एडीसीसी संचालक आनंद काले के मामले में अगली सुनवाई 13 को

अमरावती /दि.7 – स्थानीय जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के संचालक आनंद काले का संचालकत्व रद्द करने की मांग करनेवाले मामले पर विभागीय सहनिबंधक गौतम वर्धन की कचहरी में बैंक संचालक हरीभाऊ मोहोड व उनके सहयोगियों द्वारा दायर मामले पर कल बुधवार 6 अगस्त को सुनवाई हुई. जिसमें अगली सुनवाई आगामी 13 अगस्त को होना तय किया गया है. इस मामले पर पर महाराष्ट्र सहकारी संस्था अधिनियम 1960 की धारा 73 (क) (अ) के अनुसार सुनवाई चल रही है.
ज्ञात रहे कि, बैंक के संचालक हरीभाऊ मोहोड सहित कुल 12 विपक्षीय संचालकों का आरोप है कि, सत्ताधारी पक्ष से वास्ता रखनेवाले बैंक के संचालक आनंद काले बैंक के हितों के खिलाफ काम करते है. इसी मुद्दे को लेकर काले के खिलाफ विभागीय सहनिबंधक के समक्ष शिकायत दर्ज कराई गई है. जिसके आधार पर सहकार विभाग ने आनंद काले के नाम संचालक पद रद्द किए जाने को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी की है. जिसके बाद इस मामले पर पहली सुनवाई 29 जुलाई को होनी थी, परंतु उस समय आनंद काले ने सुनवाई हेतु समय बढाकर मांगा, तो विभागीय सहनिबंधक ने एक सप्ताह की समयावृद्धि दी. इससे पहले भी इस मामले में 14 जुलाई तक स्पष्टीकरण मांगा गया था. परंतु खुद को नोटिस ही नहीं मिलने का युक्तिवाद करते हुए काले ने तय समय के भीतर स्पष्टीकरण ही पेश नहीं किया. जिसके चलते मामले की सुनवाई प्रलंबित रह गई.
जानकारी के मुताबिक हरीभाऊ मोहोड सहित जिला बैंक के 12 संचालकों द्वारा 21 अप्रैल 2025 को संचालक आनंद काले के खिलाफ शिकायत दर्ज कराते हुए कहा गया है कि, जिला बैंक के संचालक बनने के बाद से ही आनंद काले बैंक के हितों के खिलाफ अपनी मनमर्जी से काम कर रहे है और नियमों का उल्लंघन करते हुए जमकर अपहार भी कर रहे है. धारा 78 (अ) के अनुसार संचालक काले द्वारा किए गए खर्च का बोध नहीं हो रहा. अत: आनंद काले को संचालक पद से अपात्र घोषित किया जाए. ऐसे में इस निवेदन को सुनवाई हेतु स्वीकार करते हुए विभागीय सहनिबंधक ने आनंद काले को नोटिस जारी करने के साथ ही मामले की सुनवाई शुरु की. वहीं अब इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 13 अगस्त की तारीख तय की गई है.
* बच्चू कडू के मामले में 17 अगस्त को होगी सुनवाई
आनंद काले के संचालक पद को रद्द करने की मांग को लेकर मामले पर सुनवाई जारी रहने के साथ ही बैंक के अध्यक्ष बच्चू कडू के संचालक पद की अपात्रता का मामला भी न्यायप्रविष्ठ था. जिस पर फैसला सुनाते हुए विभागीय सहनिबंधक ने बच्चू कडू के सदस्यत्व को रद्द कर दिया था. जिसके चलते जिला मध्यवर्ती बैंक में अच्छा-खासा हडकंप मच गया था. वहीं इसके बाद यह मामला मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में पहुंचा और नागपुर खंडपीठ ने तुरंत ही बच्चू कडू को राहत देते हुए जिला सहनिबंधक के आदेश पर स्थगिती दी थी. ऐसे में अब वह स्थगनादेश ही कायम रहेगा या बच्चू कडू का अध्यक्ष व संचालक पद दुबारा खतरे में पड जाएगा, यह आगामी 17 अगस्त को होनेवाली सुनवाई के बाद स्पष्ट होगा.





