अंतर्गत मुंबई, पुणे, ठाणे, अमरावती, नागपुर, औरंगाबाद, नासिक इन १० शहरों के १६ से २५ आयु समूह की ५००० महाविद्यालयीय छात्राओं को सायबर सुरक्षा का मार्गदर्शन के अलावा प्रशिक्षण देते हुए सायबर सखी के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा.
प्रशिक्षण में ‘सायबर अपराध और कानून’ इस सत्र में सोनाली पाटणकर ने हैकिंग, फेक प्रोफाईल, स्टॉकिंग (सायबर पाठलाग), मॉर्फिंग (चित्रों से छेडछाड), बॉडी शेमिंग, ट्रोंलिग, पोर्नोग्राफी के बारे में जानकारी दी.
‘सुरक्षा और सूचना’ सत्र में उन्मेष जोशी ने सुरक्षित इंटरनेट का उपयोग करने के संबंध में जानकारी दी. प्रशिक्षण क्लास को युवतियों ने बेहतर प्रतिसाद दिया. प्रशिक्षण के अंत में सायबर विश्व से जुड़ी विविध शंकाओं का निराकरण किया गया.

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