एक अंगदाता 8 लोगों की जान बचा सकता है…
विदर्भ आयुर्वेदिक कॉलेज में विभिन्न प्रतियोगिताओं के माध्यम से अंगदान के प्रति जागरूकता

अमरावती /दि.20 – ‘विश्व अंगदान दिवस’ पूरी दुनिया में मनाया जाता है. इस दिवस का उद्देश्य लोगों को अंगदान के महत्व के बारे में जागरूक करना है और यह बताना है कि, कैसे एक व्यक्ति की पहल कई जरूरतमंद मरीजों को नया जीवन दे सकती है. हर साल भारत में लाखों लोग ऐसे होते हैं जिन्हें लिवर, किडनी, हृदय या आंख जैसे अंगों की सख्त जरूरत होती है, लेकिन समय पर दानकर्ता न मिलने के कारण उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ती है. जबकि, एक ब्रेन डेड व्यक्ति के अंग लगभग 8 लोगों की जान बचा सकते हैं. भारत में मानव अंग और ऊतक प्रत्यारोपण अधिनियम, 1994 जैसे कानून बनाए गए हैं. इस नेक कार्य के बारे में फैली भ्रांतियों को दूर करने, आज मानव संरक्षण के लिए अंगदान को आवश्यक बताने और इस संबंध में आम जनता में जागरूकता पैदा करने, उन्हें जानकारी और मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल द्वारा संचालित विदर्भ आयुर्वेदिक महाविद्यालय में विभिन्न गतिविधियों के साथ विश्व अंगदान दिवस मनाया गया. मंडल के प्रधान सचिव पद्मश्री प्रभाकरराव वैद्य, सचिव प्रो. डॉ. माधुरी ताई चेंडके ने इस सफल आयोजन पर बधाई दी.
श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल के विदर्भ आयुर्वेदिक महाविद्यालय के शरीर रचना विभाग द्वारा नव चिकित्सक विद्यार्थियों के माध्यम से विश्व अंगदान दिवस के अवसर पर विविध गतिविधियाँ मनाई गईं. शरीर रचना विभागाध्यक्ष डॉ. अतुल जैन के मार्गदर्शन में 3 से 13 तारीख तक लगातार दस दिनों तक भाषण प्रतियोगिता, स्लोगन/घोष प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता, रैली का आयोजन किया गया और शिवकृपा हाई स्कूल में कार्यक्रम, नाटक प्रस्तुति और एकांकी के माध्यम से अंगदान के प्रति जागरूकता पैदा की गई.
शरीर रचना विभाग के प्रमुख डॉ. अतुल जैन ने सभी कार्यक्रमों का सफल आयोजन किया. इस अवसर पर निदेशक डॉ. रवींद्र वाघमारे, प्राचार्य डॉ. संजय चोपकर के साथ-साथ महाविद्यालय के प्रा. डॉ. यानपल्लेवार, डॉ. प्रज्ञा शिंदे, डॉ. कंकाल, डॉ. क्रांति आमले, डॉ. डाखोरे, डॉ. देशपांडे, डॉ. इंगले आदि उपस्थित थे. इस अवसर पर एनाटॉमी विभाग द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर एक ऑनलाइन कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें भाईसाहेब आयुर्वेद महाविद्यालय सावंतवाड़ी के प्राचार्य डॉ. संजय दलवी द्वारा एक व्याख्यान का आयोजन किया गया. उन्होंने महाविद्यालय के विद्यार्थियों को इस बारे में विस्तार से मार्गदर्शन किया. मंडल के कार्यकारी अध्यक्ष एड. प्रशांत देशपांडे, उपाध्यक्ष डॉ. श्रीकांत चेंडके, कोषाध्यक्ष प्राचार्य डॉ. श्रीनिवास देशपांडे, सचिव डॉ. विकास कोलेश्वर, सचिव प्रा. रवींद्र खांडेकर, मंडल के जनसंपर्क अधिकारी अजय दुपारे और मंडल के पदाधिकारियों ने विदर्भ आयुर्वेदिक महाविद्यालय को इस समाजोन्मुखी, स्वास्थ्य संबंधी पहल के सफल आयोजन के लिए बधाई दी है.





