बाघ के हमले में एक चरवाहे की मौत, दूसरा लापता
चिखलदरा के कुलंघना जंगल परिसर की घटना

* जानवर चराने जंगल पहुंचे चरवाहों पर नरभक्षी बाघ ने किया हमला
* सूचना मिलते ही पूर्व विधायक पटेल ने वन अधिकारियों से किया संपर्क
* व्याघ्र प्रकल्प व पुलिस विभाग की टीम तुरंत पहुंची मौके पर
* मृतक व लापता चरवाहों के परिजन भी पहुंचे जंगल में, सभी का रो-रोकर बुरा हाल
चिखलदरा/दि.19 – समिपस्थ कुलंघना गांव के पास स्थित जंगल परिसर में जानवरों को चराने हेतु पहुंचे दो चरवाहों पर जंगल में झाडियों के पीछे छीपकर बैठे आदमखोर बाघ ने हमला कर दिया. इस नरभक्षी बाघ द्वारा किए गए हमले में प्रवीण सुखराम बेलसरे (17) नामक चरवाहे की मौत हो गई. वहीं गोविंद गोपाल कास्बेकर (17) नामक दूसरे चरवाहे का अब तक कहीं कोई पता नहीं चल पाया. इस घटना के बारे में जानकारी मिलते ही मेलघाट क्षेत्र के पूर्व विधायक राजकुमार पटेल ने तुरंत ही व्याघ्र प्रकल्प के सीसीएफ आदर्श रेड्डी सहित चिखलदरा पुलिस के अधिकारियों से संपर्क किया और बचाव पथक को तुरंत ही मौके पर भेजने का निर्देश जारी किया. जिसके बाद रेस्क्यू टीम तुरंत ही कुलंघना के जंगल में पहुंची. जहां से प्रवीण बेलसरे की लाश को बरामद करने के साथ ही गोविंद कास्बेकर नामक लापता चरवाहे की खोजबीन करनी शुरु की गई. इस समय तक दोनों चरवाहों के परिजन ने घने जंगल के बीच स्थित घटनास्थल पर पहुंच चुके थे, जिनका रो-रोकर बुरा हाल था.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक चिखलदरा तहसील अंतर्गत कुलंघना गांव निवासी प्रवीण बेलसरे व गोविंद कास्बेकर हमेशा ही अपने जानवरों को चराई हेतु एक साथ जंगल लेकर जाया करते थे और ये दोनों ही नाबालिग युवक आज सुबह भी हमेशा की तरह जानवरों को चराई के लिए लेकर जंगल गए हुए थे. जहां पर घने जंगल के बीच झाडियों के पीछे छीपकर बैठे एक बाघ ने इन दोनों चरवाहों पर अचानक ही धावा बोल दिया. इस समय बाघ द्वारा किए गए हमले में प्रवीण बेलसरे की मौके पर ही मौत हो गई और उसकी क्षतविक्षत लाश भी बरामद कर ली गई. लेकिन गोविंद कास्बेकर नामक दूसरे चरवाहे का कहीं कोई अता-पता नहीं चल पाया. इसके चलते संदेह जताया जा रहा है कि, संभवत: नरभक्षी बाघ उसे अपने साथ घसेटकर घने जंगल के भीतर लेकर गया हो. ऐसे में अब उस दूसरे चरवाहे की सरगर्मी के साथ खोजबीन व तलाश की जा रही है.
बता दें कि, विगत कुछ समय से मेलघाट के घने जंगलों में बाघ द्वारा इंसानों पर हमला किए जाने की घटनाओं में काफी अधिक इजाफा हो चला है. अभी कुछ दिन पहले ही मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प से सटे बारुखेडा के जंगल में बाघ द्वारा किए गए हमले में एक चरवाहे की मौत हो गई थी. जिसके अवशेष कई दिनों बाद मिल पाए थे. उस घटना के समय भी मृतक चरवाहे के साथ मौजूद दूसरा चरवाहा लापता हो गया था. उसे कई दिनों के बाद हिवरखेड के पास स्थित घने जंगलों से बरामद किया गया था. जारी वर्ष के दौरान मेलघाट के जंगलो में बाघ द्वारा इंसानों पर हमला किए जाने की करीब 4 से 5 घटनाएं घटित हो चुकी है. जिसके चलते अब इस परिसर में आदमखोर बाघ की अच्छी-खासी दहशत देखी जा रही है. साथ ही साथ अब आदमखोर हो चुके बाघ का बंदोबस्त किए जाने की मांग भी जोर पकड रही है.

कुलंगणा गांव पर दूसरा आघात, नदी की बाढ में बहकर बच्चे की मौत
समिपस्थ कुलंगणा खुर्द गांव में रहनेवाले आनंद रामकिसन मावस्कर नामक 8 वर्षीय बच्चे की नदी में आई बाढ में बह जाने के चलते मौत हो गई. इस बच्चे का शव बरामद कर लिया गया है. साथ ही इस घटना के चलते कुलंगणा खुर्द गांव में शोक की लहर व्याप्त है. इस घटना के साथ ही कुलंगणा खुर्द गांव पर मानों दुखों का पहाड टूट पडा है. क्योंकि आज सुबह ही कुलंगणा खुर्द गांव में रहनेवाले दो चरवाहों पर नरभक्षी बाघ द्वारा हमला किया गया और इस हमले में जहां एक चरवाहे की मौत हो गई, वहीं दूसरे चरवाहे का अब तक कहीं कोई पता नहीं चला है. लगभग इसी दौरान कुलंगणा गांव में रहनेवाले 8 वर्षीय बच्चे की नदी की बाढ में बह जाने के चलते मौत हो जाने की घटना भी सामने आई.





