अब गुटखा तस्करों पर लग सकता है मकोका!

मंत्री झिरवल ने विधान परिषद में दी जानकारी

* भाजपा विधायक श्रीकांत भारतीय ने उठाया मुद्दा
* राज्य में गुटखाबंदी को बताया पूरी तरह से फेल
मुंबई /दि.18- भाजपा विधायक श्रीकांत भारतीय ने राज्य में धडल्ले के साथ हर ओर हो रही गुटखा विक्री का मुद्दा उठाते हुए कहा कि, राज्य में गुटखाबंदी पूरी तरह से बेअसर है और गुटखाबंदी को लेकर राज्य सरकार द्वारा किए जानेवाले दावे भी हास्यास्पद है. खुद राज्य के अन्न व औषधी प्रशासन मंत्री द्वारा सदन में खडे रहकर स्वीकार किया गया कि, 1 अप्रैल से 30 अप्रैल 2025 तक एक माह के अवधि दौरान अलग-अलग स्थानों से सवा तीन करोड रुपयों का गुटखा पकडा गया है. इससे यह स्पष्ट तौर पर साबित होता है कि, राज्य में अब भी करोडों रुपयों का गुटखा बिक रहा है, इस आशय का सनसनीखेज दावा विधान परिषद में भाजपा के विधायक श्रीकांत भारतीय द्वारा किया गया. साथ ही उन्होंने इस बारे में मंत्री नरहरी झिरवल द्वारा दिए गए जवाब को असंवेदनशील व असंतोषजनक बताया.
उल्लेखनीय है कि, राज्य में तेजी के साथ फलफूल रहे अवैध गुटखा व्यवसाय को लेकर विधायक श्रीकांत भारतीय ने गत रोज ही विधान परिषद में मुद्दा उपस्थित किया था और स्पष्ट आरोप लगाया था कि, राज्य में गुटखा व पान मसाला के उत्पादन, वितरण व विक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहने के बावजूद बाहरी राज्यों से गुटखे की धडल्ले के साथ महाराष्ट्र में तस्करी की जा रही है और चोरी-छिपे लाए जानेवाले गुटखे की राज्य में अलग-अलग स्थानों पर विक्री भी हो रही है. जिसके बाद विधान परिषद में कई विपक्षी विधायकों ने भी इस मुद्दे पर हुई चर्चा में हिस्सा लेते हुए राज्य सरकार को जमकर घेरा और आरोप लगाया कि, गुटखा तस्करी व अवैध विक्री के व्यवसाय में गुटखा उत्पादकों व तस्करों सहित गुंडे-बदमाशों व पुलिस की जबरदस्त मिलिभगत चल रही है और कई कुख्यात अपराधी इस व्यवसाय के साथ जुडकर ‘गब्बर’ हो गए है. जिस पर जवाब देते हुए मंत्री झिरवल ने कहा था कि, राज्य में खुलेआम गुटखा विक्री होने के बारे में उनके पास कोई जानकारी नहीं है. लेकिन राज्य में अब तक 450 करोड रुपए से अधिक मूल्य वाले गुटखा व तंबाकूजन्य उत्पादों की खेप को जब्त करते हुए 10 हजार से अधिक मामले दर्ज किए गए है. जिसमें से अकेले अप्रैल माह के दौरान ही सवा तीन करोड रुपए से अधिक का गुटखा जब्त हुआ है.
मंत्री नरहरी झिरवल के इसी जवाब को आधार बनाते हुए भाजपा विधायक श्रीकांत भारतीय ने कहा कि, राज्य में गुटखाबंदी का दावा पूरी तरह से हास्यास्पद है और गुटखा तस्करों द्वारा राज्य के युवाओं के स्वास्थ व भविष्य के साथ खुलेआम खिलवाड किया जा रहा है. तेजी से फलफूल रहे गुटखा व्यवसाय के पीछे किसका वरदहस्त है, यह देखे जाने की सख्त जरुरत है. क्योंकि एफडीए द्वारा छोटी-मोटी पान टपरियों पर गुटखा बेचनेवाले छोटे-मोटे विक्रेताओं पर कार्रवाई करते हुए अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली जाती है. जबकि गुटखा तस्करी व विक्री में लिप्त बडी मछलियों पर कभी हाथ ही नहीं डाला जाता. यही वजह है कि, कई बडे-बडे अपराधी पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिलिभगत करते हुए गुटखा तस्करी के व्यवसाय में गब्बर हो गए है. ऐसे में बेहद जरुरी है कि, गुटखा तस्करी व विक्री को लेकर पुलिस तथा अन्न व औषधी प्रशासन विभाग के अधिकारियों की भी जवाबदेही तय की जाए और यदि उनकी नियुक्ति वाले क्षेत्रों में गुटखा विक्री होती पाई गई तो उनके खिलाफ भी कडी कार्रवाई की जाए.
इस समय विधायक श्रीकांत भारतीय ने कहा कि, आज राज्य के लगभग सभी इलाको में गुटखा विक्री धडल्ले के साथ हो रही है और ग्रामीण इलाको में 75 फीसद कैन्सर मरीज केवल गुटखे की वजह से कैन्सरग्रस्त होने की जानकारी है. जिसके चलते गुटखे के दुष्परिणामों की भयावहता का अंदाजा लगाया जा सकता है. ऐसे में राज्य सरकार ने इस विषय की गंभीरता को समय रहते समझना चाहिए.
* मंत्री ने गुटखा तस्करों पर मकोका लगाने का विचार रहने की बात कही
विधायक श्रीकांत भारतीय द्वारा उपस्थित किए गए इस मुद्दे पर जवाब देते हुए एफडीए विभाग के मंत्री नरहरी झिरवल ने कहा कि, वर्ष 2012 में लागू किए गए गुटखाबंदी अधिनियम को प्रति वर्ष एक-एक साल की समयावृद्धि दी जाती है और विगत लंबे समय से इस कानून में कोई संशोधन नहीं हुआ है. ऐसे में राज्य सरकार द्वारा जल्द ही इस कानून में संशोधन किया जाएगा. जिसके तहत गुटखा तस्करी व विक्री के मामले में पकडे जानेवाले लोगों के खिलाफ मकोका के तहत कार्रवाई करने पर विचार किया जाएगा. साथ ही उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि, राज्य सरकार राज्य में गुटखाबंदी पर प्रभावी अमल करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है.

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