सभी शालाओं से लिए जाएंगे पोषाहार के सैम्पल
पुणे की प्रयोगशाला में होगी जांच

* शिक्षाधिकारी के पत्र से जारी हुआ निर्देश
अमरावती /दि.20 – शालाओं में बच्चों को दिए जानेवाले पोषाहार से किसी भी तरह की विषबाधा न हो, इस बात के मद्देनजर अब सभी निजी अनुदानित व अंशत: अनुदानित शालाओं सहित मनपा व जिला परिषद की शालाओं में पोषाहार सहित धान्यादी वस्तुओं के सैम्पलो की जांच की जाएगी. जिसके लिए पुणे की एक प्रयोगशाला को जिम्मेदारी सौंपी गई है. इसे लेकर सभी शालाओं के मुख्याध्यापकों के नाम सोमवार 18 अगस्त को ही शिक्षाधिकारी की ओर से एक पत्र जारी हुआ है. जिसके चलते सभी शालाओं के मुख्याध्यापकों व संचालकों में अच्छा-खासा हडकंप व्याप्त है.
बता दें कि, प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना अंतर्गत केंद्र व राज्य सरकार की स्थानीय स्वायत्त निकायों द्वारा संचालित शालाओं सहित सभी निजी अनुदानित व अंशत: अनुदानित शालाओं में पहली से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को मध्यान्ह भोजन योजना का लाभ दिया जाता है. केंद्र सरकार के मार्गदर्शक निर्देशानुसार इस योजना के तहत कक्षा पहली से पांचवीं के विद्यार्थियों को 450 उष्मांक व 12 ग्राम प्रोटीनयुक्त तथा कक्षा छठवीं से आठवीं के विद्यार्थियों को 700 उष्मांक व 20 ग्राम प्रोटीनयुक्त भोजन दोपहर के समय दिया जाता है. परंतु इस योजना के तहत दिए जानेवाले मध्यान्ह भोजन से विषबाधा होने की कई घटनाएं राज्य में अलग-अलग स्थानों से सामने आ चुकी है. ऐसी घटना की पुनरावृत्ति को रोकने हेतु राज्य सरकार द्वारा 1 अगस्त 2025 को मानक कार्यपद्धति यानि एसओपी निश्चित की गई है. जिसका कडाई के साथ पालन हो रहा है अथवा नहीं इसकी जांच करने हेतु सभी शालाओं में पोषाहार व धान्यादी वस्तुओं के सैम्पलों की पडताल की जाएगी.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक पुणे स्थित प्रयोगशाला की एक टीम शालाओं को प्रत्यक्ष भेंट देते हुए पोषाहार सहित अन्नधान्य के सैम्पलो को संकलित करेगी और इन सैम्पलो की तकनीकी आधार पर जांच-पडताल की जाएगी. जिसके जरिए यह पता चलेगा कि, विद्यार्थियों को परोसे जानेवाले पोषाहार की गुणवत्ता कैसी है. इसके साथ ही प्रयोगशाला की टीम द्वारा रसोई घर की साफसफाई को भी देखा जाएगा.
* गोदामों की भी होगी पडताल
प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना अंतर्गत निजी अनुदानित, अंशत: अनुदानित व स्थानीय स्वायत्त निकायों की शाला को जून, जुलाई व अगस्त ऐसे तीन माह के पोषाहार हेतु चावल सहित अन्य जरुरी अन्नधान्य उपलब्ध कराया जा चुका है. इस माल का स्टॉक जुलाई अंत तक जिला आपूर्ति ठेकेदार द्वारा सभी शालाओं को भेज दिया गया है. परंतु शालाओं में विद्यार्थियों की उपस्थिति व पोषाहार के प्रमाण को लेकर कई स्थानों पर अच्छा-खासा फर्क देखा जा रहा है. जिसके चलते शिक्षाधिकारी द्वारा शालाओं में अन्नधान्य जैसी वस्तुओं के जमा रखनेवाले गोदामों की भी जांच-पडताल की जाएगी. इसके चलते कई शालाओं के कामकाज की असलियत भी उजागर हो सकती है.
* मनपा क्षेत्र में होगी 63 शालाओं की जांच
मनपा क्षेत्र में निजी अनुदानित, अंशत: अनुदानित शालाओं सहित मनपा की शालाओं में पोषाहार व धान्यादी वस्तुओं के सैम्पलो की जांच-पडताल की जाएगी. पुणे स्थित प्राथमिक शिक्षा संचालक के मार्फत अनुष्का फूड एंड वॉटर टेस्टींग लैब नामक प्रयोगशाला द्वारा अपनी टीम के जरिए शाला स्तर पर धान्यादी वस्तुओं सहित तैयार पोषाहार के सैम्पलो का संकलन कर उन्हें जांच-पडताल के लिए प्रयोगशाला में भेजा जाएगा. मनपा क्षेत्र में ऐसी करीब 63 शालाओं में चेकिंग होगी.
* महिला बचत गटों के पास है पोषाहार तैयार करने की जिम्मेदारी
कक्षा पहली से आठवीं के विद्यार्थियों को मध्यान्ह पोषाहार योजना के तहत पौष्टीक व स्वादिष्ट भोजन मिले इस हेतु संबंधित क्षेत्रों के महिला बचत गटों को पोषाहार तैयार करने का जिम्मा सौंपा गया है. इसके तहत बचत गटों को प्रति विद्यार्थी के हिसाब से इंधन, सागसब्जी व रसोई खर्च हेतु भुगतान किया जाता है.
* विगत 8 दिनों से शालाओं में पोषण आहार व धान्यादी वस्तुओं के सैम्पलो की जांच रिपोर्ट पेश की जा रही है. प्रति वर्ष इस तरह के सैम्पल लेकर उन्हें जांचा जाता है. परंतु इस वर्ष सरकार ने पुणे स्थित एक प्रयोगशाला की अधिकृत तौर पर नियुक्ति की गई है. उक्त प्रयोगशाला की टीम के अमरावती आने का शेड्यूल मिलना बाकी है.
– डॉ. प्रकाश मेश्राम
शिक्षाधिकारी, मनपा, अमरावती.





