बहिरम यात्रा शुरु होने में बचे अब केवल 10 दिन

अमरावती /दि.11 – विदर्भ में सबसे लंबे समय तक चलनेवाली बहिरम यात्रा आगामी 20 दिसंबर से शुरु होनेवाली है. जिसे ध्यान में रखते हुए यात्रा में दुकानों के लिए जगह की नीलामी 8 दिसंबर से शुरु हो गई है. प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी इस यात्रा में विदर्भ सहित राज्य एवं देश के विभिन्न इलाकों से हजारों-लाखों श्रद्धालु श्री क्षेत्र बहिरम में पहुंचेंगे. जिनकी भारी-भरकम भीडभाड को देखते हुए मूलभूत सुविधा, सुरक्षा व्यवस्था व प्रशासकीय नियोजन के साथ ही प्रशासन के समक्ष यात्रा व्यवस्थापन की चुनौती रहेगी.
बता दें कि, बहिरम यात्रा में सबसे प्रमुख समस्या पीने हेतु शुद्ध पानी को उपलब्ध कराना रहता है. जिसके चलते यहां पर आनेवाले श्रद्धालुओं को बोतलबंद पानी पर निर्भर रहना पडता है. क्योंकि प्रशासन द्वारा भले ही पानी की नई टंकी को तैयार किया गया है, परंतु पूरे यात्रा परिसर में फिल्टर वाले पानी की मशीन कहीं पर भी लगाई नहीं गई है. जिसके चलते पानी की वजह से पेट की बीमारियों सहित संसर्गजन्य बीमारियों की समस्या पैदा हो सकती है. इसके साथ ही यहां आनेवाले भाविकों की संख्या की तुलना में यहां पर उपलब्ध रहनेवाले शौचालयों की संख्या भी अपर्याप्त है. जिनकी नियमित तौर पर साफ-सफाई नहीं होने के चलते गंदगी, दुर्गंध व संसर्गजन्य बीमारियों का खतरा बढ जाता है. विशेष तौर पर रात के समय यह मामला बेहद गंभीर हो जाता है.
ज्ञात रहे कि, श्री क्षेत्र बहिरम बाबा की यात्रा समूचे विदर्भ क्षेत्र में आस्था, परंपरा व श्रद्धा का एक बडा केंद्र है. जहां पर लाखों भाविकों के आगमन की बात को ध्यान में रखते हुए सुव्यवस्थित, सुरक्षित व स्वच्छ व्यवस्थापन उपलब्ध कराना प्रशासन का प्रथम कर्तव्य है. इस बात के मद्देनजर यात्रा शुरु होते समय पंचायत समिति व पुलिस प्रशासन द्वारा की जा रही तैयारियों पर सभी की निगाहें लगी हुई है. वहीं दूसरी ओर तमाम असुविधाओं को दूर करते हुए श्रद्धालुओं के लिए सुगम व सुरक्षित यात्रा उपलब्ध कराने का प्रयास प्रशासन द्वारा किया जा रहा है.

* यात्रा में स्वच्छ भारत अभियान की अनदेखी
इस समय पूरे देशभर में बडे ही जोरदार ढंग से स्वच्छ भारत अभियान चलाया जा रहा है. परंतु बहिरम यात्रा जैसे विशालकाय आयोजन में कचरा पेटियों का सर्वथा अभाव है. इस यात्रा में होटल, दुकान, भोजनालय व राहुटी हेतु ‘डोर टू डोर’ कचरा संकलन की सुविधा नहीं है. जिसके चलते घनकचरा व्यवस्थापन नहीं हो पाता. ऐसे में यहां पर फैलनेवाली गंदगी व अस्वच्छता से स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा होने की पूरी संभावना है.

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