रापनि बस में छाता लगाकर करनी पड रही यात्रा
अमरावती-नागपुर बस में पैदा हुई अजब स्थिति

* महामंडल की लापरवाही पर यात्रियों में गुस्सा
अमरावती/दि.16 – महाराष्ट्र राज्य मार्ग परिवहन महामंडल के अमरावती विभाग के बडनेरा आगार की एमएच-40 बीएल-4059 क्रमांक वाली बस से अमरावती-नागपुर मार्ग पर यात्रा करते समय ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई कि यात्रियों को चलती बस में खुले खिड़कियों से सीधे बारिश का पानी झेलना पड़ा. ऐसे में कुछ यात्रियों नेे अपने पास रहनेवाले छाते को अपनी यात्रा पूरी की. यह घटना आज 16 सितंबर को ही घटित हुई, जिससे यात्रियों में भारी रोष व्याप्त है.
जानकारी के अनुसार, यह बस अमरावती से दोपहर 3.02 बजे नागपुर की ओर रवाना हुई थी. अमरावती से नागपुर तक मूसलधार बारिश हो रही थी, लेकिन बस में वाहक की तरफ खिड़कियां ही नहीं थीं. परिणामस्वरूप, खिड़कियों से बारिश का पानी सीधे यात्रियों के ऊपर गिर रहा था. यात्रियों की स्थिति असहज हो गई, उनके कपड़े भीग गए और बस के अंदर का माहौल अत्यंत विकट हो गया. इसी समय एक यात्री ने अपने पास रहनेवाले छाते को अपनी यात्रा पूरी की. वहीं अन्य यात्री खिडकी से आते बारिश के पानी से भिगने पर मजबूर रहे.
इस घटना को रापनि प्रशासन की गंभीर लापरवाही का उदाहरण माना जा सकता है. इस घटना से गुस्साए यात्रियों का कहना रहा कि, रापनि द्वारा टिकट दरें तो बढ़ाई जा रही हैं, लेकिन बसों की मरम्मत पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा. साथ ही एसटी महामंडल बस यात्रियों को बुनियादी सुविधाएं देने में पूरी तरह असफल साबित हो रहा है. जिसके चलते इतनी भीषण बारिश में बस यात्रियों को बस के भीतर भिगते हुए यात्रा करने पर मजबूर होना पड रहा है. इस घटना के सामने आने में परिवहन विभाग के खिलाफ व्यापक नाराजगी व्याप्त है. यात्रियों का कहना है कि, एसटी प्रशासन हमेशा घाटे का हवाला देते हुए यात्रियों की समस्या को अनदेखा करता रहा है. लेकिन यात्रियों के मुद्दों पर इस तरह से लापरवाही लगातार बढ़ती जा रही है. अब यात्रियों ने सरकार और परिवहन विभाग से सख्त मांग की है कि, बसों की तात्कालिक मरम्मत की जाए, ताकि यात्रा सुखद और सुरक्षित बन सके, नहीं तो व्यापक आंदोलन छेड़ा जाएगा.यह घटना फिर से यह स्पष्ट कर देती है कि महामंडल बसें चलाने में तो आगे है, लेकिन यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा पर बिल्कुल ध्यान नहीं दे रहा. छत्री लाकर बस यात्रा करने की मजबूरी यात्रियों पर थोपना निश्चित रूप से महामंडल के लिए शर्मनाक है.





