नीलेश वाघमारे अभी भी फरार

शालार्थ आईडी घोटाला

* एसआईटी भी नहीं खोज पा रही
नागपुर/दि.31 – सौ करोड रुपए से अधिक बताए जा रहे शालार्थ आईडी घोटाले में विशेष जांच दल एसआईटी तेजी से तहकीकात का दावा कर रही है. किंतु सच्चाई यही है कि, घोटाले कथित प्रमुख आरोपी नीलेश वाघमारे को एसआईटी भी तीन माह बाद खोज नहीं पाई है. जिससे वहां चर्चा हो रही है कि, वाघमारे को कोई बडा राजनीतिक वरदहस्त प्राप्त है. पुलिस का कहना है कि, इस घपले में वाघमारे महत्वपूर्ण आरोपी है. उसका पकडा जाना बेहद जरुरी है. एसआईटी लगातार प्रयास कर अब तक 20 आरोपियों को दबोच चुकी है. जिसमें शिक्षा महकमें के पूर्व बडे अधिकारी शामिल है. दो रोज पहले जांच दल ने पुणे से दो महत्वपूर्ण अधिकारियों को गिरफ्तार किया है.
* वाघमारे क्यों अहम?
नागपुर जिले में 2019 से गैरकानूनी रुप से शालार्थ आईडी देकर वेतन से अपात्र अध्यापक और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को वेतन दिया गया. अब तक 690 अध्यापकों के नाम सामने आए हैं. उन्होंने वेतन के तौर पर सरकार के करोडों हडप लिए हैं. इस प्रकरण में नीलेश वाघमारे को निलंबित किया गया था. पहली बार पकडे गए शिक्षा उपसंचालक उल्हास नरड की शिकायत और रिपोर्ट पर वाघमारे का निलंबन किया गया था. वाघमारे का पकडा जाना महत्वपूर्ण बताया जा रहा है. जबकि समस्त नागपुर और पूर्व विदर्भ में चर्चा है कि, इतने बडे अपहार में कोई बडी मछली भी लिप्त हो सकती है.
* कहां जाकर छिपा?
वाघमारे के विषय में पहले बताया गया था कि, वह तीन बार गोवा गया है. इसलिए नागपुर में अनेक स्थानों पर रेड के बाद एसआईटी ने गोवा में भी जाकर वाघमारे की तलाश की, किंतु वह हाथ नहीं लगा. पुलिस ने वाघमारे की सहायता करनेवाले पर भी कार्रवाई का इशारा दिया था. बावजूद इसके वह अब तक पकडा नहीं जा सका है. जिससे नाना प्रकार की चर्चा सुनने मिल रही है.

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